रांची में नया वाटरपार्क: Aquatica Fun Plex | शानदार राइड्स और मस्ती का हब

Aquatica Fun plex waterpark 202 5

रांची में खुला एक और वाटरपार्क | | Aquatica Fun plex waterpark 202 5

गर्मी के मौसम आते ही लोगो वाटर पार्क में खूब मस्ती करने का मन करता है वैसे में आप रांची के हैं या रांची से बहार का भी तो तैयार हो जाइये एक नए Aquatica Fun plex waterpark के जो एक नये अन्दाज में रांची में खुल रहा है ।  ये वाटर पार्क मार्च के प्रथम सप्ताह से खुलने की उम्मीद है | चुकी यह वाटर पार्क अभी नया है तो इसके  बारे में बहुत को नही भी  पता होगा तो चलिए  आज आपको हम इस Aquatica Fun plex waterpark के बारे कुछ जानकारी दे रहे |

New waterpark in Ranchi  Aauatica Fun plex waterpark in ranchi

Aquatica Fun plex waterpark 202 5
Aquatica Fun plex waterpark 202 5

जी हाँ यदि आप waterpark का मजा लेना चाहते वो रांची में सबसे नजदीक में तो तैयार हो जाइये एक नए वाटर पार्क का मजा लेने के लिए जिसका नाम है Aauatica Fun plex waterpark in ranchi और यह तुपुदाना के पास में स्थित है तो जल्द ही रांची वासियों के लिए summer सीजन के ये नया वाटर पार्क खुलने को तैयार है रांची मेन towon से 20 किलोमीटर तुपुदाना बायोडायवर्सिटी  पार्क के पास स्थित है |

क्या क्या विशेषताएं हैं Aauatica Fun plex waterpark  वाटर पार्क में

  • पेंडुलम स्लाइड
  • बॉडी रोल
  • वेभ पुल
  • बर्थडे पार्टी ,शादी  सेरेमनी के लिए बुक कर सकते
  • लोकर ड्रेस ,रेंट में ले सकते हैं
  • carzy river

खाने के लिए  रेस्टोरेंट भी उपलब्ध है

  • यदि वाटर पार्क आने के बाद भूख लगती है तो आप रेस्टोरेंट में खाना भी खा सकते है और इस रेस्टोरेंट का नाम   सेवरी डी-लाइट है जिसमे आपको सभी तरह स्ट्रीट फ़ूड भी मिल जायेगा |

 

इसे भी पढ़े –Hirni falls || Hidden Place Hirni Watarfalls | हिरनी जलप्रपात

Adar Market आंखिर 15 किलोमीटर से पैदल क्यों आते हैं : आदर बाजार

Adar Market एक पारंपरिक स्थनीय बाजार: आदर बाजार

 


मवेशी बाजार

Local Market Adar : झारखंड के पारंपरिक स्थानीय बाजार  की बात करें तो इन बाजारों में वस्तुएं व अन्य खाद्य उत्पादों एवं जनजातियों द्वारा बनाए गए उत्पादों का विशेष प्रदर्शन होता है जहां खरीद बिक्री किया जाता है आपको बता दे कि झारखंड के स्थानीय बाजार साप्ताहिक होता है

और सप्ताह में किसी एक दिन लगता है जहां पर लोग एक सप्ताह का पूरा सामान खरीद बिक्री कर अपने जीविका चलाने के लिए खरीद कर ले जाते हैं झारखंड के पहाड़ों में बसे आदिम जनजाति एवं आदिवासी बहुल क्षेत्र पर इस तरह के बाजार आपको देखा जा सकता है जहां पर साप्ताहिक तौर पर खरीद बिक्री कर अपने दैनिक उपयोग के लिए सामान खरीद कर ले जाते हैं एवं एक सप्ताह तक उसका उपयोग करते हैं

आदर बाजार

आदर बजार आज से लगभग 240 साल पूर्व  से इस जगह पर एक छोटा सा चार समूह का खरीद बिक्री किया जाता था एक बुजुर्ग कहना है कि हमारे दादाजी बताते थे कि इस जगह पर एक बहुत बड़ा बरगद का पेड़ था इस पेड़ के नीचे चार-पांच लोग का समूह बैठकर छोटा-मोटा सब्जी बैल बकरी अन्य सामान की खरीद बिक्री किया जाता था दिन प्रतिदिन व्यतीत होता गया  और समय के साथ साथ हर चीज बदलता चला गया  और आज यहां  बड़े भू भाग में ये बाजार लगता है | उस समय  कौड़ी के रूप में उपयोग किया जाता था दिन प्रतिदिन व्यतीत के साथ अंग्रेजों के शासनकाल के बाद धीरे-धीरे इस जगह से रास्ता का निर्माण किया गया और फिर हर चीज में बदलाव देखने को मिलने लगा |

आदर बाजार का महत्व (Adar Market)

आदर बाजार  Adar market में खाद्य सामग्री से लेकर पहनने के लिए चप्पल जूता एवं बर्तन के अन्य सामानों के साथ-साथ पारंपरिक स्थानीय लोगों के मिट्टी के बर्तन, बंबू का बनाया हुआ बुनकर जंगलों से लाया हुआ सांग इस तरह के इस बाजार में आपको पारंपरिक एवं ट्रेडिशनल देखने को मिलता है आपको बता दे की आदर बाजार झारखंड के उन सुदरवर्ती क्षेत्र में से एक है जहां आदिवासी बहुत क्षेत्र कहा जाता है कहा जाए तो आदर बाजार इन क्षेत्रों का एक लाइफ लाइन है जो अपने दैनिक उपयोग की सारी चीज साप्ताहिक हाट में मिल जाती है

और लोग इस साप्ताहिक बाजार weekly Market पर आकर अपना जीविका के साधन आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टिकोण से लोगों का यह एक रोजगार का साधन भी है इस तरह से हम कर सकते हैं कि आदर बाजार आदिवासी बहुत क्षेत्र में एक नया आयाम एवं एक सुविधा का केंद्र है जहां लोग शहर ना जाकर बाजार से खरीद बिक्री कर अपने गांव तक ले जाते हैं आज भी इस इलाके में कई ऐसे गांव है जो जंगल के सुदरवर्ती क्षेत्र पर है जो 10-15 किलोमीटर से पैदल चलकर बाजार आते हैं और इस साप्ताहिक हाट में अपने जरूरी का सामान खरीद बिक्री कर चले जाते हैं और एक सप्ताह का इंतजार करते हैं

आदर बाजार सप्ताह में रविवार को लगता है  SUNDAY MARKET

पारंपरिक एवं स्थानीय हॉट local Market होने के साथ-साथ आदर बाजार एक निश्चित दिन को लगता है जो कि रविवार होता है और इस रविवार sunday को साप्ताहिक बाजार जिसे की इतवार बाजार कहा जाता है इस बाजार में लगभग 50 किलोमीटर दूर से लोग इस बाजार में अपना सामान को बिक्री करने के लिए आते हैं जिसमें से लोहरदगा ,गुमला जैसे जिले भी शामिल है इस बाजार की खास बात यह भी है कि यह झारखंड के सबसे ऊंचे स्थान नेतरहाट जाने वाले रास्ते में पड़ता है जिससे कि जो लोग नेतरहाट को Visit करने के लिए जा रहे हैं मुख्यतः रविवार के दिन वह इस बाजार को पार कर कुछ ना कुछ सब्जी सामान खरीद कर ले जाते हैं

पारंपरिक वस्तुएं एवं खरीद बिक्री

BAMBO CARFTING (बांस का हस्तकला )

इस बाजार में आपको पारंपरिक वस्तुओं जैसे मिट्टी के बर्तन बस के कटोरी गंगू हाल हसुआ, तंगी बैसला, धन रखने वाला छठ का दौरा रस्सी जैसे अंको पारंपरिक वस्तुएं इस बाजार में आपको देखने को मिलता है और लोग इसकी खरीद बिक्री करते हैं उसके साथ-साथ आपको अन्य वस्तुएं जैसे बर्तन कुर्सी टेबल कपड़े चप्पल जूते लोहे के औजार रबर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट आइटम जैसे अन्य चीज इस साप्ताहिक घाट में मिल जाता है

बैल और बकरी की भी खरीद बिक्री किया जाता है

साप्ताहिक बाजार होने के साथ-साथ आदर बाजार अपने पुराने मवेशी बाजार के लिए भी जाना जाता है, इस बाजार में आपको बैल बकरी की खरीद बिक्री भी किया जाता है लोग दूरदराज से गांव से बैल और बकरी की खरीद बिक्री करने के लिए आते हैं एवं उचित दाम में यहां से खरीद कर ले जाते हैं, बरसात के दिन में बैल बकरी का दाम बढ़ जाता है जिस वजह से ज्यादा दाम मिलने के कारण लोग दूर तरह से बटलर बकरी को खरीद बिक्री करने के लिए लाते हैं जिससे कि दो पैसा ज्यादा उनको मिल जाता है

इसे भी जरुर पढ़े –इस सावन में लगेगा भक्तों का मेला Devaki Baba Dham Mandir Ghaghra || देवाकी धाम घाघरा |प्राचीन शिव मंदिर देवाकी घाघरा गुमला

बाजार में मिलता है या पकवान जो लोगों को बहुत भाता है

जी हां बाजार में स्थानीय पकवान जैसे पकौड़ी dhuska,समोसा जलेबी लकठो, बालूशाही नमकीन जैसे पकवान छोटे-छोटे झोपड़ी में बने होटल बनाया जाता है बाजार समाप्त होने के उपरांत लोग अपने घर के लिए इस तरह के पकवान खरीद कर घर ले जाते हैं वह घर पर अपने बच्चों के साथ मिलकर खाते हैं

इसके साथ-साथ इन क्षेत्रों में लगने वाले अन्य बाजार भी इस लिस्ट में शामिल है जिसमें अपने पारंपरिक एवं शहरी क्षेत्र में लगने वाले बाजार जिस्म की खरीद बिक्री होता है उसमें से कुछ गांव के अंदर एवं कुछ शहर और कुछ पहाड़ों के बीच लगती है दिन में से बिशनपुर बाजार,बनारी बाजार,चैनपुर बाजार, पैसों बाजार, पाठ बाजार, सेरेंगदाग बाजार , गुमला बाजार, लोहरदगा बजार आदि यह सभी बाजार में कुछ ना कुछ पारंपरिक खाद्य सामग्री से लेकर पहनावा और वस्तुएं आपको देखने को मिल जाएगी।

bokaro in which state | bokaro me ghumne ka jagah

bokaro in which state | bokaro me ghumne ka jagah

बोकारो स्टील सिटी में भारत का सबसे बड़ा इस्पात संयंत्र  होने के साथ-साथ बहुत अधिक मात्रा में लोहे का उत्पादन होता है bokaro me ghumne ka jagah की बात करे तो यह दामोदर नदी के किनारे बसा यह भारत का झारखंड राज्य है  bokaro in which state तो आपको बता दे यह झारखंड राज्य में स्थित  स्टील  शहर है और इसके आसपास में हजारीबाग धनबाद ,गिरिडीह ,धनबाद जैसे जिला से सटा हुआ है

बोकारो में प्राकृतिक सम्पदा भरी पड़ी है जिसके चलते बोकारो पर इस्पात संयंत्र स्थापित किया गया है बोकारो नगरी में खनिज संपदा में सबसे महत्वपूर्ण अयस्क मैंगनीज कोयला जैसे खनिज पदार्थ पाए जाते हैं इस वजह से यहां पर उद्योग स्थापित किया गया है

और यहां से उत्पादन किए गए लोहा पूरे भारत में सप्लाई किया जाता है  रेल की गाड़ी से सफर करते समय आप रास्ते से ही बोकारो स्टील  पावर प्लांट देख सकते हैं  जब पर्यटक इस जगह घूमने के लिए आते हैं तो मुख्य आकर्षण का केंद्र यहां का बोकारो स्टील  पावर प्लांट है जिसे पर्यटक एक पर जरूर देखते हैं इसके साथ-साथ अन्य ऐसे पर्यटक स्थल है इसके बारे में आगे विस्तार से बताते हैं

बोकारो का आकर्षण केंद्र  Attractions near Bokaro Steel City,Jharkhand 

पर्यटन के दृष्टिकोण से बोकारो का सबसे आकर्षक का केंद्र यहां का स्टील पॉवर  प्लांट है जिसे लोग देखे बिना नहीं जा सकते हैं साथ ही बोकारो के अन्य  पर्यटन स्थल मौजूद हैं जिसमें से प्राकृतिक कृत्रिम एवं पहाड़ों में बस्ती सौंदर्य जिसे देखने के लिए लोग दूरदराज से आते हैं बोकारो के मुख्य पर्यटक स्थल best tourist place in Bokaro in Hindi जिसके नाम तेनुघाट डैम, गरगा बांध, बोकारो थर्मल पावर प्लांट,सिटी पार्क, जवाहर नेहरू जैविक उद्यान,शिखरजी मंदिर, आदि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है

  1. तेनुघाट बांध: दामोदर घाटी निगम का एक परियोजना –बोकारो जिले के तेनुघाट प्रखंड में स्थित तिरंगा दम 1978 ईस्वी में दामोदर घाटी निगम के तहत इसका निर्माण किया गया था और यह दामोदर नदी पर अवस्थित है पर्यटन के दृष्टिकोण से तेनुघाट बांध एक पर्यटक स्थल है और यहां पर हर साल पर्यटक भारी संख्या में आते हैं
  2. गरगा बांध: प्रकृति सदस्य परिपूर्ण  -शहर  मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर का दूरी पर स्थित दामोदर घाटी की सहायक नदी गर्ग बंद एक पिकनिक स्पॉट है जहां लोग पिकनिक मनाने के जाते हैं आते रहते हैं बांध के आसपास हर बड़े पेड़ पौधे एवं हरियाली होने की वजह से इस जगह पर लोग घंटो जाकर समय व्यतीत करते हैं यह बांध मुख्ता इस्पात संयंत्र के साथ-साथ यहां के निवासी की खेतों की सिंचाई के साथ-साथ के पानी की समस्याओं को देखते इसका निर्माण किया गया था
  3. बोकारो थर्मल पावर प्लांट: लोहे की नगरी बोकारो इस्पात संयंत्र के नाम से प्रसिद्ध बोकारो स्टील नगरी bokaro still city के नाम से जाने जाते हैं जिसे बोकारो स्टील  कहा जाता है पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसकी स्थापना की थी और यह भारत का सबसे बड़ा स्टील पावर प्लांट है जिसे देखने के लिए पर्यटक हर वर्ष काफी संख्या में आते है
  4. सिटी पार्क शहर के बीचो-बीच स्थित बोकारो सिटी पार्क शहर के लोगों के लिए एक मनोरंजन पार्क है जिसके अंदर एक कृत्रिम झील का निर्माण किया गया है हरा भरा पेड़ पौधे पार्क फूल वीकेंड छुट्टी हो या नया साल लोग इस जगह भारी संख्या में आते हैं और अपना बहुमूल्य समय व्यतीत करते हैं
  5. जवाहरलाल नेहरू जैविक उद्यान: शहर के लोगों के लिए मनोरंजन का एक विभिन्न जीव जंतु से भरा जैविक उद्यान जवाहरलाल नेहरू जैविक उद्यान शहर में देखने का सबसे आकर्षण का केंद्र है जहां आपको विभिन्न प्रकार जीव जंतु देखने को मिलते हैं जैसे चिता ल सियार हरेन चिड़िया पशु साथी जैविक उद्यान में बच्चों के लिए टॉय ट्रेन पर चलाया जाता है जहां बच्चे इसका सुविधा लेते हैं कृत्रिम झील में वोटिंग की व्यवस्था की गई है जिसमें लोग नौकायन या वोटिंग का मजा लेते हैं
  6. शिखरजी धाम शिखरजी मंदिर : आकर्षक अलौकिक एवं वास्तु कला का शानदार प्रदर्शन पारस पहाड़ियों की चोटी पर स्थित शिखरजी मंदिर जैन धर्म संप्रदाय के लिए प्रसिद्ध मंदिर है जहां पर जैन संप्रदाय के लोग का तीर्थ स्थल है और यह बोकारो के प्रसिद्ध स्थलों से एक है इस मंदिर की खासियत है कि यहां की वास्तुकला काफी बेहतरीन बनाया गया लोग इसका काफी तारीफ करते हैं लोग जब इस मंदिर पर आते हैं तो इसकी वास्तुकला एवं नकाशी को देखकर इसके प्रशंसा करते नहीं थकते बेहद ही आकर्षक एवं अद्भुत कलाकारी का यह उम्दा कलाकारी का एक छाप है लोग इस पर्यटक स्थल में धार्मिक श्रद्धा के साथ यहां आते हैं और पूजा पाठ करके जाते हैं

बोकारो कोन से राज्य में है

झारखंड राजधानी रांची से 122 किलोमीटर का दूरी पर स्थित बोकारो जिस लोहे की नगरी या बोकारो स्टील सिटी कहा जाता है लोग गूगल में क्वेश्चन करते हैं bokaro steel plant in which state तो आपको बता दे की बोकारो भारत के झारखंड राज्य में स्थित है जहां भारत का सबसे अधिक लोहा उत्पादन किया जाता है और भारत में हर जगह इसका निर्यात किया जाता है

बोकारो क्यों प्रसिद्ध है

इस्पात नगरी के नाम से मशहूर बोकारो स्टील सिटी इस्पात उत्पादन के लिए मशहूर है 1965 ईस्वी में सोवियत संघ के द्वारा इसका स्थापित किया गया था स्थापित किया गया था यह देश का सबसे बड़ा इस्पात संयंत्रों में से एक है

बोकारो  में घूमने का सबसे अच्छा समय

बोकारो में घूमने के लिए जो समय है वो माह सितंबर से मार्च तक माना जाता है  क्योंकि इस समय मौसम अनुकूल रहता है किसी भी पर्यटन स्थल जाने के लिए साथ ही बोकारो  मौसम bokaro weather यहाँ की 20 डिग्री  से 8 डिग्री तक लगभग रहती है इसलिए बोकारो में घुमने का सबसे अच्छा ठण्ड से गर्मी आने तक का  माना गया है

कैसे आ सकते हैं बोकारो शहर

वैसे तो किसी भी पर्यटक स्थल में जाने के लिए आपको हवाई मार्ग रेल मार्ग सड़क मार्ग से जाना होता है आपको बता दे कि यदि आप इस जगह आना चाहते हैं तो आपको हाय मार्ग से राजधानी रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डा पर उतरना पड़ता है फिर वहां से आपको 122 किलोमीटर की दूरी तय करके बोकारो शहर आना पड़ता है अब बोकारो शहर आने के लिए या तो अप्रैल गाड़ी से आ सकते हैं या फिर आप बस से आ सकते हैं

यदि अप्रैल गाड़ी चाहते हैं तो राजधानी रांची के रांची रेलवे स्टेशन से आपको बोकारो रेलवे स्टेशन आना होता है और यदि आप बस जाते हैं तो रांची के बस स्टैंड खादगढ़ा बस स्टैंड से आप बस पड़कर सीधे बोकारो बस स्टैंड सेक्टर 12 मुख्य स्टॉप पर आ सकते हैं

निष्कर्ष

तो आज के इस लेख में bokaro tourist place in hindi ,bokaro top Attractions के बारे में आपको बताने की कोशिश की है जिसमे आप बोकारो के विभिन्न पर्यटन स्थल के बारे में जानें आशा करता हूँ कि आज के इस  लेख में आपको बोकारो के बारे में जानने को मिला होगा ऐसे ही अन्य लेख के  बारे में जानने के लिए हमारे लेख को अब पढ़ सकते हैं और हमें फ़ॉलो भी कर सकते हैं

FAQ

बोकारो बांध किस नदी पर स्थित है?

बोकारो  दामोदर नदी के किनारे स्थित है

तेनुघाट बांध किसने बनवाया था?

बिहार सरकार के द्वारा 1978 में दामोदर घाटी निगम परियोजना के लिए इस बांध का निर्माण किया गया था

 

dhanbad tourist places spot || dhanbad tourist places list धनबाद में घूमने की जगह

dhanbad tourist places spot

Dhanbad-भारत का  कोयले की नगर से प्रसिद्ध धनबाद शहर झारखंड के एक जिला है जो पहाड़ी एवं जंगलों से घिरा हुआ एक शहर है जहां चारों तरफों को कोयला ही कोयला नजर आता है वैसे आप अगर धनबाद शहर में आए हैं तो dhanbad tourist places spot || धनबाद में घूमने की जगह के बारे में जरूर सोचे होंगे वैसे मैं आज इस लेख में dhanbad tourist places in hindi  के बारे में आपको बताएंगे

इस जगह में जलप्रपात, झील ,झरने धार्मिक स्थल ,जैसी बहुत से ऐसे पर्यटन के जगह है जहां आप बहुमूल्य समय व्यतीत कर सकते हैं यदि धनबाद के बारे में बात करें तो धनबाद बराकर नदी के किनारे स्थित है और इस जगह पर कोयले की भंडार बहुत अधिक है और जो पूरे भारत में प्रसिद्ध है एवं इस अगर देखा जाए तो भारत का कोयले की NAGRI भी कहा जा सकता है

धनबाद टूरिस्ट प्लेस इन हिंदी, (dhanbad tourist places in hindi )धनबाद में घूमने की जगह

राजधानी रांची से 161 किलोमीटर का दूरी पर स्थित धनबाद झारखंड का एक जिला है और यह चारों तरफ कोयला से बिखरा पड़ा है कहा जाता है कि आज भी धनबाद शहर कोयले की धरती आग में तप रहा है ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि धनबाद के किसी एक माइन एरिया पर बहुत से पहले आग लगी है जो आज भी धुआं के रूप में उठती रहती है वैसे मैं आपको बता दे की कई ऐसे Attractive Tourist Spot, Dhanbad में मौजूद हैं

जहां आपघूम सकते हैं यहां की सांस्कृतिक सामाजिक एवं पर्यटक स्थल को बारीकी से समझ सकते हैं धनबाद शहर में प्रत्येक वर्ष लाखों पर्यटक इस जगह आते हैं वैसे तो देखा जाए तो धनबाद शहर में ऐसे  प्राचीन मंदिर कई संस्थान और अनेकों पर्यटन स्थल है जहां पर लोग हर साल लाखों की तादाद में इस जगह आते हैं और अपना मन अपने पर्यटन स्थल की ओर लगते हैं वैसे में जब शहर से दूर कभी पिकनिक का ख्याल आता है तो वैसे में  dhanbad tourist places for picnic जैसे जगहों के बारे में आप ज़रूर सोचते होंगे तो चलिए आपको कुछ बेहतरीन धनबाद टूरिस्ट प्लेस dhanbad tourist places list with photos  के साथ बताते हैं |

Dhanbad in which State | Dhanbad tour in Hindi

देश की कोयले की राजधानी धनबाद जो कि झारखंड का 24 व जिला है और झारखंड के आबादी के दृष्टिकोण से यह दूसरे स्थान पर रखता  है लोग गूगल से सवाल करते हैं कि धनबाद इन विच स्टेट तो आपको बता दे की धनबाद झारखंड का एक जिला है जहां पर कोयला भारी मात्रा में पाया जाता है और यह  भारत का कोयला  का भंडार है

कोयले की बहूतता अधिक होने के साथ-साथ धनबाद में कई ऐसे औद्योगिक शैक्षणिक संस्थान है जहां पर छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण कर देश के विभिन्न माइनिंग, आईआई टी सेक्टर में जाकर अच्छा कामकाज करते हैं कोयले की नगरी होने के साथ-साथ धनबाद में कई ऐसे पर्यटक स्थल मौजूद है जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है हर साल लाखों लोग धनबाद शहर के आसपास घूमने आते हैं

यहां के प्रसिद्ध कोयले की खान,प्राचीन मंदिर, जंगल के मनोरम दृश्य में जलप्रपात और औद्योगिक शैक्षणिक संस्थान को देखते हैं । लोग हमेशा गूगल से सवाल करते हैं कि धनबाद में फेमस क्या है, धनबाद में कौन सा पार्क है, धनबाद का पुराना नाम क्या है, धनबाद में घूमने का सबसे अच्छी जगह कौन सी है, इस तरह के सवाल का आज हम इस लेख में आपको जवाब देंगे और आपको बताएंगे कि धनबाद झारखंड का धनी राज्य है

जो कि कोयले से भरा पड़ा है इसलिए इस कोयले की नगरी भी कहा जाता है सबसे पहले हम बताते हैं कि धनबाद फेमस क्यों है भारत का सबसे बड़ा कोयले का भंडार झारखंड में है और यह धनबाद शहर में पड़ता है और धनबाद में कई ऐसे घूमने के बेहतरीन जगह है पार्क है जैसे बिरसा मुंडा पार्क धनबाद जहां लोग वीकेंड छुट्टी में जाते हैं समय व्यतीत करते हैं अपने परिवार के साथ और खूब सारा मनोरंजन करते हैं कहा यह भी जाता है कि धनबाद का प्राचीन और पुराना नाम धनबाइद जिसे धान के उत्पादन के स्वरूप माना जाता है

धनबाद की बेस्ट टूरिस्ट प्लेस tourist places near dhanbad

1.मैथन डैम धनबाद

जब आप धनबाद में घूमने आए हैं तो धनबाद में घूमने की जगह में सबसे पहले मैथन डैम जो की दामोदर घाटी परियोजना के तहत बराबर नदी में बनाया गया है यह लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर मां कल्यानेश्वरी मंदिर है ज्योति प्राचीन मंदिर भी  है जो शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है

2.पंचेत डैम धनबाद

धनबाद शहर मुख्यालय से सीमावर्ती क्षेत्र पर सटे  पश्चिम बंगाल की के पास में  दामोदर घाटी परियोजना के संदर्भ में बनाया गया लगभग 7 किलोमीटर की लंबी इस बांध जो की दामोदर घाटी परियोजना के सबसे लंबा बंध कहा जाता है यह डैम पर्यटकों को नए वर्ष एवं वीकेंड छुट्टी में अपनी और आकर्षित करती है और लोग भर भर कर आते जाते हैं

3.लिलोरी मंदिर धनबाद

धनबाद शहर से लगभग 18 से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लिलोरी  मंदिर धनबाद शहर का सबसे प्राचीन एवं प्रसिद्ध मंदिर है जहां पर मान्यता यह है कि लोग अपनी मन्नत पुरे करने  के लिए प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है एवं लोग इस प्राचीन मंदिर पर अपनी मन्नत पूरा करने के लिए अक्सर चढ़ावा चढ़ाने के लिए जाते हैं कहा जाता है कि लगभग 900 वर्ष पहले कतरासगढ़ के राजा के द्वारा कतरास  के जंगल पर इस मंदिर का निर्माण कराया गया था जो  नदी के कतरी नदी किनारे स्थित है

4.भटिंडा फॉल

धनबाद शहर से 14 किलोमीटर का दूरी पर स्थित एक छोटा सा फॉल  जिसका नाम भटिंडा फॉल है जंगलों के बीच से गुजरते हुए यह फल में लोग पिकनिक के लिए शहर के अन्य हिसों से  पिकनिक बनाने आते हैं  एवं नए साल में इस जगह पर खूब सारे भीड़ होती है

5.तोपचांची झील धनबाद

धनबाद की NH-2  पर स्थित गोल्डन चतुर्भुज में यह एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है जो धनबाद जिले के तोपचांची झील के नाम से जानी जाती है और लगभग 214 एकड़ के विशिष्ट भूभाग पर फैला हुआ है और यह पारसनाथ पहाड़ी के पास में स्थित है जो लगभग धनबाद रेलवे स्टेशन से 37 किलोमीटर दूर स्थित है और यह मैन-मेड झील जिसे इंसानों के द्वारा बनाया गया है इसके आसपास हरे भरे पेड़ पौधे और यह एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट है जहां पर लोग वीकेंड छुट्टी अक्सर बिताया करते हैं तो वैसे मैं आप इस तोपचांची झील पर बेहतरीन समय अपने परिवार के साथ बिता सकते हैं

6.बिरसा मुंडा पार्क धनबाद

शहर के बीच स्थित बिरसा मुंडा पार्क लोगों के मनोरंजन एवं समय व्यतीत करने  के लिए एक बेहतरीन पार्क है जहां पर लोग छुट्टी या वीकेंड पर अपने परिवार के साथ टाइम स्पेंड करने के लिए जाते हैं यह शहर की बीच में आकर्षण का केंद्र और लोग अक्सर इस जगह पर समय बिताने के लिए जाते हैं संडे के दिन में अपने परिवार के साथ इस पर पर जाते हैं एवं हरे भरे पेड़ पौधे फूल पौधे को देखने के साथ-साथ अपने आप आनंद में होते हैं इस पार्क  में बिरसा मुंडा का स्टेचू भी बनाया गया है जहाँ  लोग जाकर सेल्फी लेते हैं

इसे भी पढ़ सकते हैं -ranchi me ghumne ki jagah | odr restaurant रांची में घूमने की जगह

धनबाद में घूमने का सबसे अच्छा समय (best time travel of dhanbad)

किसी भी टूरिस्ट प्लेस या पर्यटन स्थल में घूमने का सबसे अच्छा समय जो होता है वह अक्टूबर से मार्च के बीच में क्योंकि यह उसे समय का सबसे अच्छा समय माना जाता है यदि आप धनबाद में घूमने की सोच रहे हैं तो आपके लिए अक्टूबर से मार्च का समय बहुत ही अच्छा रहेगा

धनबाद के आसपास अन्य प्रसिद्ध स्थल

वैसे तो धनबाद में आने को पर्यटन स्थल है लेकिन धनबाद के आसपास अन्य प्रसिद्ध स्थल की मौजूद है जिसे आप विजिट कर सकते हैं और आनंद उठा सकते हैं तो चलिए कुछ लिस्ट देखते हैं कि धनबाद के आसपास अन्य प्रसिद्ध स्थल कौन-कौन से हैं

  1. जांबा डिंबा पार्क
  2. हरि मंदिर हीरापुर
  3. कोल माइंस
  4. साईं मंदिर सिंदरी
  5. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईएसएम

घुमने के साथ टेस्ट कीजिये यहाँ  का सबसे फेमस डिश या भोजन

झारखंड के पश्चिम बंगाल बॉर्डर से सटे धनबाद शहर की प्रसिद्ध व्यंजन की बात करें तो यहां पर निम्नलिखित व्यंजन आपको मिल जाते हैं लेकिन यहां के प्रसिद्ध व्यंजन में से एक लिट्टी चोखा आलू चोखा दस का पिता खाजा बर्फी रसगुल्ला आने को व्यंजन धनबाद में आपको देखने को मिल जाते हैं

संछेप – इस लेख में आप धनबाद में घुमने लायक शीर्ष स्थान के बारे में जाने साथ ही dhanbad tourist places spot  धनबाद अन्य पर्यटन स्थल के बारे में आपको बताने का प्रयास किया गया आशा करता हूँ की ये blog पोस्ट आपको अछा लगा होगा हमारा प्रयास लोगों तक पर्यटन स्थल की जानकारी देना है जिससे की आपका जानकारी बढ़ सके |

धनबाद से bokaro steel city kitna दूर है

धनबाद शहर के पास में ही बोकारो स्टील सिटी के नाम से प्रसिद्ध झारखंड का स्टील नगर बोकारो जहां पर स्टील का पावर प्लांट है जहां पर स्टील का निर्माण किया जाता है जो की धनबाद से लगभग 46 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो NH18 के रास्ते आपको जाना पड़ता है

धनबाद आने के परिवहन के साधन

यदि आप धनबाद आने की सोच हैं या सो रहे हैं तो आप बस ट्रेन बाइक व्यक्तिगत गाड़ी से सीधे धनबाद पहुंच सकते हैं उसके लिए कई रास्ते हैं जिनसे आप धनबाद तक आसानी से पहुंच सकते हैं यदि बात करते हैं हम झारखंड की राजधानी रांची से तो आप ट्रेन बस और बाइक से आप आसानी से धनबाद तक पहुंच सकते हैं

संछेप :-धनबाद शहर में घूमने के पर्यटन के बारे में इस लेख में आपको बताने की कोशिश किया जिसमें अपने धनबाद के टूरिस्ट प्लेस के बारे में जाना धनबाद झारखंड का एक जिला है और इसे कल नगरी भी कहा जाता है इस लेख के माध्यम से आपको धनबाद के best tourist place धनबाद के घूमने लायक प्रमुख स्थान के बारे में बताने की कोशिश किया गया आशा करता हूं कि इस लेख से आपको धनबाद के बारे में कुछ सीखने को मिला होगा

इस तरह आप यदि धनबाद पर्यटन से जुडी अन्य जानकारी चाहते हैं तो धनबाद पर्यटन से जिले के आधिकरिक वेबसाइट https://dhanbad.nic.in/ को देख सकते हैं |

 

FAQ-

Places to visit in Dhanbad for Couples

couple के लिए भटिंडा  फॉल जो लगभग धनबाद से 14 किलोमीटर की दुरी में स्थित है कपल के लिए अछा जगह हो सकता है |

धनबाद कोन राज्य में है dhanbad in which state?

धनबाद Jharkhand राज्य में है |

where is dhanbad

Jharkhand

 

 

ranchi me ghumne ki jagah | Things to do in ranchi रांची में घूमने की जगह

ranchi me ghumne ki jagah | रांची में घूमने की जगह

 झारखंड की राजधानी रांची झारखंड की स्मार्ट सिटी के नाम से जानी जाती है और राजधानी रांची के आसपास Ranchi me ghumne ki jagah | रांची में घूमने की जगह बहुत सारे हैं रांची एक दर्शनीय स्थल है और यहां पर कई सारे दर्शनीय धाम मंदिर,पर्यटन स्थल भरे पड़े हैं

इस स्थान पर आपको खूबसूरत झरने जलप्रपात ऐतिहासिक मंदिर जैसे अनेक जगह आपको देखने को मिलते हैं मौजूदा हालात में रांची एक मॉडल सिटी है और यहां पर आप भारत के जाने-माने क्रिकेट खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी का भी घर इसी सिटी पर है यदि आप झारखंड के हैं आप अपने  परिवार दोस्त के साथ रांची के tourist places in ranchi waterfall आ सकते हैं उसके साथ साथ झारखंड

या आसपास स्टेट से belong  करते हैं तो आपको रांची में घूमने के कई अन्य जगह मिल जाएंगे जिसमें आप घूम सकते हैं यदि आप घूमने का कभी प्लान करते हैं तो आप रांची के आसपास के इलाके में घूम सकते हैं आज की इस लेख में आपको हम झारखंड की राजधानी रांची के आसपास घूमने की जगह के बारे में आपको बतलाएंगे जिसमे हमने निम्न लिखित  पॉइंट कवर किये हैं |

ranchi ghumne ki jagah | best places to visit in august रांची में घूमने की जगह

जब बात आती है रांची में घुमने की तो आप साल भर इस जगह कभी भी घूम सकते हैं | चलिए जानते हैं कुछ प्रसिद्ध जगह के बारे में

1.रांची में स्थित टाइगर हिल
यदि आप शांत वातावरण और एक ऊंची चोटी में बैठकर शहर का view देखना चाहते हैं तो आप रांची में स्थित महान कवि टैगोर के नाम से पड़ा टाइगर हिल पर जाकर इस मनमोहक दृश्य को देख सकते हैं कहा जाता है कि जब रविंद्र नाथ टैगोर अपने आध्यात्मिक और अपने  काव्य लिखते थे

तो इसी हिल पर जाकर अपना समय व्यतीत करते थे और वह अपने अच्छे-अच्छे किताबें इसी टाइगर हिल पर बैठकर लिखते थे इसी वजह से इस जगह का नाम टैगोर हिल रखा गया टाइगर हिल के आसपास के छोटे-बड़े टेकरी नामक पहाड़ी जहां से इस शहर का सुंदरता और अधिक बढ़ जाती है

लोग इस जगह प्रतिदिन आया करते हैं और इस एकांत शांत टाइगर हिल पर बैठकर घंटा समय व्यतीत करते हैं इस जगह आपको हरी-भरी हरियाली देखने को मिलती है और शहर से दूर होने की वजह से या एक शांत माहौल और एकांत व्यक्तित्व करती है इसी के पास में ही एक प्रसिद्ध रामकृष्ण आश्रम और दिव्यांग कृषि व्यावसायिक केंद्र पर स्थित है

2.रांची के ओरमांझी पार्क बिरसा ज़ोलोजिकल  पार्क
यदि आप परिवार के साथ ranchi ghumne ka place या   घूमने का योजना बनाते हैं यह घूमते हैं और जब रांची आते हैं तो आप रांची की ओर मांझी पार्क में आप घूम सकते हैं जी हां इस पार्क में आपको दिन-भिन्न प्रकार का जंगली जानवर देखने को मिलते हैं और यह रांची हजारीबाग वाले रास्ते पर और मांझी में स्थित है इस पार्क में आपको हिरण शेर चीता भालू हाथी जैसे अन्य जीव जंतु देखने को मिलते हैं

3.रांची सिटी का रॉक गार्डन 

रांची के रातू रोड से कांके जाने वाले रास्ते के बाएं तरफ एक खूबसूरत सा पार्क है जिसका नाम है रॉक गार्डन कांके डैम पर स्थित यह रॉक गार्डन शहर की खूबसूरती को और अधिक बढ़ती है चारों तरफ चट्टानों से गिरा हुआ यह रॉक गार्डन का व्यू देखने लायक बनता है इसरो गार्डन में जब आप आते हैं तो आपको कई सारे इवेंट देखने को मिलते हैं जिसमें आप अपने परिवार बच्चों के साथ इस जगह को काफी एंजॉय कर सकते हैं

4.ODR restaurant Ranchi

राजधानी रांची के कांके में  रॉक गार्डन के ऊपर पहाड़ी पर यह ग्लास ब्रिज restaurant बना है जो की एक रेस्टोरेंट है और रेस्टोरेंट को ग्लास ब्रिज जैसा फिल  देने को कोशिश  किया है जिसमें ग्लास का ब्रिज का निर्माण किया गया है और एक बेहतरीन रेस्टोरेंट है जहां पर लोगों की  इन दिनों काफी अधिक क्राउड देखने को मिल रहा है और यह रांची का पहला ऐसा रेस्टोरेंट है जिस पर इस तरह का एक्टिविटीज करने की कोशिश की है

जिसमें शीशे का ब्रिज बनाया गया है जिससे आप कांके के डैम के पास सनसेट का नजारा बहुत ही बेहतरीन देख सकते हैं इस रेस्टोरेंट में ट्रांसपेरेंट ग्लास का उपयोग किया गया है जिससे कि ऐसा लगे कि यह एक ग्लास ब्रिज है इस रेस्टोरेंट का नाम ODR restaurant Ranchi रखा गया है यदि आप रांची में घूमने की जगह की सोच रहे हैं तो शाम के समय इस रेस्टोरेंट को आप visit कर सकते हैं

अपने परिवार के साथ एक अलग तरह का एक्सपीरियंस का fill करेंगे, तो इस तरह से इस रेस्टोरेंट में अलग प्रकार की एक्टिविटी दिखाने की कोशिश की गई है और लोगों को काफी पसंद आ रही है लोग भर भर के इस जगह पर आ रहे हैं और काफी एंजॉय कर रहे हैं तो आप भी अपने परिवार के साथ इस जगह लिए और इंजॉय कर सकते हैं

रांची में घूमने की जगह  Things to do in ranchi और  खूबसूरत मॉल

वैसे तो रांची एक मॉडल सिटी है और इस मॉडल सिटी पर कई बेहतरीन मॉल बनाए गए हैं जिनमें से Nucleus mall ,Central mall, Mall of Ranchi,
जेडी हाई स्ट्रीट मॉल स्पीड सिटी मॉल जैसी मॉल रांची में आप अपने परिवार के साथ समय व्यतीत कर सकते हैं

  • Nucleus mall न्यूक्लियस मॉल में बहुत सारे collection स्टोर हैं और यह रांची ranchi city के सर्कुलर रोड पर स्थित है जिसमें आप घूम सकते हैं रेस्टोरेंट है कपड़े की दुकान है वॉच की दुकान है ब्रांडेड कब दुकान है जिसमें आप घंटा व्यतीत  कर सकते हैं साथ ही अपने बच्चों परिवार के लिए कई सारे सामान भी ले सकते हैं यदि आप सिनेमा देखने का शौक रखते हैं तो PVR सिनेमा भी आपको इस माल पर देखने को मिल जाता है
  • Central mall ranchi रांची के में रोड पर स्थित रांची सेंट्रल मॉल जिसमें कई सारे स्टोर कई सारे दुकान ब्रांडेड दुकान ब्रांडेड समान आपको इस माल पर देखने को मिलते हैं रांची की इस माल पर आप घंटा समय व्यतीत कर सकते हैं

रांची में घूमने वाला जगह और झरनों का शहर रांची | ranchi tourist places name list

यदि आप नेचर लवर्स हैं या प्राकृतिक को करीब से जाकर देखना पसंद है तो आप रांची के शहरों में आपका स्वागत है जी हां दोस्तों रांची को झरनों का शहर भी कहा जाता है वैसे में ranchi me ghumne ki jagah | रांची में घूमने की जगह  के बारे में बात करें तो  यहां पर कई अधिक झरने मौजूद हैं जो आने वाले सैलानियों को अपने और आकर्षित करते हैं यदि आप रांची आए हैं और रांची में घूमने की जगह के बारे में सोच रहे हैं

तो आज आपको हम रांची के आसपास घूमने ranchi tourist places near me वाले प्राकृतिक सुंदर झरना जलप्रपात वॉटरफॉल्स जैसे Hundru fall ,जॉन्हा फॉल्स, रीमिक्स फॉल्स, पंचघाघ वॉटरफॉल्स जैसे जलप्रपात यहां पर आपको अपनी और आकर्षित मनमोहित कर देती है इसके साथ-साथ और भी प्राकृतिक को करीब से जानने के लिए आप राजधानी रांची के पतरातु घाटी, धुर्वा डैम, रांची के बड़ा तालाब जैसे अन्य आकर्षण में जा सकते हैं

  • Hundru Fall– राजधानी रांची से 34 किलोमीटर का दूरी पर स्थित हुंडरू जलप्रपात भारत का 34 व सबसे बड़ा जलप्रपात है और यह 322 फीट की ऊंचाई से इसकी धारा नीचे गिरती है राजधानी के आसपास घूमने की जगह में से यह बेहतरीन जगह है और यहां पर आप छुट्टियां व्यतीत कर सकते हैं
  • Jonha fall -Ranchi के पास में स्थित रांची पुलिया रोड पर रांची से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित और यह पठारी क्षेत्र में है अगल-बगल बहुत सारे पहाड़ हैं
  • Remix falls रांची खूंटी चाइबासा मार्ग पर जय वॉटरफॉल दशम फॉल झरने पर स्थित है या दशम पुल से आगे जाकर एक शांत तुम कम जोखिम भारत जलप्रपात का निर्माण करता है
  • पंच घाघ जलप्रपात -जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है पांच भाग खाने का मतलब है पांच चरणों का संगम है इस स्थान पर इसलिए इस जगह को पंच घाट के नाम से जानते हैं स्थानीय लोगों एवं रांची के आसपास लोगों का यह एक बेहतरीन प्लेस है  जिस पर लोग साप्ताहिक छुट्टी में अक्सर अपने परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए जगह पर आते हैं पंच घाट के तलहटी पर लोग स्नान करने के लिए जाते हैं क्योंकि वह तलती पर बहुत अच्छा जगह है और नीचे उतरने के लिए सीढ़ियां भी बनाई गई है
  • Patratu valley Ranchi – रांची से लगभग 45 किलोमीटर की दुरी पर स्थित पतरातू घाटी अपने सुन्दरता के लिए जाना जाता है यहाँ की घुमाव दार घाटी लोगो को अपने और हर दिन आकर्षित करती है साथ ही पतरातू डैम ,पतरातू रिसोर्ट और पतरातू डैम में आप बोटिंग का भी मजा ले सकते हैं |

Things to do in ranchi | hidden places to visit in ranchi

रांची में घूमने के बाद अब बारी आती है रांची में रुकने की तो जब आप रांची के आसपास घूमने के बाद जब रात रुकने की  तो आपको सबसे पहले नजर जाता है एक अच्छे होटल की तो आपको रांची में सबसे बेस्ट होटल का नाम बताएंगे जहां पर आप रुक सकते हैं और वहां से बस स्टैंड रेलवे स्टैंड और हवाई अड्डा की दूरी का भी जिक्र करेंगे
सबसे पहले बात करते हैं ठहरने के लिए उत्तम होटल की जो की आपके बजट के अनुसार आप खुद डिसाइड कर सकते हैं

  1. Hotal Green horizon ranchi
  2. Hotel Element ranchi
  3. Hotel Churuwala Inn
  4. होटल कैपिटल हिल
  5. द रॉयल रिट्रीट Ranchi
  6. चाणक्य बीएनआर होटल रांची

इसे भी जरुर पढ़े –hundru waterfall || हुंडरू का अर्थ क्या है | हुन्डरु जलप्रपात रांची

संक्षेप इस blogs में लिखे गए लेख आपको ranchi me ghumne ki jagah , ranchi tourist spot में घूमने की जगह के बारे में बताया गया है जिसमें आप रांची के बेहतरीन प्लेस को आप जाकर विजिट कर सकते हैं घूम सकते हैं अपने परिवार के साथ वीकेंड छुट्टी मना सकते हैं यदि आप झारखंड  पर्यटन  बारे में और अधिक जानना चाहते हैं तो झारखंड पर्यटन के अधिकारिक वेबसाइट https://tourism.jharkhand.gov.in/ को visit कर जानकारी ले सकते हैं

आशा करता हूं कि इस लेख में आपको रांची में घूमने के जगह के बारे में पता चल गया होगा साथ ही लोगों के द्वारा गूगल से पूछे जाने वाले सवाल का उतर हमने देने का प्रयास किया है जिसे आप  FAQ सेक्शन में पढ़  सकते हैं  धन्यवाद

FAQ

रांची में कौन सा प्रसिद्ध है

रांची में से कई स्थान है जो रांची को अपने खूबसूरती और अपने आकर्षण के लिए बेहतरीन बनती है वैसे में रांची प्रसिद्ध है अपने झरनों के शहर के लिए जिसमें आपको होंड्रफ हॉल जोन्हा फुल पंचगांव रीमिक्स फुल दशम फॉल साथ ही ओरमांझी पार्क फ्लावर पार्क, धुर्वा डैम कांके डैम जैसे अनेकों ऐसे स्थल है जिसके लिए रांची प्रसिद्ध है
झारखंड में कौन सा चीज फेमस है
झारखंड अपने पारंपरिक आदिवासी संस्कृत कलर के लिए प्रसिद्ध है और और साथ ही यहां खूबसूरत झरनों एवं टूरिस्ट प्लेस के लिए प्रसिद्ध है
रांची का प्रसिद्ध मंदिर कौन सा है
रांची का सबसे प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर जो की ध्रुव में स्थित है रांची के सबसे प्रसिद्ध मंदिर में से एक है

रांची में घूमने के लिए क्या है
रांची में घूमने के लिए फ्लावर पार्क वाटर पार्क रॉक गार्डन और मांझी धुर्वा डैम,चांडिल डैम,अन्य
रांची में कौन-कौन से पार्क हैं
रांची में आपको फ्लावर पार्क, रॉक गार्डन पार्क और मांझी पार्क जैसे बेहतरीन प्रसिद्ध पार्क देखने को मिलते हैं
रांची में फ्लावर पार्क कहां है
रांची से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तुपुदाना से 8 किलोमीटर पर झारखंड का नहीं बल्कि एशिया का तीसरा सबसे बड़ा फ्लावर पार्क वाइल्ड वादी flowers पार्क स्थित है
रांची में वाटर पार्क कहां है
रांची के तुपुदाना से 8 किलोमीटर दक्षिण में रांची की खूबसूरत वाटर पार्क स्थित है
रांची झील कहां है
सर के बीचो-बीच रांची का सबसे बड़ा तालाब बड़ा तालाब के नाम से जानते हैं

 

jharkhand tourism places: tour in jharkhand

jharkhand tourism places: tour in jharkhand

झारखंड में जलप्रपात की कमी नहीं है अगर आप jharkhand  tourism places: tour in jharkhand के बारे में जानना चाहते हैं तो चलिए बताते हैं सदनी जलप्रपात झारखंड के गुमला जिला से 90  किलोमीटर की दूरी पर चैनपुर प्रखंड में पड़ता है लोग इसे बहुत कम जानते हैं और इसके बारे में जानकारी आपको गूगल में बहुत कम पढ़ने को मिलती है आज आपको इस आर्टिकल में झारखंड की राजधानी से 184  किलोमीटर की दूरी पर स्थित sadni जलप्रपात के बारे मे बताएंगे झारखंड का यह एक पर्यटन स्थल है जिसे हिडेन jharkhand tourist spot कह सकते हैं |

लेकिन अभी तक यह हिडन प्लेस के रूप में है लोग इससे कम जानते हैं जिस वजह से इस जगह अभी उजागर नहीं हुआ है आने वाले समय में इस वॉटरफॉल की जब आर्टिकल्स वीडियो पब्लिश किए जाएंगे लिखे जाएंगे तब यह वॉटरफॉल्स प्रसिद्ध हो जाएगा गुमला जिले से 90 किलोमीटर का दूरी पर स्थित शंख नदी पर यह जलप्रपात है जिसकी ऊंचाई 200 फीट है

Sadni waterfall सदनी फॉल jharkhand tourism places: tour in jharkhand

गुमला जिला के चैनपुर प्रखंड में मौजूद Sadni waterfall जो राजाडेरा गांव में पड़ता है जिसकी ऊंचाई 200 फिट है और यह शंख नदी पर मौजूद है घने जंगलों के बीच से होते हुए सजनी फॉल्स के पानी नागोई डैम पर आकर इकट्ठा होती है जंगलों के बीचों बीच में होने के कारण यहां पर रास्ता नहीं है यदि आप वहां जाते हैं तो आपको कच्ची रास्ता मिलता है जो काफी ऑफ रोडिंग है, जब आप sadni fall की तरफ आते हैं

तो आपको एक नाला पार करना होता है जहां पर पुल नहीं है लेकिन वहां पर पानी बहता रहता है जिस वजह से वहां पर जाना बड़ा मुश्किल होता है लोग गूगल से सवाल करते हैं Sadni falls on which rivers तो इसका सही उत्तर है शंख नदी जहां sadni falls height 60 मीटर की ऊंचाई और 200 फीट से गिरने के कारण sadni ghagh झारखंड का एक जलप्रपात का निर्माण करती है और बहुत ही आकर्षक और जंगल के बीचों-बीच होने के कारण यह एक हिडन प्लेस है जिसे लोग काम जानते हैं इस वॉटरफॉल का पानी चैनपुर के Naogain Dam पर store होती है

jharkhand tourism places: sadni falls jharkhand आस पास घुमने की जगह

जब आप सदनी जल प्रपात घुमने आते हैं तो साथ ही उसके आस पास बहुत पर्यटन स्थल मौजद है जिसे भी आप घुमने जा सकते हैं तो चलिए आगे और बिस्तार से आस पास इलाके के बारे में बतलाते हैं

  • Naogain Dam –जी हाँ दोस्तों सदनी falls का पानी ही नोगैन डैम में जमा होता है और एक बिशाल डैम का निर्माण करता है लगभग  05 किलोमीटर के  AREA में फैला नोगैन डैम चारो और पहाड़ी से घिरा हुआ है जो एक अलग ही रोमांच का मौका देती है इसमें आप बोटिंग का भी लुफ्त उठा सकते हैं साथ प्रकृति का आनंद ले सकते  हैं |
  • KIRO WATERFALL -चैनपुर से 55 किलोमीटर की दुरी में स्थित KIROWATERFALLS एक बरसाती falls है जिसे आप बरसात के दिनों में देख सकते हैं

 

कैसे आ सकते हैं  Sadni Waterfalls kaise aa sakte hain

यदि आप सजनी वॉटरफॉल्स आना चाहते हैं तो नजदीकी शहर जोगी जिला मुख्यालय गुमला से आपको 90 किलोमीटर के आसपास दूरी पड़ेगी गुमला से दो रास्ते हैं एक आप नेतरहाट रोड के रास्ते आ सकते हैं दूसरा आप चैनपुर के रास्ते होकर आ सकते हैं आपको पता होना भी चाहिए कि आप केवल इस जगह बाइक से ही आ सकते हैं उसमें भी iआपको कुछ देर पर बाइक को छोड़कर इस वॉटरफॉल तक पैदल आना पड़ता है

क्योंकि जिस जगह यह जलप्रपात है उसे जगह आने के साधन नहीं है आपको ऑफ रोडिंग पैदल चलना पड़ेगा यदि बाइक किसी तरह आता भी है तो बहुत कठिनाई और मुश्किल भरी रास्ता है इस वजह से बाइक को एक सब जगह आप छोड़ सकते हैं अब बात करते हैं कि कौन रास्ते से आपको सुविधा होगी

इसे भी जरूर पढ़े -hundru waterfall || हुंडरू का अर्थ क्या है | हुन्डरु जलप्रपात रांची

गुमला चैनपुर जैरागी के रास्ते

जब आप गुमला चैनपुर बैरागी के रास्ते इस जलप्रपात पर आते हैं तो आपको 90 किलोमीटर की दूरी पड़ेगी आप बाइक बस या व्यक्तिगत गाड़ी से सीधे आप जैरागी तक या उसके अंदर गांव तक आ सकते हैं परंतु उसके बाद आपको वहां से पैदल जाना होगा

गुमला घाघरा नेतरहाट के रास्ते

जब आप गुमला घाघरा नेतरहाट केरास्ते से होकर आते हैं तो आपको सजनी वॉटरफॉल की दूरी लगभग 97 किलोमीटर पड़ेगी इस रास्ते में आपको नेतरहाट के बाद जब आप सजनी जलप्रपात की ओर बढ़ते हैं तो आपको बॉक्साइट पाठ के एरिया देखने को मिलते हैं उसे एरिया पर घुसकर ही आप इस जलप्रपात तक पहुंच सकते हैं तो एक तरह से आपको यदि एक नया कंटेंट एडवेंचर देखने को चाहिए तो आप इस रास्ते से होकर आ सकते हैं आपके रास्ते में कई बॉक्साइट की मीनिंग खदान भी देखने को मिल सकती है
Sadni वॉटरफॉल Naogain Dam का निर्माण करती है
शंख नदी में बहने के कारण सजनी जलप्रपात की सारा पानी Naogain dam इकट्ठा होता है ।

FAQ
नेतरहाट से sadni falls की दूरी कितनी है

Sadni waterfalls की दूरी नेतरहाट से 35 किलोमीटर दक्षिण में है

Sadni falls height कितनी है

Sadni falls की height 200 फीट और ऊंचाई 60 मीटर है

संछेप वर्णन – इस लेख में आप सदनी जलप्रपात के बारे में जाने जो गुमला जिला में पड़ता है जो जंगलो के बीच में हैं रास्ता  पूरा ऑफ रोडिंग है यदि आप ऐसे स्थान पर घुमने आते भी हैं तो लोकल guide की मदद जरुर लें ताकि आप उस स्थान जगह के बारे में  जान सके कोई परेशानी से बच सके |

Muri Junction || Hindalco Plant मुरी क्यों प्रसिद्ध है

Muri Junction || Hindalco Plant मुरी क्यों प्रसिद्ध है

झारखंड  की राजधानी रांची से महज 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित muri Junction मुरी जंक्शन जो भारतीय रेलवे के दक्षिण पूर्व रेलवे का क्षेत्र है और या रांची डिवीजन पर आता है आज इस  लेख में हम मुरी जंक्शन  Muri Junction से लेकर मोरी क्यों प्रसिद्ध है और इस जगह हिंडालको प्लांट में किस चीज का निर्माण किया जाता है आज के इस लेख के  माध्यम से आज आपको अवगत  कराएँगे  तो बात करते हैं मुरी के बारे में

Muri (मुरी )

रांची पूर्व मार्ग पर स्थित सिल्ली के  नजदीक में मुरी एक रेलवे जंक्शन का नाम है और muri हिंडाल्को के लिए भी प्रसिद्ध है इस जगह हिंडालको कंपनी का प्लांट लगाया गया है और यहां पर अल्युमिनियम का उत्पादन किया जाता है जो भी बॉक्साइट लोहरदगा गुमला जिले से होकर आती है वह इस हिंडालको प्लांट में रिफाइंड किया जाता

है और उसे अल्मुनियम प्राप्त किया जाता है  मुरी एक यह औद्योगिक नगरी के क्षेत्र में आता है इसलिए यहाँ पर रोजगार की संभावनाए अधिक होती है muri से  तीनों रूट पर गाड़ी मिल जाती है यदि बात करें मुरी का तो भारत के उन रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है जिनमें से कोलकाता नई दिल्ली रेणुकूट धनबाद सूरत गुवाहाटी पटना कानपुर जम्मू तवी जैसे जंक्शन से जुड़े हुए हैं

Muri से स्वर्णरेखा नदी गुजरती है

किसी भी पावर प्लांट को स्थापित करने के लिए सबसे बड़ा जलाशय की जरूरत पड़ती है जिसमें से किसी बड़े नदी के ऊपर या तो दम बनाया जाता है या फिर झील बनाया जाता है उसे डैम के पानी से उसे प्लांट का पवन पानी का सप्लाई किया जाता है इसी तरह बात करें यदि muri की तो मुरी स्वर्णरेखा नदी के तट पर बसा हुआ है, जो की टाटानगर से होते हुए बंगाल को जाती है और चांडिल डैम का निर्माण करती है

Muri में Hindalco Plant se Aluminum उत्पादन होता है

मुरी शहर को फेमस होने की एक और मुख्य कारण है कि यह 70 सालों से यहां पर हिंडालको पावर प्लांट जिसमें की अल्युमिनियम का उत्पादन होता है जिस कारण इस जगह भारत के अन्य जगहों से जुड़ाव किया हुआ है और भारत के विभिन्न हिस्सों में एल्युमिनियम का सप्लाई किया जाता है इस तरह से मुरई में हिंडालको प्लांट की वजह से मुरी अपने आप में प्रसिद्ध है और यह औद्योगिक नगरी के क्षेत्र में गिनी जाती है

Muri Junction Jharkhand

मुरी जंक्शन से कई एक्सप्रेस ट्रेन एवं पैसंजर ट्रेन यहाँ से गुजरती है  और यहाँ पर लगभग सभी ट्रेनों का ठहराव होता  है  और यह तीन रुटो से जुड़ा हुआ है जैसे रांची-मुरी मार्ग ,मुरी टाटा howrha ,muri  पटना इस तरह देश के कई शहर के स्टेशनों से muri जंक्शन जुड़ा हुआ है जैसे कोलकाता नई दिल्ली रेणुकूट धनबाद सूरत गुवाहाटी पटना कानपुर जम्मू तवी जैसे शामिल है

Ramrekha Dham: Where Exile Echoes in Time वनवास की छाप – जहां राम, सीता और लक्ष्मण के पदचिह्न बसे हैं

ramrekha dham temple राम सीता वनवास के दौरान इस जंगल ...

सिमडेगा मुख्यालय से लगभग 26  किमी दूर स्थित ramrekha dham temple रामरेखा धाम राम सीता वनवास के दौरान इस जंगल पर कुछ समय व्यतीत किये थे यह  एक पवित्र स्थान है। यह कहा जाता है कि भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण ने चौबीस वर्षों के बनवास के दौरान इस स्थान का दौरा किया था और कुछ समय तक यहीं रहे थे। पुरातात्विक संरचनाओं जैसे अग्नि कुंड, चरण पादुका, सीता चूल्हा और गुप्त गंगा से पता चलता है कि उन्होंने बनवास काल में इसी रास्ते पर चले थे।

यदि आप  रामरेखा धाम गए हैं तो आप देखे हैं  एक झुकी हुई गुफा में स्थित है, और भगवान राम, मां सीता, लक्ष्मण, हनुमान और भगवान शिव के मंदिरों को देखा। कार्तिक पूर्णिमा पर यहां हर साल मेला लगता है। विभिन्न राज्यों और समुदायों से आने वाले लोग

रामरेखा धाम (Ramrekha Dham) का नाम क्यों लोकप्रिय है? क्या आप इसके बारे में जानते हैं?

Ramrekha Dham: Where Exile Echoes in Time

14 वर्षों के वनवास के दौरान भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण ने इस स्थान का दौरा किया था और वहाँ कुछ समय रहते थे। बानवास  की अवधि के दौरान उन्होंने इस मार्ग का अनुसरण किया, जैसा कि अग्निकुंड, चरण पंडुका, सीता चूल्हे और गुप्ता गंगा से पता चलता है। ramrekha dham रामरेखा धाम में लोगों ने भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान और भगवान शिव के मंदिरों को देखा

झारखंड के सिमडेगा जिले में स्थित रामरेखा धाम  Ramrekha dham सबसे प्राचीन धार्मिक स्थान है।अगस्त मुनि के छोटे भाई अग्निजीविहा मुनि का आश्रम इस स्थान पर है।तीसरी शताब्दी से ही मुनि रामरेखा गुफा में तपस्या कर रहे हैं। उनके यज्ञों की आहुति आज भी अग्निकुंड में दिखाई देती है।

 रामरेखा नाम कैसे पड़ा  Ramrekha Dham: Where Exile Echoes in Time वनवास की छाप – जहां राम, सीता और लक्ष्मण के पदचिह्न बसे हैं

Simdega के पावन धरती पर श्री राम के कदम से  सिमडेगा पावन हो गया है मान्यता यह है की जब श्री राम चंद्र जी १४ वर्ष की बनवास अवधि  कटते हुए जब इस जगह  पहुचे थे तब simdega के इसी जंगल में उन्होने कुछ दिन व्यतित किये थे  बरसात से बचने के लीये जब उन्हाने एक गुफा नुमा पत्थरों की मध्य जाकर रुके तो उनका सिर पत्थरों से टकराने लगा राम जी ने उन्ही  समय अपने तीर से उस पत्थर को एक लकीर खीच देते हैं और जगह बन जाता है कहा जाता है आज भी इस लकीर को वहां देखा जा सकता है

 रामरेखा धाम की खोज  बीरू राज वंश ने किया  Ramrekha Dham history 

Ramrekha Dham: Where Exile Echoes in Time

बहुत पहले की बात है।वीरू राजवंश के १५वीं पीढ़ी के गंग वंशी राजा हरी राम सिंह देव ने जंगली जानवरों का शिकार करते हुए कौशलपुर परगना क्षेत्र में प्रवेश किया, जो विविध पशु पक्षियों और जंगली जानवरों से भरा हुआ था। उस स्थान पर थके हुए राजा ने निवास किया।

यहाँ पहुंचकर राजा को शांति का अनुभव हुआ और आराम करते हुए दूर से राम-राम का स्वर सुनाई दिया. राजा ने राम-राम कहा और आगे बढ़कर देखा कि एक गुफा में लता पत्रों और अन्य सामग्री से लगातार राम-राम का स्वर निकलता था। जब राजा गुफा में पहुंचा तो उसकी निगाह एक शिवलिंग पर पड़ी. वह दंडवत प्रणाम करते हुए आगे बढ़ा और देखा कि एक काले शंख से निरंतर राम नाम निकल रहा है।रजा ने शंख को माथे पर लगाकर प्रणाम किया। करना।

और स्वयं शंख को अपने हाथों से बचाया।राजा फिर अपने महल में लौट गया. एक दिन, भगवान राम राजा के सपने में आए और उसे बताया कि जिस जगह पर उन्होंने शिवलिंग देखा था, वह हमारे द्वारा नवास काल में स्थापित किया गया था।और हमने अपना शंख वाही छोड़ दिया, जो दिन-रात मेरा नाम लेता रहता था।

Ramrekha dham Jharkhand में कार्तिक पूर्णिमा में  यहाँ भव्य मेला लगता है

झारखंड के अलावा यहां कई राज्यों से लोग आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालु यहां पूजा करने आते हैं, हालांकि वे हर दिन पूजा करने आते हैं। रामरेखा धाम में हिंदुओं के अलावा अन्य समुदायों में भी आस्था है। अन्य समुदाय के लोग भी इस अवसर पर आते हैं और सुखी जीवन की कामना करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे पूरे साल इस मेले की प्रतीक्षा करते हैं।

Simdega से कितना दुरी पर है Ramrekha dham

रामरेखा धाम simdega जिले मुख्यालय से 26  किलोमीटर साउथ डायरेक्शन में स्थित है जहाँ आप बस ,बाइक या व्यक्तिगत गाड़ी से आसानी से जा सकते हैं

 

 

इन्हें भी पढ़े  इन 05 मंदिरों में कोई भी पुरुष नही जा सकता है || 05 Prohibited from visiting temples

सिमडेगा के ramrekha dham के आस पास घुमने की जगह

झारखंड के पर्यटन स्थल में से एक और simdega के पवित्र स्थल श्री राम  स्थल ramrekha के आस पास कई ऐसे भी जगह हैं जिसे लोग visit करते है वैसे यदि आप भी रामरेखा धाम घुमने एवं मंदिर इ दर्शन करने के सोच रहे हैं तो इस जगह आप जरुर आइये साथ ही इसके आस पास के simdega ghumne ki jagah जगहों को भी जरुर घुमए आइये कुछ नाम बताते हैं जिन्हें आप जाकर घूम सकते हैं

  • simdega केला घाट डैम
  • कोम्बंग डैम

 

 

beautiful Waterfall Near Ranchi Jharkhand | nearest waterfall in ranchi

beautiful Waterfall Near Ranchi Jharkhand

राज्य के प्राकृतिक सुन्दरता को निखारने में वॉटरफॉल सबसे प्रमुख भूमिका निभाता है हेल्लो  दोस्तों आज के इस लेख में Jharkahnd के रांची के आस पास में मौजूद nearest waterfall in ranchi,  beautiful Waterfall Near Ranchi Jharkhand | How many waterfall in Jharkhand वॉटरफॉल के बारे  बताएँगे | आपको पता है की  हर राज्य के पर्यटन में वंहा के वॉटरफॉल उस राज्य का सबसे खुबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में अपनी भूमिका निभाता है

की प्राकृतिक सुंदरता में से कई सुंदर झरने हैं, जो राज्य की खूबसूरती को और भी बढ़ाते हैं। झारखंड के कुछ प्रमुख झरनों के बारे में निम्नलिखित लेख में विस्तार से चर्चा की जाएगी:

        हुंडरू जलप्रपात (Hundru fall)

  1. हुंडरू झरना:  झारखंड की राजधानी रांची के पास हुंडरू झरना एक प्रमुख झरना है। यह सुबर्णरेखा नदी में स्थित लगभग  98 मीटर (322 फीट) की ऊंचाई से गिरता है। पिकनिक स्पॉट के रूप में यह लोकप्रिय है क्योंकि चारों ओर हरियाली है। हुन्डरु फॉल राजधानी रांची से लगभग 48 किलोमीटर दुरी पर स्थित है | हुन्डरु फॉल जाने के लिए आप बस, ऑटो या  बाइक का इस्तेमाल कर सकते हैं

         जोन्हा जलप्रपात (Jonha falls)

  1. जोन्हा झरना (गौतमधरा के नाम से भी जाना जाता है) :  झारखंड का एक और सुंदर झरना जोन्हा झरना है, जो रांची से लगभग चालीस किलोमीटर दूर है। यहाँ घने जंगलों से घिरा है, जो पर्यटकों को शांत करता है। झरना लगभग 43 मीटर या 141 फीट की ऊंचाई से गिरता है।

         दसम फॉल जलप्रपात (Dasam fall)

  1. दसम  झरना:  रांची से लगभग 74  किलोमीटर की दूरी पर दस्सम झरना है। यह कांची नदी से बनता है, जो होर्शू-शेप्ड झरने के लिए जाना जाता है। यह खूबसूरत झरना लगभग 44 मीटर (144 फीट) की ऊंचाई से गिरता है और इसके दृश्य सुंदर हैं।

         सीता फॉल जलप्रपात (Sita fall)

  1. सीता झरना (Sita Falls):  झारखंड के  सीता झरना है। रांची से 40 किलोमीटर यह राघू  नदी पर राघु पर स्थित है जो स्वर्णरेखा नदी की  एक उपनदी है  चारो ओर  जंगल से घिरा है।  और यह जलप्रपात जोन्हा  वॉटरफॉल के नजदीक में स्थित है साथ ही माता सीता का एक मंदिर भी इस वॉटरफॉल के पास स्थित है |

        पंचघाघ जलप्रपात ( Punch ghagh)

  1. पंचघाघ झरना:  पंचघाघ झरना खुंटी से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है। इसकी पांच धाराएँ एक झरना बनाने के लिए मिलती हैं। यह जलप्रपात पांच नदी का संगम है इसलिए इसे पंचघाघ जलप्रपात भी कहते है |

       लावापनी जलप्रपात (Lawapani fall)

6.लावापनी जलप्रपात : झारखंड के लोहरदगा जिले में पेशरार प्रखंड में स्थित लावापनी जलप्रपात अपने प्रकृति सौदर्य एवं कल कल करती झरना की आवाज के  लिए लावापनी जलप्रपात लोगो को अपनी और हमेशा आकर्षित करती है |

      हिरनी जलप्रपात

7.हिरनी फॉल जलप्रपात :रांची से लगभग 58  किलोमीटर की दुरी में स्थित हिरनी जलप्रपात अपने मनमोहक एवं पिकनिक स्पॉट के लिए प्रसिद्ध हैं और यंहा हर साल नए वर्ष में लोगो का बहुत अधिक भीड़ होता है चारो ओर जंगलो से घिरा हिरनी  जलप्रपात  सबको अपनी और आकर्षित करती है |

लोध फॉल (बुढा घाघ )  झरना (Lodh Waterfall):Highest Waterfall in Jharkhand झारखंड का सबसे ऊँचा जलप्रपात है |

झारखंड के रानी नेतरहाट के हरे-भरे परिदृश्य में बसा लोध झरना प्रकृति की अछूती सुंदरता का सबूत है। यह जलप्रपात Jharkhand के सबसे  ऊँचा है, जो सबको  अपनी ओर आकर्षित करता है  लोध फॉल्स (बुढा घाघ )लगभग 143 मीटर (469 फीट) की ऊंचाई के साथ झारखंड  के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है.  झारखंड के लातेहार जिले में स्थित लोध जलप्रपात एक प्राकृतिक आकर्षण है   बुढा घाघ नदी में स्थित यह नदी आगे जाकर सुगबांध जैसे पर्यटक स्थल का निर्माण करता है |

Waterfall in Jharkhand झारखंड के प्रमुख जलप्रपात

झारखंड राज्य में झरने एकमात्र प्राकृतिक सौंदर्य स्थल हैं। झारखंड में प्रसिद्ध सात nearest waterfall in ranchi जो प्रसिद्ध झरनों  में से एक है जिसका यहाँ उल्लेख है:
  1. हुंडरू  झरना: यह झारखंड की  रांचीसे  ऊँचाई लगभग 98 मीटर (322 फीट) है। यह सुबर्णरेखा नदी पर स्हैथित , जो खुले आसमान में बहती है।
  2. जोन्हा झरना: यह झारखंड की राजधानी रांची के पास में ही है और इसकी ऊँचाई लगभग 43 मीटर (141 फीट) है। यह घने जंगलों में एक प्राकृतिक के गोद में स्थित  स्थान है।
  3. दस्सम झरना: स्थान: झारखंड का तैमारा जंगलों  के मध्य एवं ऊंचाई : लगभग 44 मीटर (144 फीट) रांची से जमशेदपुर जाने वाले रास्ते में पड़ता है |
  4. सिता झरना: झारखंड के  सीता झरना है। रांची से 40 किलोमीटर यह राघू  नदी पर राघु पर स्थित है जो स्वर्णरेखा नदी की  एक उपनदी है  चारो ओर  जंगल से घिरा है।
  5. पंचघाघ वॉटरफॉल  Falls: यह खुंटी झारखंड में है और इसकी ऊँचाई लगभग 10 मीटर (33 फीट) है। यह शांतिपूर्ण वातावरण में पांच धाराओं का एकीकरण है।
  6. लावापनी जलप्रपात  Falls: झारखंड की खुंटी लगभग 55 मीटर (180 फीट) ऊँची है। जुंगल, झारखंड में, एक और प्राकृतिक सौंदर्य है।
  7. राज्रापा झरना: यह हजारीबाग, झारखंड में है, जिसकी ऊँचाई लगभग 10 मीटर (33 फीट) है। राजरप्पा मंदिर के पास है, जो धार्मिक है।

झारखंड के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाने वाले कुछ महत्वपूर्ण स्थानों में से कुछ ये झरने हैं,जो  झारखंड के प्रमुख जलप्रपात पर्यटकों को आकर्षित करता है । कृपया ध्यान दें कि मौसम और स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर इन झरनों की पहुँच और स्थितियाँ बदल सकती हैं, इसलिए यात्रा की योजना बनाते समय उन्हें देखें और स्थानीय नियमों और मार्गदर्शन का पालन करें।

इसे भी पढ़े (भारत के 10 जलप्रपात के नाम )

और जब आप नदी झरने या जलप्रपात में जाने से पहले उसके बारे में अच्छे जानकारी लेकर ही पर्यटन स्थल पर जाये जिससे की आपके यात्रा में किसी प्रकार का कोई दिक्कत न हो और आप एक रोमांचकारी यादगार पल का आनंद ले सके |

beautiful Waterfall Near Ranchi Jharkhand | How many water falls are there in Ranchi Jharkhand

झारखंड का सबसे ऊंचा झरना  लोध फॉल लातेहार झारखंड का सबसे ऊँचा झरना में एक है | झारखंड झरनों का राज्य है

Jharkahnd Tourism  के बारे में और अधिक जानकारी के लिए visit कीजिये  https://tourism.jharkhand.gov.in/और झारखंड के बारे में और बिस्तार से जाने

झारखंड का जलप्रपात सबसे ऊँचा कहाँ है

  • jharkahnd के लातेहार जिला में स्थित बुढा घाघ जलप्रपात झारखंड का सबसे ऊँचा जलप्रपात है जो लगभग 143 मीटर (469 फीट) की ऊंचाई के साथ झारखंड  के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है

Kark Rekha in India कर्क रेखा भारत के इन राज्यों से होकर गुजरता है

Kark Rekha in India

Kark Rekha in India कर्क रेखा भारत के इन राज्यों से होकर गुजरता है

हेल्लो दोस्तों आज के इस लेख कर्क रेखा  Kark Rekha in India के बारे में बताने जा रहे हैं जो की भारत के आठ राज्यों से होकर गुजरती है  जिसे “काल्पनिक रेखा ” भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण भूगोलिक रेखा है जिसका प्रभाव भारत के मौसम और जलवायु पर होता है। यह रेखा भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग को दिखाती है, साथ ही चार ऋतुओं: वसंत, ग्रीष्म ऋतु, बारिश और शरद ऋतु। कर्क रेखा का अक्षांश लगभग 23.5 डिग्री उत्तर है और देश के उत्तरी और दक्षिणी हिमालयों के बीच की कल्पना रेखा को दिखाता है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उस स्थान को बताता है जहाँ सूर्य की किरणें सीधे नीचे

netarhat kark rekha

पड़ती हैं और कैसे यह जलवायु और मौसम पर प्रभाव डालता है। कर्क  रेखा भारत Kark Rekha in India के कई राज्यों से गुजरती है, जैसे गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, दिल्ली, पश्चिमी बंगाल और अन्य। कर्क रेखा इन राज्यों के जलवायु और मौसम पैटर्न पर प्रभाव डालती है। कर्क रेखा के नीचे पड़ने से उत्तरी भारत में वसंत ऋतु की शुरुआत होती है, जब तापमान बढ़ता है और फसलों की खेती होती है। यह रेखा ग्रीष्म ऋतु में गर्म होती है, जिससे उत्तरी भारत में अधिक तापमान और जलवायु

परिवर्तन होते हैं। वर्षा ऋतु में, कर्क रेखा के पास आने से अधिक बारिश होती है, और इस समय उत्तरी भारत में मॉनसून का आगमन होता है। यह रेखा शरद ऋतु में नीचे जाती है, जब तापमान फिर से कम होता है और ठंडा होता है, जिससे मौसम और जलवायु बदलते हैं। कर्क रेखा भारतीय भूगोल (Indian Geography)का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो जलवायु और मौसम को समझने में मदद करती है और खेती, वनस्पति और जीवन के अन्य हिस्सों पर भी प्रभाव डालता है।

कर्क रेखा भारत Kark Rekha in India के आठ राज्यों से गुजरती है। ये राज्यों के नाम हैं:

1.गुजरात 2. राजस्थान 3. मध्य प्रदेश 4. छत्तीसगढ़ 5. झारखंड 6. दिल्ली स्थित विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (NCT) 7. झारखंड 8. वेस्ट बंगाल कर्क रेखा भारत के माध्यम से गुजरने से मौसम और जलवायु पर प्रभाव पड़ता है, जो दिन और रात की लम्बाई, गर्मियों और शीतकाल के बीच की ऋतुओं के आगमन को बताता है। इसका अक्षांश लगभग 23.5 डिग्री उत्तर है, जो भूमि के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से को बताता है और मौसम और जलवायु के परिवर्तनों को समझने में मदद करता है।

कर्क रेखा झारखंड के कितने जिलों से होकर गुजरती है ?

झारखंड में कर्क रेखा पश्चिम से नेतरहाट से प्रवेश करती है और रांची के मानडर से ओरमांझी होते हुवे बंगाल में प्रवेश करती है झारखंड के 05 जिलों के 05 जिलों से होकर गुजरती है कर्क रेखा ……

  1. लातेहार
  2. गुमला
  3. लोहरदगा
  4. रांची
  5. रामगढ

इसे भी पढ़े : लोहरदगा में घुमने लायक पर्यटक स्थल 

Kark Rekha in India

भारत के बीचो बीच  से गुजरने से मौसम और जलवायु पर प्रभाव पड़ता है, जो दिन और रात की लम्बाई, गर्मियों और शीतकाल के बीच की ऋतुओं के आगमन को बताता है। इसका अक्षांश लगभग 23.5 डिग्री उत्तर है, जो भूमि के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से को बताता है और मौसम और जलवायु के परिवर्तनों को समझने में मदद करता है।

कर्क रेखा कितने जिलों से होकर गुजरती है jharkhand

जी हाँ दोस्तों झारखंड के पश्चिम में स्थित लातेहार जिला के प्रखंड महुवातांड में स्थित नेतरहाट के जंगलों से होकर गुजरता है कर्क रेखा झारखंड के गुमला,लातेहार,लोहरदगा,रांची,रामगढ जिलों से होकर गुजरता है |

FAQ-
कर्क रेखा किसे कहते हैं ?

दक्षिणी गोलार्थ में भी एक रेखा होती है जिसे मकर रेखा कहते हैं और मकर रेखा से कर्क रेखा की बीच की दुरी  उष्ण कटिबंधीय कहा जाता है जिसे कर्क रेखा कहते है

कर्क रेखा का मतलब क्या है?

पृथ्वी के पांच रेखावों में से एक जो मानचित्र पर परिलक्षित होती है | और यह पृथ्वी की उतरतं  अक्षांश रेखा है और यह दोपहर के समय सूर्य लम्बवत चमकता है