hundru waterfall malghonghsa jharkhand

Hundru waterfall from ranchi || हुंडरू का अर्थ क्या है | हुन्डरु जलप्रपात रांची

“Hundru Waterfall, Malghonghsa: Jharkhand’s Majestic Cascade of Wonder “

hundru waterfall malghonghsa jharkhand -झारखंड के रांची जिले जिसे झरनों का शहर भी कहा जाता है इसी शहर के पास में एक जलप्रपात  है जिसका नाम हुंडरू जलप्रपात waterfalls in jharkhand  कहते हैं  रांची से इसकी दुरी Hundru Waterfall, Faul, Hundru, Malghonghsa  रांची से 45 किलोमीटर है | झारखंड की ऊंचाई वाले वॉटरफॉल में हुंडरू जलप्रपात का भी नाम सबसे पहले आता है जी हां 322 फीट ऊंचाई से गिरने के साथ-साथ 98 मीटर ऊंचा यह  भारत का 34 व सबसे बड़ा ऊंचा जलप्रपात है और jharkahnd का दूसरा सबसे बड़ा जलप्रपात है रांची  से सटे 32 किलोमीटर पुरलिया मार्ग पर hundru  जलप्रपात स्वर्णरेखा नदी पर स्थित  है लोग

इस जगह पर पिकनिक के लिए हमेशा आया  करते हैं साथ ही  नए साल में लोग भर भर कर इस जगह पर जाते हैं और नए साल इंजॉय करते हैं आज इस  लेख में आप पढ़ेंगे हुंडरू फॉल के बारे में तो चलिए विस्तार पूर्वक जानते हैं Hundru waterfalls के बारे में

हुंडरू जलप्रपात Hundru Waterfall नाम क्यों पड़ा हुंडरू का अर्थ क्या है

वैसे तो हुंडरू जलप्रपात hundru waterfall स्वर्णरेखा नदी पर अवस्थित है लेकिन बात आती है कि हुंडरू जलप्रपात का नामकरण कैसे हुआ आखिर हुंडरू जलप्रपात इस वॉटरफॉल को क्यों कहते हैं हुंडरू का अर्थ क्या होता है इस सवाल पर जब स्थानीय लोग से जानकारी मिला  तब पता चला कि जब अंग्रेजी शासन काल था तब एक अंग्रेज जिसका नाम “हुंदुर”था इस नदी पर इस वॉटरफॉल के समीप आकर हीरा या सोने की तलाश कर रहा था तो किसी कारणवश उसका पैर फिसलकर नीचे खाई में गिर जाता है तब से इसका नाम जो है “हुंदूर fail” कहा जाने लगा और समय बीतने के साथ इसका वर्तमान नाम हुंडरू फॉल hundru waterfalls हो गया ।

hundru waterfall on which river

हुंडरू जलप्रपात -रांची राजधानी रांची से सटे 32 किलोमीटर की दूरी पर पुरलिया मार्ग पर हुंडरू  जलप्रपात जो स्वर्णरेखा नदी पर बनाई गई है जिसकी ऊंचाई 322 फीट एवं यह भारत का 34 व सबसे बड़ा ऊंचा जलप्रपात है बेहद ही खूबसूरत एवं मनमोहक लगने वाला है यह वॉटरफॉल दूर से ही लोगों को अपनी और आकर्षित करती है इसकी आवाज 5 किलोमीटर तक सुनाई देती है ऊँचे चटानो  से गिरने के कारण इसके आवाज दूर तक  सुनाई देती है जब आप हुंडरू जलप्रपात आते हैं तो इसके तलहटी में जाने के लिए आपको 750 सीढ़ियां उतरने पड़ती है और 750 सीढ़ियां चढ़कर ऊपर आने पड़ती है क्योंकि जब

आप 750 सीढ़ियां उतर कर नीचे जाते हैं तब आपको वह दृश्य देखने को मिलता है  जब बात आती है  hundru waterfall height   कि तो  यह ऊंचाई से  गिरता है घने जंगलों के बीचो-बीच एवं शांत वातावरण में बसाया जलप्रपात लोगों को अपनी और मोहित करता है और लोग अक्सर इस जगह पर वीकेंड छुट्टी या पिकनिक या किसी विशेष प्रोग्राम के लिए इस वॉटरफॉल को देखने जाया करते हैं यह वॉटरफॉल रांची पुरलिया मार्ग पर स्थित है एवं यह झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा वॉटरफॉल है और यह स्वर्णरेखा  नदी पर स्थित है इसी से सिकीदारी में पन बिजली का उत्पादन भी किया जाता है

Hundru waterfall क्यों प्रसिद्ध है

  • झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा एवं ऊंचा वॉटरफॉल होने के साथ-साथ यह सोने रेखा नदी पर स्थित है और इसी से सीखी दारी में पन बिजली यानी कि बिजली का उत्पादन किया जाता है
  • Hundru जलप्रपात की धारा 322 फीट ऊंचाई से गिरने के साथ-साथ या झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा hundru waterfall  वॉटरफॉल है
  • बरसात के दिनों में इस वॉटरफॉल की धारा काफी अधिक मोटी हो जाती है जिससे वहां की खूबसूरती देखते बनती है लोग बरसात के दिन में भी काफी अधिक संख्या में इसे देखने के लिए जाते हैं क्योंकि संघा जंगल के बीचो-बीच होने के चलते बरसात के दिनों में बरसात के पानी से और अधिक इस वॉटरफॉल की जो परत है वह चौड़ी हो जाती है और जब ऊंचाई से गिरती है तो और मनमोहक लगती है

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जलप्रपात में बरतने वाली सावधानियां(Precautions at Waterfalls)

जब आप किसी भी वॉटरफॉल्स जलप्रपात में अपने परिवार स्वयं यानी किसी के साथ जाते हैं तो सबसे बड़ी  बात होती है उस जलप्रपात में बरतने वाली सावधानी यदि आप हुंडरू जलप्रपात में पहुंच गए हैं तो सबसे पहले आप अपने परिवार के सदस्यों का ध्यान रखेंगे बच्चों को खासकर ऐसे स्थानों से दूर रखें जहां फिसलने है गड्ढे हैं जहां पानी ऊंचे से गिर रही है साथ ही ऐसे स्थानों से आपको दूरी बनाकर रखें जिससे किसी अप्रिय घटना होने की संभावना हो सके

यदि आप पिकनिक का प्लान कर रहे हैं तो आपको झरने से दूर जहां पानी का रफ़्तार  कम हो गड्ढे कम हो, चिकने पत्थर से दूर होना चाहिए क्योंकि आजकल के समय में अक्सर लोग फोटोग्राफी सेल्फी, के चक्कर में गलती हो जाती है और इस तरह की घटना का शिकार हो जाते हैं तो इसलिए सबसे पहले सावधानी बरतनी जरूरी है तभी आपकी घूमने की जो ख्वाहिश  सफल हो पाएगी इसलिए जरूरी है कि आप ऐसे जलप्रपात की जगह में जाएं लेकिन सावधानी जरूर करते हैं

हुंडरू जलप्रपात आप कैसे आ सकते हैं  how to reach hundru falls from ranchi

राजधानी रांची से 32 किलोमीटर का दूरी पर स्थित रांची पुलिया मार्ग पर स्थित हुंडरू फॉल  12 महीना स्वागत करती है क्योंकि यह स्वर्ण रेखा नदी पर स्थित है और ऊंचाई से गिरने के साथ-साथ या झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा वॉटरफॉल है इस वॉटरफॉल पर आने के लिए आपको राजधानी रांची से बाय बस स्वयं के व्यक्तिगत गाड़ी या फिर बाइक से आप आसानी से इस जगह पर आ सकते हैं

परिवहन के साधन (Modes of Transport)

  • बस से कैसे पहुचे -यदि अब झारखंड के अन्य हिस्से से आते हैं या फिर झारखंड के बाहर राज्य से आते हैं तो आपको सबसे पहले आईटीआई बस स्टैंड रांची या खादगढ़ा बस स्टैंड रांची में उतरना होगा उसके बाद वहां से आप बस के माध्यम से सीधे कुंदरु फूल के लिए जा सकते हैं आपको वहां से लगभग 80 रुपए के किराया लग जाता है
  • रेलगाड़ी से कैसे पहुचें – जब आप रेलगाड़ी से पंढरपुर के लिए आते हैं तो सबसे पहले आपको राजधानी रांची रेलवे स्टेशन में उतरना होता है राजधानी रेलवे स्टेशन से उतरकर आप वहां से ऑटो करके सीधे बस स्टैंड जा सकते हैं और फिर वहां से बस पड़कर होंड्रफों को जा सकते हैं और नहीं तो आप वहां से ऑटो को भी बुक कर सकते हैं या छोटी गाड़ी बुक करके जा सकते हैं वैसे लंबी दूरी है इसलिए ऑटो करना उचित नहीं है आप छोटा गाड़ी की बुक कर सकते हैं
  • व्यक्तिगत गाड़ी या बाइक से कैसे पहुचे -सबसे सुविधा एवं सबसे सुविधाजनक खुद की गाड़ी और बाइक मानी जाती है क्योंकि इसमें आप अपने मनमर्जी के हिसाब से जाते हैं और मनोरंजन करके आते हैं क्योंकि इसमें आप अपने समय के मुताबिक समय से जाते हैं और समय से आ जाते हैं इसमें किसी भी बंदिश नहीं होती है तो आप झारखंड के किसी भी हिस्से से हो पर्सनल गाड़ी या बाइक से वंडरफुल आसानी से जा सकते हैं
  • इस तरह आप झारखंड में अन्य और जलप्रपात को भी visit कर सकते हैं और अधिक बिस्तार से जानने के लिए झारखंड सरकार के आधिकारी वेबसाइट https://tourism.jharkhand.gov.in/ पर visit कर सकते हैं |

FAQ
1.हुंडरू जलप्रपात की ऊंचाई कितनी है ?

ANS-हुंडरू जलप्रपात hundru waterfall  की ऊंचाई लगभग 322 फीट ऊंची है

2.झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा वॉटरफॉल कौन सा है?

ANS-झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा वॉटरफॉल हुंदरू वॉटरफॉल है जो कि रांची जिला में स्थित है

3.हुंडरू जलप्रपात कौन सी नदी पर स्थित है? hundru waterfall is located on which river

ANS-हुंडरू जलप्रपात स्वर्ण रेखा नदी पर स्थित है

4.हुंडरू जलप्रपात hundru waterfall  की विशेषता क्या है?

ANS-हुंडरू जलप्रपात की विशेषता यह है कि यह वॉटरफॉल 322 फीट ऊंचाई से गिरता है और यह भारत का 24 व सबसे बड़ा वॉटरफॉल है साथ ही अंग्रेज की जमाने में एक अंग्रेज जिसका नाम हुंदुर था जिसने हीरे की तलाश में इस नदी से खाई में गिर जाने की वजह से इस जगह का नाम जो है हुंदूर fail से हुंडरू फॉल हो गया

5.हुंडरू फॉल रांची से कितना दुरी पर है hundru waterfall distance

ANS-रांची से इसकी दुरी 45 किलोमीटर है |

 

Hirni falls || Hidden Place Hirni Watarfalls | हिरनी जलप्रपात

Hirni falls Jharkhand  || Hidden Place Hirni Watarfalls | हिरनी जलप्रपात

राजधानी रांची से खूंटी चाईबासा रोड में राष्ट्रीय राजमार्ग NH-20 में स्थित Hirni falls || Hidden Place Hirni Watarfalls | हिरनी जलप्रपात  है  जो चारों और छोटे बड़े पहाड़ों से घिरे होने के साथ पहाड़ों से गुजरते हुए पत्सुथरों के बीच से पानी गिरता है और हिरनी जलप्रपात का  निर्माण करता  है हिरनी फॉल hirni falls के पास में एक रेस्ट हाउस का भी निर्माण कराया गया है जहाँ लोग रुक भी सकते हैं

साथ ही  वहां पर पार्क का भी निर्माण कराया गया है प्रकृति के साथ-साथ आप पार्क का भी मजा ले सकते हैं यहां सैलानियों का आने के लिए एक बड़े रेस्ट हाउस की भी सुविधा की है जहां पर वह रात रुक सकते हैं यदि आप रोलर या ग्रामीण लाइफ को थोड़ा इंजॉय करना चाहते हैं तो वहां के स्थानीय लोग के द्वारा रुकने का भी व्यवस्था की गई है जो अपने हिसाब से वह लोग चार्ज लेते हैं साथ ही वहां का स्थानीय लोग छोटे-मोटे स्टोर दुकान लगाते हैं जिससे कि टूरिस्ट या पर्यटकों को जरूरी फूड सामान मिल सके इस तरह से हिरनी वॉटरफॉल्स के आसपास आपको कई सारी सुविधाएं मिल जाती है

Hirni falls Jharkhand  || Hidden Place Hirni Watarfalls | हिरनी जलप्रपात

hirni falls हिरनी जलप्रपात हिरनी झरना राजधानी रांची से 60 किलोमीटर का दूरी पर स्थित एक खूबसूरत से जलप्रपात हिरनी फॉल्स  hirni falls जो रांची खूंटी चाइबासा राष्ट्रीय राजमार्ग 20 पर स्थित है आजकल के डिजिटल समय में लोग सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसे गुमनाम जगह को भी उजागर कर दे रहे हैं जिसे लोग नहीं जानते थे

वैसे में हिरनी जलप्रपात  Hirni falls भी एक हिडन प्लेस है जिसे सोशल मीडिया जैसे फेसबुक इंस्टाग्राम यूट्यूब गूगल के माध्यम से लोग ऐसे जगह का वीडियो फोटो स्टोरी पब्लिश करते हैं और लोगों में एक जन की उत्साहिता बढ़ाते हैं वैसे में हिरनी जलप्रपात पीएफ हिडन प्लेस है जिसे लोग अब जाने लगे हैं और लोग बढ़-चढ़कर पिकनिक मनाने ऐसी जगह पर जाते हैं इस नए साल में लोग ऐसे वॉटरफॉल में जाना पसंद करते हैं

और एक यादगार पल कैप्चर करना चाहते हैं वैसे में यदि आप झारखंड के ऐसे बेहतरीन प्राकृतिक प्लेस वॉटर फॉल्स में जाना चाहते हैं तो आपके लिए हिरनी जलप्रपात भी एक बेस्ट ऑप्शन हो सकता है जहां आप अपने परिवार के साथ कुछ समय नए साल में व्यक्तित्व कर एक यादगार लम्हा इंजॉय कर सकते हैं हिरनी जलप्रपात hirni falls  के चारों तरफ छोटी बड़ी कई पहाड़ियां हैं जहां से रामगढ़ नदी होते हुए यह पानी चट्टानों से चीरते हुए नीचे गिरती है और हिरनी  जलप्रपात का निर्माण करती है

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पार्किंग की भी है सुविधा

जब पर्यटक स्थल की बात होती है तो वैसे में जब लोग दूरदराज से लोग आते हैं तो अपने साथ व्यक्तिगत गाड़ी बाइक बस जैसे बड़े गाड़ी लेकर आते हैं ऐसी स्थिति में सबसे बड़ी बात आती है पार्किंग की तो इस वॉटरफॉल में पर्यटकों के लिए पार्किंग की व्यवस्था है जिसमें से आप ₹20 खर्च कर उसे पार्किंग पर अपने गाड़ी को खड़ी कर सकते हैं जिसे जलप्रपात समिति के द्वारा संचालित किया जाता है और उसकी साफ सफाई जलप्रपात समिति के द्वारा किया जाता है

हिरनी  जलप्रपात Hirni falls  आने के रास्ते

यदि आप राजधानी रांची से आते हैं तो आपको खूंटी चाईबासा रोड से होते हुए आप सीधे हिरनी फॉल्स आ सकते हैं आप वेयक्तिगत गाड़ी बाइक या बस से Hirni  falls हिरनी वॉटर फॉल्स तक पहुंच सकते हैं साथ ही यदि आप रेल की मदद से आते हैं तो आपको रांची टाटा होते हुए चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन आना होगा वहां से आपको 45 किलोमीटर दूरी पर यह हिरनी वॉटरफॉल्स मिल जाएगा परंतु मेरा मानना है

कि यदि आप अपने व्यक्तिगत गाड़ी या फिर बस से आते हैं तो आपके लिए एक सम एडवेंचर एक अनुभव होगा क्योंकि यह एनएच 20 के रास्ते में ही पड़ता है तो इसलिए स्टेशन से दूर है और रोड से नजदीक है तो आप अपने व्यक्तिगत गाड़ी या फिर बाइक से रोड के माध्यम से आई और इस ब्यूटीफुल वॉटरफॉल का मजा लीजिए

हिरनी झरना Hirni falls के आसपास घूमने की जगह

  1. पंचघाघ झरना– पांच नदियों के संगम से बना एक खूबसूरत प्राकृतिक झरना जिसे हम लोग पांच का के नाम से जानते हैं राजधानी रांची से लगभग 50 किलोमीटर का दूरी पर स्थित चाईबासा रोड पर खूंटी जिले में स्थित पांच गांव झरना पर्यटकों को अपने पांच नदियों के नाम साथी एक पारिवारिक पिकनिक स्पॉट के रूप में अपनी और हर वर्ष या विकेट छुट्टी में आकर्षित करती रहती है और लोग यहां पर जाते रहते हैं नदी का निर्माण बने नामक प्रसिद्ध नदी के टूटने के कारण हुआ है यह एक ऐसा झरना है जहां पर पानी समतल है कोई ऊंचाई से पानी नहीं गिरता है
  2. इसलिए यहां पर खतरे की संभावना कम है फिर भी बच्चे बूढ़े पारिवारिक के साथ किसी भी जलप्रपात में जाते हैं तो सावधानी बरतना बहुत जरूरी होता है पानी की बहन शांत है क्योंकि पानी का जो लेयर है वह नीचे नीचे बहती है ऊपर से नहीं गिरती इस वजह से यह पानी का आवाज जो है ज्यादा शोर नहीं करती है इसलिए ऐसे स्थान स्कूली बच्चों को पर्यटन के लिए अच्छा है इसके साथ-साथ यदि आप खूंटी जिला के आसपास अन्य और पर्यटन स्थल देखना चाहते हैं तो उनमें से बिरसा मृग विहार आंगनवाड़ी शिव मंदिर जैसे अन्य पर्यटक स्थल है जहां आप लोग घूमने जा सकते हैं
  3.  पेरवाघाघ जलप्रपात।  रांची खूंटी सिमडेगा मार्ग पर तोरपा के मटका पंचायत पर स्थित एक सुंदर सी झरना जिसे बेरवा घाट कहा जाता है यह एक अच्छा वॉटरफॉल है जहां पर लोग पिकनिक मनाने जाते हैं पेरवा का अर्थ होता है कबूतर यदि शाब्दिक अर्थ देखा जाए तो पेरवा का  मतलब कबूतर और घाघ का मतलब घर तो “कबूतरों का घर” इस तरह से इस अर्थ का मतलब निकलता है
  4. रानी जलप्रपात  रानी जलप्रपात खूंटी तमर रोड पर स्थित जिसकी दूरी लगभग 20 किलोमीटर है धीमी प्रवास से बहने के कारण इस नदी में पिकनिक के लिए अच्छा माना जाता है यहां पर अपने परिवार के साथ छोटे बच्चों के साथ लोग जाते हैं और इंजॉय करके आते हैं
  • हिरनी फॉल का कुछ बेहतरीन फोटो

                                  

Baghmunda Waterfalls Jharkhand | best picnic spot

Baghmunda Waterfalls Jharkhand | best picnic spot

Baghmunda Waterfalls Jharkhand  : नए साल के आगमन के साथी पर्यटकों में एक नई ऊर्जा और नए संचार  देखने को मिलता है पर्यटक नई-नई जगह जाने और घूमने को अपनी योजना बनाते हैं गुमला जिला से लगभग 48 किलोमीटर की दूरी बाघमुंडा वॉटरफॉल दर्शकों को अपनी और हर साल इसी तरह आकर्षित करती है वैसे तो वीकेंड छुट्टी या अन्य ऐसे त्योहारों में पिकनिक के लिए इस जगह पर लोग जाया करते हैं परंतु नया साल आने वाला है

और नये  वर्ष में लोगों का ऐसे जलप्रपात में जाना भी बहुत ज्यादा  अनुमान है आपको बता दे की गुमला से महज 48  किलोमीटर की दूरी पर सिमडेगा रांची मुख्य मार्ग स्थित बाघमुंडा वॉटरफॉल अपने मनोरंजन दृश्य और प्रकृति सुंदर के लिए जानी जाती है काफी सुकून और खुशी देने वाली ऐसी जगह है जहां पर आप लोग जाना पसंद करते हैं ऊंचाई से गिरने के कारण यह जलप्रपात कल कल धाराओं से बहते हुए ऊंचे पहाड़ों से गिरती है और शांत वातावरण और की अनुभूति प्रदान  करती है  लोग अभी से ही बागमुंडा वॉटरफॉल में सैलानियों का आना-जाना भीड़ शुरू हो गया है

Baghmunda Waterfalls क्या है इस वॉटरफॉल की विशेषता

आपको बता दे की बाघमुंडा वॉटरफॉल  कोयल नदी पर स्थित है और यह सिमडेगा रांची मुख्य मार्ग पर  कोयल नदी में स्थित है और यह अलग-अलग ऊंचाई से एक जगह  तीन धाराओं से होकर गिरने के वाले संगम पर एक बाघ का  किसी आकार का धारण करती है जिस वजह से बाघमुंडा जलप्रपात  भी कह सकते हैं अगर बात करें कि यहां पर जाने का तो जब इसके आप मुख्य द्वार से अंदर के प्रवेश करते हैं तो वहीं पर एक बड़ा सा प्राचीन शिव मंदिर भी है जहां भी लोग जाना पसंद करते हैं और वहां दर्शन करते हैं

नव वर्ष पर लगता है बहुत बड़ा मेला Baghmunda Waterfalls

वैसे तो बाघमुंडा वॉटरफॉल पर लोग छुट्टियां पर आते हैं लेकिन नए वर्ष के आगमन से लोगों में काफी उत्साह रहता है और लोग भर भर कर इस जगह नए साल में आने के लिए उत्साहित रहते हैं आपको बता दे कि इस जगह पर नए वर्ष में एक बहुत बड़ा मेला लगता है जिसकी सुरक्षा की जिमेवारी के लिए स्थानीय पुलिस को सोपा जाता है गुमला के साथ-साथ सिमडेगा रांची खूंटी तोरपा,राउरकेला तरफ से काफी अधिक संख्या में पर्यटक इस स्थान पर नए वर्ष में घूमने फिरने के लिए आते हैं

कैसे पहुच सकते हैं बाघमुंडा जलप्रपात Baghmunda waterfall aane ke raste

जी हां दोस्तों यदि आप बाघमुंडा जलप्रपात आने की सोच रहे हैं तो आप राजधानी रांची से सिमडेगा मार्ग वाले रास्ते से बस से या पर्सनल व्यक्तिगत गाड़ी से भी आप सीधा बाघमुंडा वॉटरफॉल आ सकते हैं

इसी  बीच रास्ते में ही एक बमिबयारी गांव मिलेगी वहीं से कोयल नदी का दृश्य आपको देखने को मिलता है पास में हेमता टोली गांव के समीप में इसका फ्रंट द्वारा रखा गया है जिसके माध्यम से आप सीधे वॉटरफॉल तक पहुंच सकते हैं यदि बात करें गुमला से इसकी दूरी की तो लगभग 50 किलोमीटर और रांची से इसके दूरी की तो 100 किलोमीटर पड़ता है आप सीधे बस या अपने निजी वाहन के साथ इस जगह पर आसानी से पहुंच सकते हैं

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बाघमुंडा वॉटरफॉल Baghmunda Waterfalls पर रखें खास ध्यान

यदि आप किसी भी वॉटरफॉल पर जाते हैं तो सबसे पहले बात आती है अपने आप और अपने परिवार की सुरक्षा का जिम्मेवारी जी हां जब आप अपने परिवार के साथ ऐसे किसी वॉटरफॉल्स पर जाते हैं जिसमें बच्चे जवान बूढ़े शामिल हो सकते हैं वैसे में आपको सबसे बड़ी सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है क्योंकि जलप्रपात  एक ऐसे स्थान होता है जहां पर ऊंचे ऊंचे जगह से पानी गिरते हैं

और न जाने कितने समय से वहां पर पानी इकट्ठा होते हैं गड्ढा होते हैं पत्थर चिकनी होती है जगह अनजान होती है वैसे मैं यदि आपके साथ बच्चे  साथ गए हैं तो हो सकता है शरारत करते-करते इन गड्ढे पत्थर ऊंचा नीचा जैसे जगह पर जाएं और वैसे में अगर नजर हटी तो दुर्घटना घटी  इसलिए ऐसे में आप अपने परिवार के सुरक्षा का स्वयं    जिमेवार है इस लिए  आप अपने बच्चों का खास ख्याल रखें और इधर-उधर जाने ना दे जिस किसी भी अनहोनी होने से बचा जा सके

क्योंकि आप देखते होंगे कि नए साल में अक्सर ऐसा घटना हो जाता है और इसका जिम्मेदारी खुद पर्यटक होता है इसलिए  अपने बच्चों की जिम्मेदारी खुद देखनी होती है इसलिए यदि आप बाघमुंडा वॉटरफॉल्स या फिर झारखंड के कोई अन्य वॉटरफॉल्स में इस नए साल घूमने जा रहे हैं तो आप अपने परिवार का सुरक्षा खुद करें चलिए पांच ऐसे उपाय जिससे आप अपने  बच्चों को ख्याल रख सकते हैं

  1. बच्चों को अपने नजर से दूर जाने मत दे
  2. चटानो वाले जगह से दूर रखे
  3. गहरे पानी या फिसलन वाले जगह के आस पास पिकनिक न जाये
  4. प्राथिमक उपचार  साथ रखे
  5. यदि भीड़ भाड़ वाले जगह में गये हैं तो उसके हाथ  मोबाइल नंबर जरूर लिख दे

Ayodhya Ram Mandir | अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी पिछले 32 सालों से रामलाल की पूजा अर्चना करते आ रहे

Ayodhya Ram Mandir | अयोध्या राम मंदिर

Ayodhya Ram Mandir | अयोध्या राम मंदिर

Ayodhya Ram Mandir | अयोध्या राम मंदिर  भगवान रामलाला की जन्मभूमि और हिंदुओं का सबसे पवित्र स्थल अयोध्या Ayodhya Ram Mandir जहां पर राम मंदिर का उद्घाटन समारोह 22 जनवरी 2024 को होना तय है इसके लेकर उद्घाटन की सभी तैयारी अभी से ही शुरू की जा रही है रामायण के अनुसार भगवान श्री राम की जन्म इसी जगह हुआ था इसलिए इसे श्री राम जन्मभूमि कहते हैं वर्ष 2024 में जनवरी 22 को रामलाला का जन्मदिन मनाया जाएगा

जी हां इसी जगह एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है जो की 22 जनवरी को इसका शुभारंभ किया जाना है प्राचीनकाल का माने तो इसी जगह राम जी का मंदिर पहले हुआ करता था जिसे तोड़ बाबर के द्वारा तोड़ दिया गया था  और फिर काफी सालों के बाद यहां पर एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है

कहा यह भी जाता है कि भगवान श्री राम का जन्म काल 5115 ईसवी पूर्व हुआ था जो कि द्वापर कल युग में माना जाता है रामायण काल के अनुसार जो भी कहानी हम अपने पूर्वजों से सुनते हैं या टीवी सीरियल में देखते हैं इसी द्वापर युग की कहानी के रूप में हमें चलचित्र दिखाया जाता है आज के इस  लेख में हम बात करने वाले हैं अयोध्या नगरी के बारे में भगवान श्रीराम की जन्म भूमि और भव्य मंदिर बारे में

Ayodhya Nagar  | अयोध्या का इतिहास

अयोध्या का इतिहास रामायण में अयोध्या नगरी सरयू तटके किनारे बसे होने के साक्षात प्रमाण मिलते हैं अयोध्या Ayodhya को पहले उत्तरकोशिला नाम से जानते थे  इतिहासकारों का माने तो कई ऐसे प्रमाण मिले हैं जिसे जिससे अयोध्या  समय जो अयोध्या नगरी  समृद्ध होने के साथ-साथ विशाल थी बड़े-बड़े सड़क सड़क की बगीचे  महल आम के बगीचे और चौराहों का एक विशाल स्तंभ हुआ करता था हर व्यक्ति के घर संपन था रामराज्य हुआ करता था  यहां पर सुंदर नगरी और लंबी सड़के जैसे थी

राम मन्दिर का निर्माण विक्रमादित्य ने करवाया था

आज से एक सदी पूर्व अयोध्या के सम्राट विक्रमादित्य ने उज्जैन की चक्रवर्ती ने इस मंदिर का निर्माण कराया था करने का साक्षात प्रमाण मिलते हैं, उनके अनुसार कुछ चमत्कार दिखाई देने पर वहां के संत योगी ने सम्राट से से बनवाने का आग्रह किया और फिर  बाद में  सम्राट ने यहां पर एक  मंदिर कराया एवं श्री राम जन्मभूमि में श्री राम जी का एक भव्य मंदिर के रूप में निर्माण करवाया

प्राचीन काल में अयोध्या Ayodhya को किस नाम से जानते थे इसका पुराना नाम क्या था

प्राचीन काल का माने तो अयोध्या का प्राचीन नाम उत्तरकोशिला था जिसकी राजधानी अयोध्या थी रामायण के माने तो अयोध्या Ayodhya का प्रथम राजा पवन सूर्य के पुत्र और भगवान ब्रह्मा के वंशज ने की थी और इसके प्रथम शासक जो थे इक्शाकु थे जो वैवस्वत मनु के पुत्र थे

राम मंदिर का भूमि का क्षेत्रफल कितना है

लगभग 156 एकड़ में फैला राम मंदिर जन्मभूमि की ऊंचाई 236 फीट लगभग बताईए जाती है जो मंदिर की ऑफिशल वेबसाइट से पता चलता है और अधिक जानकारी के लिए  मुख्य मंदिर – श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से कर सकते हैं |

22 जनवरी 2024 को होगा  मर्यादापुर्सोतम श्रीराम  जी मंदिर का उद्घाटन

अयोध्या राम मंदिर की लगभग सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी है और रामलाला की भव्य मंदिर के लिए लोगों की उत्साहित और अधिक लालसा बढ़ गई इसी बीच में श्री राम जन्मभूमि के मंदिर के लिए पुजारी का भी चर्चा हो रही है इसी बीच ABP न्यूज वेब के में लेख के अनुसार मंदिर में रामलाला  की पूजा अर्चना करने के लिए लगभग 3000 आवेदकों में से 50 चयन हुआ है लेकिन बरसों से पूजा पाठ करते आ रहे हैं मंदिर के पुराने पुजारी जिनका नाम पंडित सत्येंद्र दास जी है उनका क्या कहना है

मंदिर के प्रमुख पुजारी सत्येंद्र दास राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी है और पिछले 32 सालों से रामलाल की पूजा अर्चना करते आ रहे है सत्येंद्र दासजी का चयन 1932 ईस्वी में बाबरी विद्व्हन्स  9 माह पहले से हुआ था उसकी उम्र लगभग 80 वर्ष हो चुकी है परंतु आज भी वह रामलाला पूजा अर्चना करते आ रहे हैं सत्येंद्र दास जी ने बताया कि मेरी रामलाला  की सेवा के कार्यकाल लगभग 3 दशक पूर्ण हो चुकी है और मैं आगे भी करता रहूंगा

 

Escape the Heat: 08 Breathtaking Hill Stations in India You Must Visit This year 2024

05 Top Hill Station India इन सर्दियों मजा लीजिये हिल स्टेशन का

भारत के 08 हिल स्टेशन के बारे में जानकारी

सर्दियों का मौसम आते ही सबके मन  में एक ख्याल रहता है की इन नए मौसम में कहाँ जाया जाये  वैसे में लोग टूर प्लान करते हैं आज इस लेख में Escape the Heat: 10 Breathtaking Hill Stations in India You Must Visit This year 2024   और  Top Hill Station India  के बारे में जानेंगे तो चलिए सर्दियों मजा लीजिये हिल स्टेशन का और घुमने फिरने का योजना बनाइये लोग  अक्सर पसंदीदा नयी जगह जाना पसंद करते हैं तो कुछ लोग हिल स्टेशन जाना पसंद करते हैं साल के अंतिम महीने में सब अपना प्लान कर लेते हैं की किस जगह अपने परिवार के साथ इस नए साल में जाना है

आज के इस लेख में आपलोगों को भारत के रोमांचित जगहों के बारे में बताने जा रहा हूँ आपको आज भारत के 10 Breathtaking Hill Stations in India  बेहतरीन हिल स्टेशन के बारे में बताने जा रहा हूँ

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दार्जिलिंग की हसीन वादियाँ Darjeeling tourist Places 2024

चाय बगान का देश और भारत का पूर्व का स्कौटलैंड कहे जाने वाले पश्चिम बंगाल राज्य की हिस्से में मौजूद दार्जिलिंग एक खुबसूरत टूरिस्ट प्लेस हैं जहाँ हरे भरे पेड़ पोधे एवं चारो तरफ चाय की बगान देखने को मिलता है खुबसूरत प्राकृतिक नजारा का द्रश्य यहाँ की मनमोहक सुन्दरता पर्यटकों को मन मोह लेता है इस हिल स्टेशन में आपको यहाँ पैराग्लाइडिंग,ट्रेकिंग, हाइकिंग जैसे एक्टिविटी का मजा ले सकते हैं यहाँ पर सबसे मजेदार आपको टॉय ट्रेन का सफ़र लगेगा जो विशेष कर आकर्षण का केंद्र होता है | दार्जिलिंग से जुडी और अधिक जानकारी के visit कीजिये https://darjeeling.gov.in/ जहाँ आप दार्जिलिंग के और अधिक जानकारी ले सकते हैं |

शिमला Shimla, Himachal Pradesh : best time to visit shimla manali for snowfall

यदि आप सर्दियों में घुमने का प्लान कर चुके हैं तो भारत की सबसे प्रसिद्ध हिल स्टेशन शिमला के बारे में आप ज़रूर सुने होंगे शिमला एक लोकप्रिय हिल स्टेशन हैं और यहाँ पर snowfall का मजा ले सकता है बर्फ़बारी में लोग शिमला के स्नो फॉल का मजा खूब लेते हैं साथ ही यहाँ कई स्थान हैं जहा आप साईट visit कर सकते हैं  जिसमे से चाडविक फॉल्स,कुलुमनाली जाखू मंदिर, लेक जैसे स्थान प्रसिद्ध हैं वैसे तो आप केवल यहाँ की खुबसूरत वादियों को देख के ही खुश हो जायेगे | उसके साथ ही आप यहां ट्रेकिंग, हाइकिंग और पैराग्लाइडिंग भी कर सकते हैं। शिमला में सबसे अच्छा समय दिसम्बर से फ़रवरी तक का होता है best season to visit shimla  तो आप इन सीजन में शिमला का शैर कर सकते हैं

उतराखंड की रानी खेत Rani khet uttarakhand

बात जब हिल स्टेशन की हो रही है तो उसमे उतराखंड की रानी खेत भी खुबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है इस जगह पर आप मंदिर झील एवं प्रसिद्ध स्थान साथ ही ट्रेकिंग हाइकिंग और पैराग्लाइडिंग भी कर सकते हैं।

  • रानी झील
  • गोल्फ ग्राउंड
  • भालू बांध
  • झुला मंदिर

पंचमढ़ी की सैर Panchmadhi Hill station 

खूबसूरत हिल स्टेशन में से एक मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में स्थित पंचमढ़ी एक खुबसूरत हिल स्टेशन है वैसे तो पर्यटक सालो भर आते रहते हैं परन्तु नई साल में लोग इस स्थान पर काफी संख्या में आते हैं खुबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य,जलप्रपात एवं वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है आइये जानते हैं कुछ और पर्यटन स्थल के बारे में

  • मधुमखी झरना
  • पंचमढ़ी हिल्स स्टेशन
  • हांड़ी खोह
  • पंचमढ़ी झील
  • पांच पांडव गुफावों

मसूरी की सैर – Mussoorie Tour

यदि पहाड़ों की रानी और भारत का स्विट्जरलैंड कहने वाले उतराखंड की धरती पर स्थित मसूरी अपने खुबसूरत पहाड़ हरी भरी घाटियाँ और आसपास के अनेक धार्मिक स्थलों की सैर के लिए प्रसिद्ध जगह है यदि आप ट्रेकिंग, हाइकिंग और पैराग्लाइडिंग जैसी एडवेंचर गतिविधियां के शौक रखते हैं तो आप मसूरी की सैर कर सकते हैं मसूरी में घुमने की कुछ बेहतरीन  जगह के नाम जिसे भी आप जान सकते हैं

  • मसूरी लेक
  • दलाई हिल्स
  • झिरीपानी फॉल
  • कंपनी गार्डन

Munnar, Kerala:

दक्षिण भारत  के पश्चिमी घाट में स्थित मुन्नार भारत के  खूबसूरत हिल स्टेशन  में  से एक है अपने प्राकृतिक  सौन्नेदर्य  और बड़े भू भाग में फैले चाय  के हरी-भरी बागन और वहां की  मनमोहक घाटियों और पहाड़ों में ढके बादल पर्हैयटकों को अपनी और खूब लुभाता है । मुनार एक ऐसा tourist places  है  जो एकदम शांत व्औ वातावरण और मनमोहक प्राकृतिक दृश्य काफी मन को सुकून देता हैं ऐसे में मुन्नार एक अच्छा खुबसुरत पर्यटन है घुमने के लिए उसके साथ मुन्नार में  एराविकुलम नेशनल पार्क की सैर कर सकते हैं,

Ooty, Tamil Nadu 

तमिलनाडु  भारत के उन चुनिन्दा स्थान में से एक है जहा भारत के लम्बे इतिहास मंदिरों, त्योहारों और कला के उत्सव के लिए  प्रसिद्ध है।  तमिल नाडू के ooty जिसे उधगमंडलम के नाम से भी जानते है | तमिलनाडु के प्रसिद्ध पहाड़ी इलाके जैसे निलगिरी पहाड़ जो की वहां की हिल स्टेशन है | प्रतिवर्ष  लाखों पर्यटक ooty घुमने के लिए आते है ,  यह अपने खूबसूरत बगीचों, सुंदर परिदृश्यों और नीलगिरी माउंटेन रेलवे, जो कि यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है, के लिए जाना जाता है। आगंतुक बॉटनिकल गार्डन का पता लगा सकते हैं, ऊटी झील में नाव की सवारी कर सकते हैं या आसपास की पहाड़ियों के लुभावने दृश्य का आनंद ले सकते हैं।  अगर बात करें ऊटी में घूमने की जगह  ooty me ghumne ki jagah एमराल्ड झील,ऊटी झील,हिरण पार्क,डोड्डाबेट्टा पीक,कलहट्टी झरने जैसे मुख्य जगह जहां आप जा सकते हैं  और अधिक OOTY TOURISTM  से जुडी जानकारी के लिए तमिलनाडु पर्यटन की आधिकरिक  वेबसाइट https://www.tamilnadutourism.tn.gov.in/  जा सकते हैं |

Gangtok, Sikkim

पूर्वी हिमालय में बसा गंगटोक सिक्किम की राजधानी और एक मनमोहक हिल स्टेशन है। भाआप यहाँ से तशी से व्रयू पॉइंट को भी देखने जा सकते हैं साथ ही त के बेहद सबसे उचे स्थान में स्थित एक ऐसा हिल स्टेशन जिसे पूर्वी भारत का हिमालय कहा जाता है जी हाँ बात कर रहे गंगटोक की राजधानी सिक्किम की जो एक खुबसूरत पर्यटन स्थल है गंगटोक आने पर वेदेशो की तरह फिल होता है यहाँ की पारंपरिक स्वादिस्ट वय्जन ह्स्त्शिप के सामान आपको इस हिल स्टेशन में मिल जाती है साथ ही सुरम्य त्सोमो झील के बारे में भी जान सकते हैं

इसे भी पढ़े –ओडिशा में घुमने की जगह  Odisha me Ghumne ki Jagah

इस तरह दोस्तों आज के इस लेख में आपलोगों को भारत के 05 हिल स्टेशन के बारे में बताने का प्रयास किया आशा करता हूँ की इस पोस्ट से आप लोगों को कुछ idea लगा हो की इस नए वर्ष आप हिल स्टेशन का चुनाव कर सकते हैं और अपने परिवार के साथ  घूम सकते हैं |

 

ओडिशा में घुमने के जगह के नाम | Odisha Tourism Places 2023

ओडिशा Odisha में घुमने के जगह के नाम | Odisha Tourism Places

ओडिशा में घुमने के जगह के नाम |Odisha Tourism Places 2023

उड़ीसा पर्यटन स्थल: उड़ीसा भारत का एक सुंदर राज्य है जो अपने आकर्षक समुद्री तटों, सुंदर मंदिरों और सुंदर पर्यटन स्थलों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। उड़ीसा में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं जगन्नाथ पुरी मंदिर और कोणार्क का सूर्य मंदिर। ओडिशा धान की खेती, मनोरम स्थानों और ऐतिहासिक स्मारकों के लिए भी प्रसिद्ध है। उड़ीसा राज्य के नृत्य की तारीफ करने के लिए बहुत कम शब्द हैं। ओडिशा की कला, संस्कृति, उत्सव और संगीत अपनी अलग पहचान बनाते हैं। ओडिशा में बहुत से लोग खूबसूरत दृश्यों का आनंद लेने के लिए आते हैं। अगर आप उड़ीसा के बारे में अधिक जानना चाहते हैं

Odisha Tourist Place

मंगला जोड़ी: छिलका झील के पुत्री छोर पर स्थित इस गांव में हजारों सुंदर प्रवासी पक्षी रहते हैं। यह स्थान अंतरराष्ट्रीय पक्षी संरक्षण के लिए चुना गया है। यहाँ आप भी वोटिंग कर सकते हैं।

उदयगिरी और खंडगिरी की गुफाएं : भुवनेश्वर से चार किलोमीटर दूर हैं। उदयगिरी और खाता गिरी उपाय, जो जैन धर्म के सबसे पहले पांव में से एक है उदयगिरी का मतलब है सूर्योदय की पहाड़ियां और खाँदा गिरी टूटी हुई पहाड़ियाँ धर्म, कला और वास्तुकला में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं उदयगिरी में 18 और खाँदागिरी में 15 गुफाएं हैं; रानी गुफा सबसे महत्वपूर्ण है।

भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान : में प्यार उड़ीसा के सबसे अच्छे पशु हैं। यहाँ पूर्व में कनिका क्षेत्र के शासकों ने पशुओं को मार डाला था, और यहाँ ब्राह्मण और बेहतर रानी नदियां देश का दूसरा सबसे बड़ा डेल्टा क्षेत्र बनाती हैं। यहाँ रंग-बिरंगी प्रवासी पक्षी या समुद्री कछुए, शांत वातावरण और सुंदर हरियाली कुछ विशेषताएं हैं, लेकिन याद रखें कि यहाँ मगरमच्छ भी हैं।

भुवनेश्वर के ट्राइबल म्यूजियम : में आप यहाँ के आदिवासियों की जिंदगी को करीब से देख सकते हैं। इस म्यूजियम में गाइड की सेवा भी है, जो आपको आदिवासियों के रहन सहन के बारे में बताएगा. यहाँ पर ऑडियो और वीडियो शो भी होते हैं। यहाँ की अधिकांश सेवाएं मुफ्त हैं।

धौलीगिरी की पहाड़ियां: दया नदी के किनारे पर स्थित धौलीगिरी की पहाड़ियां एक महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थस्थल हैं. डोली की पहाड़ियां धान के खेतों से घिरी हैं और कलिंगा के युद्ध के लिए भी जानी जाती हैं, जिसने अशोका को विनम्र बना दिया था. आपको यहाँ एक शांत बुद्ध की प्रतिमा और एक प्राचीन शिव मंदिर देखना चाहिए।

सिम्पली पर राष्ट्रीय उद्यान, ओडिशा के मयूरभंज जिले में है. 90 से अधिक बंगाली शेर और 400 से अधिक हाथियों का घर है। यहाँ आप जंगली चौसिंगा और सांड भी देख सकते हैं। यूनेस्को ने इस उद्यान को अंतर्राष्ट्रीय बायोस्फीयर रिज़र्व घोषित किया है। आप इस उद्यान में बागी का बाल झड़ना भी देखेंगे।

चिलिका झील—मंगला जोड़ी के पास—पिकनिक मनाने के लिए एक अच्छा स्थान है। चिलिका झील दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी तटीय झील है. यहाँ आप राजनाथ सिंह किंगफिशर पेलिकन और डॉल्फिन के दृश्यों को देख सकते हैं, और शांत वातावरण आपको किसी भी देश में ले जाएगा।

नंदन कान्हा का चिड़ियाघर : भुवनेश्वर से 20 किलोमीटर दूर है और बच्चों और बड़ों के लिए मनोरंजन का एक अच्छा स्थान है। यहाँ आप सिर्फ सफेद शेर, मगरमच्छ, अजगर और बब्बर शेर देख सकते हैं।

क्या आप जानते हैं कि ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है? पुरी के मंदिर और भुवनेश्वर भी ओडिशा के अपने कई मंदिरों से बहुत प्रसिद्ध हैं। यहाँ के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में कोणार्क सन टेम्पल और भुवनेश्वर का लिंगराज मंदिर शामिल हैं, लेकिन जगन्नाथ मंदिर चार धामों में से एक है।

Puri Beach भारत में सबसे प्रसिद्ध समुद्री तटों में से एक है। इस तट को बंगाल खाड़ी की दहाड़ लगाती हुई लहरें और नरम रेत से अलग किया जा सकता है। यहाँ समुद्र में डुबकी लगाने वाले श्री सुदर्शन पटनायक की रेत पर आश्चर्यजनक कला का जादू देखने के लिए जगन्नाथपुरी जाने वाले पर्यटकों की भारी भीड़ आती है।

Odisha की सबसे best places| odisha paryatan sthal

ओडिशा राज्य की सबसे प्राचीन कला और मूर्तिकला कोणार्क उड़ीसा के सबसे प्राचीन मंदिर में से एक भारत के सात अजूबों में से कोणार्क सूर्य मंदिर अपने नाकाशी के लिए जानी जाती है और ये बहुत ही प्राचीन है साल भर यहाँ पर सैलानियों का भीड़ रहता है इसके अलावा पुरी के जगन्नाथ मंदिर पूरी के समुद्र के बीच यहाँ के आकर्षण का केंद्र है जो उड़ीसा की सबसे बेस्ट प्लेस में से एक मानी जाती है

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Ramrekha Dham: Where Exile Echoes in Time वनवास की छाप – जहां राम, सीता और लक्ष्मण के पदचिह्न बसे हैं

ramrekha dham temple राम सीता वनवास के दौरान इस जंगल ...

सिमडेगा मुख्यालय से लगभग 26  किमी दूर स्थित ramrekha dham temple रामरेखा धाम राम सीता वनवास के दौरान इस जंगल पर कुछ समय व्यतीत किये थे यह  एक पवित्र स्थान है। यह कहा जाता है कि भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण ने चौबीस वर्षों के बनवास के दौरान इस स्थान का दौरा किया था और कुछ समय तक यहीं रहे थे। पुरातात्विक संरचनाओं जैसे अग्नि कुंड, चरण पादुका, सीता चूल्हा और गुप्त गंगा से पता चलता है कि उन्होंने बनवास काल में इसी रास्ते पर चले थे।

यदि आप  रामरेखा धाम गए हैं तो आप देखे हैं  एक झुकी हुई गुफा में स्थित है, और भगवान राम, मां सीता, लक्ष्मण, हनुमान और भगवान शिव के मंदिरों को देखा। कार्तिक पूर्णिमा पर यहां हर साल मेला लगता है। विभिन्न राज्यों और समुदायों से आने वाले लोग

रामरेखा धाम (Ramrekha Dham) का नाम क्यों लोकप्रिय है? क्या आप इसके बारे में जानते हैं?

Ramrekha Dham: Where Exile Echoes in Time

14 वर्षों के वनवास के दौरान भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण ने इस स्थान का दौरा किया था और वहाँ कुछ समय रहते थे। बानवास  की अवधि के दौरान उन्होंने इस मार्ग का अनुसरण किया, जैसा कि अग्निकुंड, चरण पंडुका, सीता चूल्हे और गुप्ता गंगा से पता चलता है। ramrekha dham रामरेखा धाम में लोगों ने भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान और भगवान शिव के मंदिरों को देखा

झारखंड के सिमडेगा जिले में स्थित रामरेखा धाम  Ramrekha dham सबसे प्राचीन धार्मिक स्थान है।अगस्त मुनि के छोटे भाई अग्निजीविहा मुनि का आश्रम इस स्थान पर है।तीसरी शताब्दी से ही मुनि रामरेखा गुफा में तपस्या कर रहे हैं। उनके यज्ञों की आहुति आज भी अग्निकुंड में दिखाई देती है।

 रामरेखा नाम कैसे पड़ा  Ramrekha Dham: Where Exile Echoes in Time वनवास की छाप – जहां राम, सीता और लक्ष्मण के पदचिह्न बसे हैं

Simdega के पावन धरती पर श्री राम के कदम से  सिमडेगा पावन हो गया है मान्यता यह है की जब श्री राम चंद्र जी १४ वर्ष की बनवास अवधि  कटते हुए जब इस जगह  पहुचे थे तब simdega के इसी जंगल में उन्होने कुछ दिन व्यतित किये थे  बरसात से बचने के लीये जब उन्हाने एक गुफा नुमा पत्थरों की मध्य जाकर रुके तो उनका सिर पत्थरों से टकराने लगा राम जी ने उन्ही  समय अपने तीर से उस पत्थर को एक लकीर खीच देते हैं और जगह बन जाता है कहा जाता है आज भी इस लकीर को वहां देखा जा सकता है

 रामरेखा धाम की खोज  बीरू राज वंश ने किया  Ramrekha Dham history 

Ramrekha Dham: Where Exile Echoes in Time

बहुत पहले की बात है।वीरू राजवंश के १५वीं पीढ़ी के गंग वंशी राजा हरी राम सिंह देव ने जंगली जानवरों का शिकार करते हुए कौशलपुर परगना क्षेत्र में प्रवेश किया, जो विविध पशु पक्षियों और जंगली जानवरों से भरा हुआ था। उस स्थान पर थके हुए राजा ने निवास किया।

यहाँ पहुंचकर राजा को शांति का अनुभव हुआ और आराम करते हुए दूर से राम-राम का स्वर सुनाई दिया. राजा ने राम-राम कहा और आगे बढ़कर देखा कि एक गुफा में लता पत्रों और अन्य सामग्री से लगातार राम-राम का स्वर निकलता था। जब राजा गुफा में पहुंचा तो उसकी निगाह एक शिवलिंग पर पड़ी. वह दंडवत प्रणाम करते हुए आगे बढ़ा और देखा कि एक काले शंख से निरंतर राम नाम निकल रहा है।रजा ने शंख को माथे पर लगाकर प्रणाम किया। करना।

और स्वयं शंख को अपने हाथों से बचाया।राजा फिर अपने महल में लौट गया. एक दिन, भगवान राम राजा के सपने में आए और उसे बताया कि जिस जगह पर उन्होंने शिवलिंग देखा था, वह हमारे द्वारा नवास काल में स्थापित किया गया था।और हमने अपना शंख वाही छोड़ दिया, जो दिन-रात मेरा नाम लेता रहता था।

Ramrekha dham Jharkhand में कार्तिक पूर्णिमा में  यहाँ भव्य मेला लगता है

झारखंड के अलावा यहां कई राज्यों से लोग आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालु यहां पूजा करने आते हैं, हालांकि वे हर दिन पूजा करने आते हैं। रामरेखा धाम में हिंदुओं के अलावा अन्य समुदायों में भी आस्था है। अन्य समुदाय के लोग भी इस अवसर पर आते हैं और सुखी जीवन की कामना करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे पूरे साल इस मेले की प्रतीक्षा करते हैं।

Simdega से कितना दुरी पर है Ramrekha dham

रामरेखा धाम simdega जिले मुख्यालय से 26  किलोमीटर साउथ डायरेक्शन में स्थित है जहाँ आप बस ,बाइक या व्यक्तिगत गाड़ी से आसानी से जा सकते हैं

 

 

इन्हें भी पढ़े  इन 05 मंदिरों में कोई भी पुरुष नही जा सकता है || 05 Prohibited from visiting temples

सिमडेगा के ramrekha dham के आस पास घुमने की जगह

झारखंड के पर्यटन स्थल में से एक और simdega के पवित्र स्थल श्री राम  स्थल ramrekha के आस पास कई ऐसे भी जगह हैं जिसे लोग visit करते है वैसे यदि आप भी रामरेखा धाम घुमने एवं मंदिर इ दर्शन करने के सोच रहे हैं तो इस जगह आप जरुर आइये साथ ही इसके आस पास के simdega ghumne ki jagah जगहों को भी जरुर घुमए आइये कुछ नाम बताते हैं जिन्हें आप जाकर घूम सकते हैं

  • simdega केला घाट डैम
  • कोम्बंग डैम

 

 

Puri me ghumne ki jagah 05 प्रसिद्ध पुरी में घुमने के जगह

Puri me ghumne ki jagah

भारत में सबसे प्रसिद्ध समुद्री तटों में से एक और साफ सुथरा  वाले  पूरी Odisha Tourist Place है यदि आप भी अपने परिवार या  व्यक्तिगत पूरी घुमने का योजना बना रहे हैं तो आज के इस लेख में दी गई पूरी में घुमने के जगह (Puri me ghumne ki jagah)  के बारे में जानेंगे  |  बंगाल खाड़ी से  लगती हुवे ओडिशा के पूरी तट  तक  एक परिवारक समुद्री पर्यटन बिच है जहाँ हर साल लाखों पर्यटक पूरी घुमने आते हैं । पुरी धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास के साथ साथ यह  एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थस्थल है, जहाँ हर साल लाखों पर्यटक आते  हैं। पुरी का जगन्नाथ  मंदिर   प्रमुख आकर्षण का केंद्र  है, और यह भगवान जगन्नाथ, बालभद्र, और सुभद्रा को समर्पित है

पूरी में घुमने 05 प्रसिद्ध  जगह Puri me ghumne ki jagah

  1. पूरी के जगन्नाथ  मंदिर
  2. पूरी के चिल्का झील
  3. पूरी के कोणार्क मंदिर
  4. पूरी के स्वर्ग द्वार बीच
  5. लोकनाथ मंदिर

पुरी के प्रमुख पर्यटन स्थल Puri me ghumne ki jagah

  • पूरी के जगन्नाथ  मंदिर : भारत के  ओडिशा राज्य में स्थित पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर विश्व के सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यहाँ का सबसे सुंदर मंदिर हिन्दू धर्म के तीन प्रमुख देवताओं, भगवान जगन्नाथ, भगवान बालभद्र और भगवान सुभद्रा को समर्पित है। भारतीय सांस्कृतिक धरोहर जगन्नाथ मंदिर का विशाल इतिहास और महत्व है। 12 सदी में जगन्नाथ मंदिर का निर्माण एक विशिष्ट शैली में हुआ था। मंदिर में तीन प्रमुख शिखर हैं: “रत्न-मुखी”, “स्वर्ण-मुखी” और “नील-मुखी”. इन चारों दिशाओं में सूर्य को एक ही समय में देखा जा सकता है।
  • पूरी के चिल्का झील  : चिल्का झील, जो ओडिशा राज्य में पुरी के पास है और Puri me ghumne ki jagah में यह भी एक प्रसिद्ध  पर्यटन हैं , एक प्राकृतिक खूबसूरती का रहस्य है। पुरी शहर के पास झील है, जो बायीकांणा खाड़ी के किनारे है। भारतीय सबलंबिन प्राणियों के लिए चिलका झील एक महत्वपूर्ण स्थान है, जिसका प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवन संरक्षित है। 1,100 वर्ग किलोमीटर की चिल्का झील भारत की सबसे बड़ी अंडमान सागरीय झील है। झील के पास मंगलजोड़ वन्यजीव अभयारण्य प्रसिद्ध है अपने प्रिय पक्षियों, जैसे पिंक फ्लैमिंगो, सेरी और क्रेन और डॉल्फिन्स के लिए। इसके अलावा, समुद्री झील में पाए जाने वाले इस्पात और चिंगाड़, जो मांसाहारी मछले हैं
  • पूरी के कोणार्क मंदिर :यदि आप पुरी आ चुके हैं तो  कोणार्क का प्रसिद्ध सूर्य मंदिर अवश्य देखें। पुरी से 35  किमी की दूरी पर है। टैक्सी या बस से आसानी से पहुंच सकते हैं। कोणार्क का सूर्य देव मंदिर सैंकड़ों वर्ष पुराना है। गंग वंश के राजा नरसिंह देव प्रथम ने मंदिर बनाया था। मंदिर बहुत लोकप्रिय है और यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में डाला है। सूर्य मंदिर को Black Pagoda भी कहते हैं। यह मंदिर बहुत से रहस्य छुपाए हुए है। कहा जाता है कि पहले मंदिर के शीर्ष पर एक बड़ा चुंबक लगा हुआ था। जिससे चुंबकीय क्षेत्र बन गया।
  • पूरी के स्वर्ग द्वार बीच : स्वर्गद्वार बीच, पुरी में समुद्र तट पर Puri me ghumne ki jagah में सबसे अच्छा स्थान है। इसमें आप ऊंट, पैराग्लाइडिंग और नौका विहार का मजा ले सकते हैं। इस दौरान आप खाना पीना, खरीददारी करना और घूमना भी कर सकते हैं। यह पूरी के पूर्वी तट पर स्थित है |
  • लोकनाथ मंदिर : पुरी में लोकनाथ मंदिर भी बहुत लोकप्रिय है, जिसे पूरे भारत से लोग देखने आते हैं। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिसे लोग बहुत श्रद्धा से देखते हैं। मंदिर को मानते हैं कि दर्शन करने से लोगों की बीमारियां और रोग दूर होते हैं। पौराणिक कहानियों में कहा जाता है कि भगवान राम ने कद्दू की मदद से इस मंदिर को बनाया था।

पूरी में घुमने के 10 Puri me ghumne ki jagah  जगह

प्राकृतिक सुंदरता वाले स्थानों से भरपूर है। ओडिशा में घूमने के लिए कुछ महत्वपूर्ण स्थान हैं: जिसमे से समुद्र के बीचों के बारे बात करते हैं

  • चंद्रभागा पूरी बीच :चंद्रभागा समुद्र तट को पूर्वी तट पर सबसे अच्छे बीच में से एक माना जाता है; यह एक प्राचीन, साफ समुद्र तट है जहाँ आप आराम से चल सकते हैं और सूर्योदय और सूर्यास्त का आनंद ले सकते हैं। पुरी से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस समुद्र तट पर लंबे पेड़ों और सुंदर सुनहरी रेत का लंबा विस्तार है, जहां आप बैठकर मौसम का आनंद ले सकते हैं और सुंदर वातावरण का आनंद ले सकते हैं।
  • अस्तरंगा पूरी बीच :पुरी से 60 किलोमीटर की दूरी पर और ओडिशा के कोणार्क से 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, अस्टारंगा बीच के किनारे काफी पेड़ पौधे हैं जिसमे में से चीड का पेड़ बहुत अधिक है लोग यहाँ पिकनिक मानाने आते हैं  यह पुरी के समुद्र तटों में से एक है, जहां सूर्यास्त के समय बादल का नजारा देखने लायक होता है |
  • गोल्डन बीच : पूरी के स्टेशन से 06 किलोमीटर  दूर स्थित गोल्डन बीच एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जो पूरी स्वर्ग द्वार बीच के नजदीक में ही है  आपको उट की सवारी करने का मौका मिल सकता है

    पूरी में घुमने का सबसे भीड़ वाला बीच : स्वर्गद्वार बीच Swargdwar Beach

    स्वर्गद्वार जगन्नाथ मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर, समुद्रतट पुरी में मुख्य मरीन ड्राइव के पास है। हिंदुओं के लिए स्थानीय भाषा में “स्वर्गद्वार”, जिसका स्थानीय अर्थ है “स्वर्गद्वार”, बहुत धार्मिक महत्व रखता है क्योंकि इस स्थान पर समुद्र में डुबकी लगाकर मरने पर स्वर्ग पहुंच सकते हैं। यहाँ भी स्वर्गद्वार श्मशान घाट है। दाह संस्कार करने के बाद, मृतक के रिश्तेदार समुद्र में डुबकी लगाकर स्वर्गद्वार के पास देवताओं से प्रार्थना करते हैं। हालाँकि, इस जगह का सबसे अच्छा पक्ष शांत समुद्र तट है, जो हर समय पर्यटकों से भरा रहता है। समुद्र

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Maldives Ghumne ki Jagah | मालदीव घुमने का जगह | Couple Beach Maldives

Maldives Ghumne ki Jagah

Maldives Ghumne ki Jagah मालदीव घुमने का जगह | Couple Beach Maldives

नमस्कार मेरे दोस्तों आज के इस लेख में  “मालदीव में घुमने के जगह के Maldives me Ghumne ki Jagah” के बारे में बताने जा रहे  हैं यदि आप एक कप्पल हैं और Honeymoon का प्लान कर रहे हैं तो ये लेख आपके लिए है आपको पता होगा की मालदीव  दक्षिण एशिया का एक छोटा सा देश है और इसका राजधानी माले है आपको यह भी बता दें कि Maldives  जाने के लिए भारतीय को निशुल्क वीजा लगता है

और यहां पर एक महीने तक रुक सकते हैं और यदि आप एक महीने से ज्यादा रुकते हैं तो आपको इसके लिए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है मालदीव अपने खूबसूरत आइसलैंड और टूरिस्ट प्लेस के लिए प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है कई द्वीप है टापू है और यह हिन्द महासागर में अवस्थित है पर्यटन के दृष्टिकोण से यह एक महंगा पर्यटन है

यहां पर लोग कम आते हैं लेकिन बात करें मालदीव के पर्यटन स्थल के बारे में तो यहां कई  छोटे-छोटे आइसलैंड है जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है तो आज के इस आर्टिकल्स में आपको मालदीव के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते हैं

मालदीव कहां है Where is Maldives

दक्षिण एशिया की एक छोटी सी जगह या देश जो पर्यटन के लिहाज से बहुत ही खूबसूरत और महंगा है हिंद महासागर की गोद में स्थित छोटे-छोटे टापू में का एक खुबसूरत सा आइसलैंड है जहां सफेद रेतीला और नीला समुद्र जहां समुद्री जीव जंतु को नजदीकी आंखों से देख सकते हैं यहां पर कैसे रिजॉर्ट है जो स्टेफन को खूबसूरत बनाते हैं और यहां पर अमीर लोग अक्सर छुट्टियां बिताने जाते हैं कपल्स के लिए एक अच्छा honeymoon spot माना जाता है इसलिए हनीमून के लिए कपल्स इस जगह को सबसे अधिक आते हैं

 Maldives  Ghumne ki Jagah मालदीव के पर्यटन स्थल

Mafusi दीप मालदीव में न जाने कितने दीप हैं जिसमें घूमने फिरने के लिए 100 से 200 के आसपास स्थित है इन्हीं में से महफोसी दीप सबसे प्रसिद्ध में से एक है इस देश में पर्यटकों का का आना-जाना काफी अधिक रहता है इसलिए यह पर्यटकों का पसंदीदा दीप में से एक है

  • मालदीव नाइट फिशिंग

यदि आप मछली मारने के शौकीन हैं नाइट फेसिंग का आनंद ले सकते हैं यह एक मनोरंजन का एक ऐसा साधन है जहां पर मालदे में आपको देखने को मिलता है यह शाम के लगभग 5:30 बजे से शुरू होता है आपको एक लिमिट समय दिया जाता है जिसमें आपको एक नाव में फीस करने के लिए नाम दिया जाता है उसे समय के बाद आपसे वह नाम ले लिया जाता है तब तक आप उसे चुनाव के माध्यम से करने का शौक पूरा कर सकते हैं इस तरह मालदीव नाईट फिशिग  भी Maldives  Ghumne ki Jagah best जगह है |

  • वॉटर विला मालदीव

जी हां दोस्तों मालदा में स्थित वॉटर विला काफी खूबसूरत रिजॉर्ट टाइप का घर जैसन हुआ बनाया हुआ स्थान है जहां आपको निलेश समुद्र के ऊपर में छोटे-छोटे घर जैसे बनाया हुआ है इसमें आप अपना स्विमिंग पूल तेरा की जैसे एक्टिविटी कर सकते हैं यह मानव द्वारा कितनी तरीके से बनाया गया विला है जो काफी महंगा है यदि आपके पास हाई बजट है तो आप इस वॉटर विला का आनंद ले सकते हैं रोमांच  से भरपूर और समुद्र के ऊपर घर जैसा  बनाया हुआ यह वॉटर विला  आपको एक अलग  अनुभव देता है ये मालदीव में सबसे best Maldives  Ghumne ki Jagah है 

मालदीव में स्कूबा डाइविंग करती है सबको अपनी और आकर्षित

जी हां दोस्तों यदि आप मालदीप घूमने आए है और आपने स्कूबा डाइविंग नहीं किया तो आपने क्या किया मालदीव के सबसे प्रसिद्ध और फेमस में से एक स्कुबा डायविंग है जो भी मालदीप घूमने आता है एक बार स्कूबा ड्राइविंग जरूर करता है स्कूबा ड्राइविंग में आपको गोता लगाना होता है जिसमें आपको समुद्र के नीचे जीव जंतु समुद्री जीव जंतु देखने को मिलता है क्योंकि मालदीव का जो क्षेत्र बहुत साफ सुथरा है और नीला दिखाई देता है जिस वजह से यहां की आप साफ-साफ समुंद्री जीव जंतु को देख सकते है

Maldives Tour Package for couples मालदीव पैकेज फॉर कपल

Maldives टूरिस्ट प्लेस होने के बावजूद भी मालदीव कपल्स का फेवरेट रहा है कपल्स का सबसे चॉइस में नंबर वन कहे जाने वाले मालदीव टूर पैकेज फॉर कपल्स के लिए बात करें तो आप अपना टूर पैकेज भारत से ऑनलाइन बुक कर सकते हैं

इसके लिए आपको ऑलमोस्ट 50000 से ₹100000 तक का खर्च आ सकता है जिसमें आप 5 रात और 6 दिन व्यतीत कर सकते हैं हालांकि देखा गया है कि शादीशुदा न्यूली कपल्स का पहला पसंद मालदीव ही होता है क्योंकि मालदीव कपल्स के लिए सबसे बेस्ट टूरिस्ट प्लेस है ज्यादातर कपल्स सी मालदीव जाते हैं इस हिसाब से Maldive package for couple के लिए बेस्ट place है

मालदीव घुमने का जगह Maldives  Ghumne ki Jagah माफुशी द्वीप मालदीव | Best island Mafushi

मालदीव माफुशी द्वीप

कपल  मालदीव जरुर आना चाहते   है परन्तु मालदीव एक मंहगा टूरिज्म होने की वजह से बहुत से लोग इसे skip कर देते हैं  फिर भी यदि आप मालदीव आने का सोच रहे  हैं तो मालदीव में सबसे सस्ता एवं सबसे अच्छा द्वीप आपको माफुशी द्वीप में आना होगा | पर्यटको का सबसे मनपसंद द्वीप माफुशी  द्वीप है यंहा हर तरह के स्पॉट एक्टिविटी आपको देखने को मिल जाता है और आप अपने Budget को भी Maintain  कर सकते हैं इसलिए couples Maldives  Ghumne ki Jagah में सबसे ऊपर की लिस्ट में हम इसे देख सकते है 

Maldives Ghumne ki Jagah मालदीव के 07 प्रसिद्ध पर्यटन स्थल | MALDIVES KE FAMOUS TOURISE PLACES

  • माफुशी आइलैंड
  • मीरू आइलैंड
  • वाटर विला
  • स्कूबा डाइविंग
  • पैराडाइस आइलैंड रिसोर्ट
  • कुरुम्बा मालदीव
  • सन आइलैंड रिसोर्ट

मालदीव कैसे आ सकते हैं Maldives Ghumne ki Jagah

भारत से दो तरीके से मालदीव जा सकते हैं  पानी जहाज और हवाई जहाज  भारत के कई शहर से आप डायरेक्ट मालदीव के लिए हवाई जहाज से सीधे मालदीव आ सकते है आपको पता होगा की मालदीव के लिए कोई वीजा नही लगता है साथ ही आप पानी जहाज से आते हैं तो आपको कुछ दिन तो लग जाते हैं इसलिए ज्यादा तर लोग हवाई जहाज से आते हैं |

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beautiful Waterfall Near Ranchi Jharkhand | nearest waterfall in ranchi

beautiful Waterfall Near Ranchi Jharkhand

राज्य के प्राकृतिक सुन्दरता को निखारने में वॉटरफॉल सबसे प्रमुख भूमिका निभाता है हेल्लो  दोस्तों आज के इस लेख में Jharkahnd के रांची के आस पास में मौजूद nearest waterfall in ranchi,  beautiful Waterfall Near Ranchi Jharkhand | How many waterfall in Jharkhand वॉटरफॉल के बारे  बताएँगे | आपको पता है की  हर राज्य के पर्यटन में वंहा के वॉटरफॉल उस राज्य का सबसे खुबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में अपनी भूमिका निभाता है

की प्राकृतिक सुंदरता में से कई सुंदर झरने हैं, जो राज्य की खूबसूरती को और भी बढ़ाते हैं। झारखंड के कुछ प्रमुख झरनों के बारे में निम्नलिखित लेख में विस्तार से चर्चा की जाएगी:

        हुंडरू जलप्रपात (Hundru fall)

  1. हुंडरू झरना:  झारखंड की राजधानी रांची के पास हुंडरू झरना एक प्रमुख झरना है। यह सुबर्णरेखा नदी में स्थित लगभग  98 मीटर (322 फीट) की ऊंचाई से गिरता है। पिकनिक स्पॉट के रूप में यह लोकप्रिय है क्योंकि चारों ओर हरियाली है। हुन्डरु फॉल राजधानी रांची से लगभग 48 किलोमीटर दुरी पर स्थित है | हुन्डरु फॉल जाने के लिए आप बस, ऑटो या  बाइक का इस्तेमाल कर सकते हैं

         जोन्हा जलप्रपात (Jonha falls)

  1. जोन्हा झरना (गौतमधरा के नाम से भी जाना जाता है) :  झारखंड का एक और सुंदर झरना जोन्हा झरना है, जो रांची से लगभग चालीस किलोमीटर दूर है। यहाँ घने जंगलों से घिरा है, जो पर्यटकों को शांत करता है। झरना लगभग 43 मीटर या 141 फीट की ऊंचाई से गिरता है।

         दसम फॉल जलप्रपात (Dasam fall)

  1. दसम  झरना:  रांची से लगभग 74  किलोमीटर की दूरी पर दस्सम झरना है। यह कांची नदी से बनता है, जो होर्शू-शेप्ड झरने के लिए जाना जाता है। यह खूबसूरत झरना लगभग 44 मीटर (144 फीट) की ऊंचाई से गिरता है और इसके दृश्य सुंदर हैं।

         सीता फॉल जलप्रपात (Sita fall)

  1. सीता झरना (Sita Falls):  झारखंड के  सीता झरना है। रांची से 40 किलोमीटर यह राघू  नदी पर राघु पर स्थित है जो स्वर्णरेखा नदी की  एक उपनदी है  चारो ओर  जंगल से घिरा है।  और यह जलप्रपात जोन्हा  वॉटरफॉल के नजदीक में स्थित है साथ ही माता सीता का एक मंदिर भी इस वॉटरफॉल के पास स्थित है |

        पंचघाघ जलप्रपात ( Punch ghagh)

  1. पंचघाघ झरना:  पंचघाघ झरना खुंटी से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है। इसकी पांच धाराएँ एक झरना बनाने के लिए मिलती हैं। यह जलप्रपात पांच नदी का संगम है इसलिए इसे पंचघाघ जलप्रपात भी कहते है |

       लावापनी जलप्रपात (Lawapani fall)

6.लावापनी जलप्रपात : झारखंड के लोहरदगा जिले में पेशरार प्रखंड में स्थित लावापनी जलप्रपात अपने प्रकृति सौदर्य एवं कल कल करती झरना की आवाज के  लिए लावापनी जलप्रपात लोगो को अपनी और हमेशा आकर्षित करती है |

      हिरनी जलप्रपात

7.हिरनी फॉल जलप्रपात :रांची से लगभग 58  किलोमीटर की दुरी में स्थित हिरनी जलप्रपात अपने मनमोहक एवं पिकनिक स्पॉट के लिए प्रसिद्ध हैं और यंहा हर साल नए वर्ष में लोगो का बहुत अधिक भीड़ होता है चारो ओर जंगलो से घिरा हिरनी  जलप्रपात  सबको अपनी और आकर्षित करती है |

लोध फॉल (बुढा घाघ )  झरना (Lodh Waterfall):Highest Waterfall in Jharkhand झारखंड का सबसे ऊँचा जलप्रपात है |

झारखंड के रानी नेतरहाट के हरे-भरे परिदृश्य में बसा लोध झरना प्रकृति की अछूती सुंदरता का सबूत है। यह जलप्रपात Jharkhand के सबसे  ऊँचा है, जो सबको  अपनी ओर आकर्षित करता है  लोध फॉल्स (बुढा घाघ )लगभग 143 मीटर (469 फीट) की ऊंचाई के साथ झारखंड  के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है.  झारखंड के लातेहार जिले में स्थित लोध जलप्रपात एक प्राकृतिक आकर्षण है   बुढा घाघ नदी में स्थित यह नदी आगे जाकर सुगबांध जैसे पर्यटक स्थल का निर्माण करता है |

Waterfall in Jharkhand झारखंड के प्रमुख जलप्रपात

झारखंड राज्य में झरने एकमात्र प्राकृतिक सौंदर्य स्थल हैं। झारखंड में प्रसिद्ध सात nearest waterfall in ranchi जो प्रसिद्ध झरनों  में से एक है जिसका यहाँ उल्लेख है:
  1. हुंडरू  झरना: यह झारखंड की  रांचीसे  ऊँचाई लगभग 98 मीटर (322 फीट) है। यह सुबर्णरेखा नदी पर स्हैथित , जो खुले आसमान में बहती है।
  2. जोन्हा झरना: यह झारखंड की राजधानी रांची के पास में ही है और इसकी ऊँचाई लगभग 43 मीटर (141 फीट) है। यह घने जंगलों में एक प्राकृतिक के गोद में स्थित  स्थान है।
  3. दस्सम झरना: स्थान: झारखंड का तैमारा जंगलों  के मध्य एवं ऊंचाई : लगभग 44 मीटर (144 फीट) रांची से जमशेदपुर जाने वाले रास्ते में पड़ता है |
  4. सिता झरना: झारखंड के  सीता झरना है। रांची से 40 किलोमीटर यह राघू  नदी पर राघु पर स्थित है जो स्वर्णरेखा नदी की  एक उपनदी है  चारो ओर  जंगल से घिरा है।
  5. पंचघाघ वॉटरफॉल  Falls: यह खुंटी झारखंड में है और इसकी ऊँचाई लगभग 10 मीटर (33 फीट) है। यह शांतिपूर्ण वातावरण में पांच धाराओं का एकीकरण है।
  6. लावापनी जलप्रपात  Falls: झारखंड की खुंटी लगभग 55 मीटर (180 फीट) ऊँची है। जुंगल, झारखंड में, एक और प्राकृतिक सौंदर्य है।
  7. राज्रापा झरना: यह हजारीबाग, झारखंड में है, जिसकी ऊँचाई लगभग 10 मीटर (33 फीट) है। राजरप्पा मंदिर के पास है, जो धार्मिक है।

झारखंड के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाने वाले कुछ महत्वपूर्ण स्थानों में से कुछ ये झरने हैं,जो  झारखंड के प्रमुख जलप्रपात पर्यटकों को आकर्षित करता है । कृपया ध्यान दें कि मौसम और स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर इन झरनों की पहुँच और स्थितियाँ बदल सकती हैं, इसलिए यात्रा की योजना बनाते समय उन्हें देखें और स्थानीय नियमों और मार्गदर्शन का पालन करें।

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और जब आप नदी झरने या जलप्रपात में जाने से पहले उसके बारे में अच्छे जानकारी लेकर ही पर्यटन स्थल पर जाये जिससे की आपके यात्रा में किसी प्रकार का कोई दिक्कत न हो और आप एक रोमांचकारी यादगार पल का आनंद ले सके |

beautiful Waterfall Near Ranchi Jharkhand | How many water falls are there in Ranchi Jharkhand

झारखंड का सबसे ऊंचा झरना  लोध फॉल लातेहार झारखंड का सबसे ऊँचा झरना में एक है | झारखंड झरनों का राज्य है

Jharkahnd Tourism  के बारे में और अधिक जानकारी के लिए visit कीजिये  https://tourism.jharkhand.gov.in/और झारखंड के बारे में और बिस्तार से जाने

झारखंड का जलप्रपात सबसे ऊँचा कहाँ है

  • jharkahnd के लातेहार जिला में स्थित बुढा घाघ जलप्रपात झारखंड का सबसे ऊँचा जलप्रपात है जो लगभग 143 मीटर (469 फीट) की ऊंचाई के साथ झारखंड  के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है