jharkhand tourism places: tour in jharkhand

jharkhand tourism places: tour in jharkhand

झारखंड में जलप्रपात की कमी नहीं है अगर आप jharkhand  tourism places: tour in jharkhand के बारे में जानना चाहते हैं तो चलिए बताते हैं सदनी जलप्रपात झारखंड के गुमला जिला से 90  किलोमीटर की दूरी पर चैनपुर प्रखंड में पड़ता है लोग इसे बहुत कम जानते हैं और इसके बारे में जानकारी आपको गूगल में बहुत कम पढ़ने को मिलती है आज आपको इस आर्टिकल में झारखंड की राजधानी से 184  किलोमीटर की दूरी पर स्थित sadni जलप्रपात के बारे मे बताएंगे झारखंड का यह एक पर्यटन स्थल है जिसे हिडेन jharkhand tourist spot कह सकते हैं |

लेकिन अभी तक यह हिडन प्लेस के रूप में है लोग इससे कम जानते हैं जिस वजह से इस जगह अभी उजागर नहीं हुआ है आने वाले समय में इस वॉटरफॉल की जब आर्टिकल्स वीडियो पब्लिश किए जाएंगे लिखे जाएंगे तब यह वॉटरफॉल्स प्रसिद्ध हो जाएगा गुमला जिले से 90 किलोमीटर का दूरी पर स्थित शंख नदी पर यह जलप्रपात है जिसकी ऊंचाई 200 फीट है

Sadni waterfall सदनी फॉल jharkhand tourism places: tour in jharkhand

गुमला जिला के चैनपुर प्रखंड में मौजूद Sadni waterfall जो राजाडेरा गांव में पड़ता है जिसकी ऊंचाई 200 फिट है और यह शंख नदी पर मौजूद है घने जंगलों के बीच से होते हुए सजनी फॉल्स के पानी नागोई डैम पर आकर इकट्ठा होती है जंगलों के बीचों बीच में होने के कारण यहां पर रास्ता नहीं है यदि आप वहां जाते हैं तो आपको कच्ची रास्ता मिलता है जो काफी ऑफ रोडिंग है, जब आप sadni fall की तरफ आते हैं

तो आपको एक नाला पार करना होता है जहां पर पुल नहीं है लेकिन वहां पर पानी बहता रहता है जिस वजह से वहां पर जाना बड़ा मुश्किल होता है लोग गूगल से सवाल करते हैं Sadni falls on which rivers तो इसका सही उत्तर है शंख नदी जहां sadni falls height 60 मीटर की ऊंचाई और 200 फीट से गिरने के कारण sadni ghagh झारखंड का एक जलप्रपात का निर्माण करती है और बहुत ही आकर्षक और जंगल के बीचों-बीच होने के कारण यह एक हिडन प्लेस है जिसे लोग काम जानते हैं इस वॉटरफॉल का पानी चैनपुर के Naogain Dam पर store होती है

jharkhand tourism places: sadni falls jharkhand आस पास घुमने की जगह

जब आप सदनी जल प्रपात घुमने आते हैं तो साथ ही उसके आस पास बहुत पर्यटन स्थल मौजद है जिसे भी आप घुमने जा सकते हैं तो चलिए आगे और बिस्तार से आस पास इलाके के बारे में बतलाते हैं

  • Naogain Dam –जी हाँ दोस्तों सदनी falls का पानी ही नोगैन डैम में जमा होता है और एक बिशाल डैम का निर्माण करता है लगभग  05 किलोमीटर के  AREA में फैला नोगैन डैम चारो और पहाड़ी से घिरा हुआ है जो एक अलग ही रोमांच का मौका देती है इसमें आप बोटिंग का भी लुफ्त उठा सकते हैं साथ प्रकृति का आनंद ले सकते  हैं |
  • KIRO WATERFALL -चैनपुर से 55 किलोमीटर की दुरी में स्थित KIROWATERFALLS एक बरसाती falls है जिसे आप बरसात के दिनों में देख सकते हैं

 

कैसे आ सकते हैं  Sadni Waterfalls kaise aa sakte hain

यदि आप सजनी वॉटरफॉल्स आना चाहते हैं तो नजदीकी शहर जोगी जिला मुख्यालय गुमला से आपको 90 किलोमीटर के आसपास दूरी पड़ेगी गुमला से दो रास्ते हैं एक आप नेतरहाट रोड के रास्ते आ सकते हैं दूसरा आप चैनपुर के रास्ते होकर आ सकते हैं आपको पता होना भी चाहिए कि आप केवल इस जगह बाइक से ही आ सकते हैं उसमें भी iआपको कुछ देर पर बाइक को छोड़कर इस वॉटरफॉल तक पैदल आना पड़ता है

क्योंकि जिस जगह यह जलप्रपात है उसे जगह आने के साधन नहीं है आपको ऑफ रोडिंग पैदल चलना पड़ेगा यदि बाइक किसी तरह आता भी है तो बहुत कठिनाई और मुश्किल भरी रास्ता है इस वजह से बाइक को एक सब जगह आप छोड़ सकते हैं अब बात करते हैं कि कौन रास्ते से आपको सुविधा होगी

इसे भी जरूर पढ़े -hundru waterfall || हुंडरू का अर्थ क्या है | हुन्डरु जलप्रपात रांची

गुमला चैनपुर जैरागी के रास्ते

जब आप गुमला चैनपुर बैरागी के रास्ते इस जलप्रपात पर आते हैं तो आपको 90 किलोमीटर की दूरी पड़ेगी आप बाइक बस या व्यक्तिगत गाड़ी से सीधे आप जैरागी तक या उसके अंदर गांव तक आ सकते हैं परंतु उसके बाद आपको वहां से पैदल जाना होगा

गुमला घाघरा नेतरहाट के रास्ते

जब आप गुमला घाघरा नेतरहाट केरास्ते से होकर आते हैं तो आपको सजनी वॉटरफॉल की दूरी लगभग 97 किलोमीटर पड़ेगी इस रास्ते में आपको नेतरहाट के बाद जब आप सजनी जलप्रपात की ओर बढ़ते हैं तो आपको बॉक्साइट पाठ के एरिया देखने को मिलते हैं उसे एरिया पर घुसकर ही आप इस जलप्रपात तक पहुंच सकते हैं तो एक तरह से आपको यदि एक नया कंटेंट एडवेंचर देखने को चाहिए तो आप इस रास्ते से होकर आ सकते हैं आपके रास्ते में कई बॉक्साइट की मीनिंग खदान भी देखने को मिल सकती है
Sadni वॉटरफॉल Naogain Dam का निर्माण करती है
शंख नदी में बहने के कारण सजनी जलप्रपात की सारा पानी Naogain dam इकट्ठा होता है ।

FAQ
नेतरहाट से sadni falls की दूरी कितनी है

Sadni waterfalls की दूरी नेतरहाट से 35 किलोमीटर दक्षिण में है

Sadni falls height कितनी है

Sadni falls की height 200 फीट और ऊंचाई 60 मीटर है

संछेप वर्णन – इस लेख में आप सदनी जलप्रपात के बारे में जाने जो गुमला जिला में पड़ता है जो जंगलो के बीच में हैं रास्ता  पूरा ऑफ रोडिंग है यदि आप ऐसे स्थान पर घुमने आते भी हैं तो लोकल guide की मदद जरुर लें ताकि आप उस स्थान जगह के बारे में  जान सके कोई परेशानी से बच सके |

khandadhar waterfall | खंडाधार जलप्रपात – सुंदरगढ़ यात्रा गाइड

Khandadhar Waterfalls | खंडाधार जलप्रपात - सुंदरगढ़ यात्रा गाइड

khandadhar waterfall खंडाधार जलप्रपात – सुंदरगढ़ यात्रा गाइड उड़ीसा के सुंदरगढ़ जिले के नंदपानी बोनाईगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत खंडधार जलप्रपात khandadhar waterfall in which district एक लोकप्रिय एवं आकर्षण पिकनिक स्थल है जो बारोमासी बहने वाली एक जलप्रपात है जो लगभग 244 मीटर की ऊंचाई से गिरता है और यह भारत का 12 सबसे ऊंचा जलप्रपात है, यहां पर आसपास के इलाका पाठ का क्षेत्र है और यहां पर लोह अयस्क मैंगनीज जैसे खदान है

जिससे अयस्क निकाला जाता है और इसका निर्यात कर और लोहा और मैग्नीशियम तैयार किया जाता है झरना या जलप्रपात उड़ीसा के अन्य आकर्षण में से एक है और सुंदरगढ़ जिला मुख्यालय से इसकी दूरी महज 56 किलोमीटर के आसपास से जो कुचिंडा बोनाईगढ़ रोड पर स्थित है घने जंगलों और आसपास के झाड़ीदार पेड़ पौधे  और चमकदार झरने के कारण इस जलप्रपात की सुंदरता और अधिक देखने लायक हो जाती है इसे देखने के लिए लोग दूरदराज से आते हैं

और यह 12 मासिक वॉटरफॉल को visit करते हैं, खंडार जलप्रपात Khandadhar Waterfalls  में आने के लिए आपको व्यक्तिगत गाड़ी बाइक या बस का उपयोग कर सकते हैं परंतु यदि आप रेल से आते हैं तो आपको राउरकेला स्टेशन पर उतरना होगा और वहां से फिर आपको बस या व्यक्तिगत गाड़ी से आना होगा राउरकेला का दूरी लगभग 104 किलोमीटर के आसपास है जो सुंदरगढ़ से पड़ता है

खंडधार जलप्रपात Khandadhar Waterfalls  आने का सबसे अच्छा समय जी हां दोस्तों इस जलप्रपात में आने का सबसे अच्छा समय बरसात के बाद का माना जाता है अक्टूबर से लेकर फरवरी तक आप इस जलप्रपात में आ सकते हैं एवं मनमोहन प्राकृतिक दृश्य का आनंद उठा सकते हैं इस जगह आप ट्रैकिंग ऑफ रोडिंग तुम चढ़ाई उतराई का मजा ले सकते हैं क्योंकि जवाब इस जलप्रपात पर आते हैं तो 2 किलोमीटर तक आपको पैदल आना पड़ता है उसके बाद ही इस मनमोहन दृश्य का दीदार सकते हैं ।

पर्यटन विभाग की ओर से की गई है व्यवस्था

लगभग सभी पर्यटन क्षेत्र के आसपास आजकल टूरिस्ट को ठहरने उनके गाड़ी को पार्किंग करने एवं छोटे-मोटे दुकानदार एवं सुरक्षा शौचालय जैसे सुविधाओं का निर्माण विभाग के द्वारा कराया गया है साथिया स्थानीय लोग के द्वारा भी छोटे-मोटे दुकान स्टॉल लगाया जाता है जिनमें से आर्डर पर खाना बनाया जाता है और पर्यटकों के लिए सुविधाएं दी जाती है साथ ही उनसे बनाने का खर्च लिया जाता है

कोरापानी नाला से बहता है यह खंडधार जलप्रपात khandadhar waterfall on which river

घने जंगलों को बीचो-बीच होते हुए खंडधार जलप्रपात जो जंगलों के बीच से कोरापानी नाला नामक बारहमासी नदी होते हुए खंडधार जलप्रपात का निर्माण करता है जो 244 मीटर ऊंचाई से गिरता है जब आप इस जलप्रपात पर आते हैं तो आपको रास्ते में ही कोरापानी नाला बहते हुए दिखाई देता है उस नाला को पार करते हुए आप इस जलप्रपात तक पहुंचते हैं खंडाधार जलप्रपात नाम क्यों पड़ा लगभग 500 फीट ऊंचाई से खड़े गिरने की वजह से उसे जगह का नाम खंडाधार रखा गया

कैसे पहुंचे खंडाधार जलप्रपात Khandadhar Waterfall

  • यदि आप हवाई जहाज के रास्ते आना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा बिरसा मुंडा हवाई अड्डा रांची में उतरना होगा उसके बाद वहां से आप बस व्यक्तिगत गाड़ी रिजर्व कर आप सीधे राउरकेला के रास्ते सुंदरगढ़ होते हुए खंडहर जलप्रपात तक आ सकते हैं
  • यदि रेल के द्वारा इस जगह पर आना चाहते हैं तो आपके नजदीकी रेलवे स्टेशन राउरकेला रेलवे स्टेशन में उतरना होगा वहां से आपको बस या व्यक्तिगत गाड़ी से सुंदरगढ़ होते हुए इस स्थान तक आप आसानी से आ सकते हैं
  • यदि आप खुद के व्यक्तिगत गाड़ी बस बाइक की मदद से इस जगह पर आते हैं तो आपको सीधे इस स्थान तक पहुंच सकते हैं परंतु वाटरफॉल पहुंचने के 2 किलोमीटर तक आपको पैदल चलना होगा क्योंकि रास्ते में बहुत ही ऑफ रोडिंग है और वहां पर गाड़ी नहीं आ सकती है

इसे भी पढ़े –हिरनी जलप्रपात jharkahnd 

इतिहास के अनुसार pouri भैया नामक आदिवासी जाति के लोगों नेKhandadhar के आसपास के स्थान का पता लगाया था लेकिन अब खनन कार्य के चलते इस झरने की सुंदरता में काफी अधिक बदलाव उतार-चढ़ाव देखने को मिल रही है

hundru waterfall malghonghsa jharkhand

Hundru waterfall from ranchi || हुंडरू का अर्थ क्या है | हुन्डरु जलप्रपात रांची

“Hundru Waterfall, Malghonghsa: Jharkhand’s Majestic Cascade of Wonder “

hundru waterfall malghonghsa jharkhand -झारखंड के रांची जिले जिसे झरनों का शहर भी कहा जाता है इसी शहर के पास में एक जलप्रपात  है जिसका नाम हुंडरू जलप्रपात waterfalls in jharkhand  कहते हैं  रांची से इसकी दुरी Hundru Waterfall, Faul, Hundru, Malghonghsa  रांची से 45 किलोमीटर है | झारखंड की ऊंचाई वाले वॉटरफॉल में हुंडरू जलप्रपात का भी नाम सबसे पहले आता है जी हां 322 फीट ऊंचाई से गिरने के साथ-साथ 98 मीटर ऊंचा यह  भारत का 34 व सबसे बड़ा ऊंचा जलप्रपात है और jharkahnd का दूसरा सबसे बड़ा जलप्रपात है रांची  से सटे 32 किलोमीटर पुरलिया मार्ग पर hundru  जलप्रपात स्वर्णरेखा नदी पर स्थित  है लोग

इस जगह पर पिकनिक के लिए हमेशा आया  करते हैं साथ ही  नए साल में लोग भर भर कर इस जगह पर जाते हैं और नए साल इंजॉय करते हैं आज इस  लेख में आप पढ़ेंगे हुंडरू फॉल के बारे में तो चलिए विस्तार पूर्वक जानते हैं Hundru waterfalls के बारे में

हुंडरू जलप्रपात Hundru Waterfall नाम क्यों पड़ा हुंडरू का अर्थ क्या है

वैसे तो हुंडरू जलप्रपात hundru waterfall स्वर्णरेखा नदी पर अवस्थित है लेकिन बात आती है कि हुंडरू जलप्रपात का नामकरण कैसे हुआ आखिर हुंडरू जलप्रपात इस वॉटरफॉल को क्यों कहते हैं हुंडरू का अर्थ क्या होता है इस सवाल पर जब स्थानीय लोग से जानकारी मिला  तब पता चला कि जब अंग्रेजी शासन काल था तब एक अंग्रेज जिसका नाम “हुंदुर”था इस नदी पर इस वॉटरफॉल के समीप आकर हीरा या सोने की तलाश कर रहा था तो किसी कारणवश उसका पैर फिसलकर नीचे खाई में गिर जाता है तब से इसका नाम जो है “हुंदूर fail” कहा जाने लगा और समय बीतने के साथ इसका वर्तमान नाम हुंडरू फॉल hundru waterfalls हो गया ।

hundru waterfall on which river

हुंडरू जलप्रपात -रांची राजधानी रांची से सटे 32 किलोमीटर की दूरी पर पुरलिया मार्ग पर हुंडरू  जलप्रपात जो स्वर्णरेखा नदी पर बनाई गई है जिसकी ऊंचाई 322 फीट एवं यह भारत का 34 व सबसे बड़ा ऊंचा जलप्रपात है बेहद ही खूबसूरत एवं मनमोहक लगने वाला है यह वॉटरफॉल दूर से ही लोगों को अपनी और आकर्षित करती है इसकी आवाज 5 किलोमीटर तक सुनाई देती है ऊँचे चटानो  से गिरने के कारण इसके आवाज दूर तक  सुनाई देती है जब आप हुंडरू जलप्रपात आते हैं तो इसके तलहटी में जाने के लिए आपको 750 सीढ़ियां उतरने पड़ती है और 750 सीढ़ियां चढ़कर ऊपर आने पड़ती है क्योंकि जब

आप 750 सीढ़ियां उतर कर नीचे जाते हैं तब आपको वह दृश्य देखने को मिलता है  जब बात आती है  hundru waterfall height   कि तो  यह ऊंचाई से  गिरता है घने जंगलों के बीचो-बीच एवं शांत वातावरण में बसाया जलप्रपात लोगों को अपनी और मोहित करता है और लोग अक्सर इस जगह पर वीकेंड छुट्टी या पिकनिक या किसी विशेष प्रोग्राम के लिए इस वॉटरफॉल को देखने जाया करते हैं यह वॉटरफॉल रांची पुरलिया मार्ग पर स्थित है एवं यह झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा वॉटरफॉल है और यह स्वर्णरेखा  नदी पर स्थित है इसी से सिकीदारी में पन बिजली का उत्पादन भी किया जाता है

Hundru waterfall क्यों प्रसिद्ध है

  • झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा एवं ऊंचा वॉटरफॉल होने के साथ-साथ यह सोने रेखा नदी पर स्थित है और इसी से सीखी दारी में पन बिजली यानी कि बिजली का उत्पादन किया जाता है
  • Hundru जलप्रपात की धारा 322 फीट ऊंचाई से गिरने के साथ-साथ या झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा hundru waterfall  वॉटरफॉल है
  • बरसात के दिनों में इस वॉटरफॉल की धारा काफी अधिक मोटी हो जाती है जिससे वहां की खूबसूरती देखते बनती है लोग बरसात के दिन में भी काफी अधिक संख्या में इसे देखने के लिए जाते हैं क्योंकि संघा जंगल के बीचो-बीच होने के चलते बरसात के दिनों में बरसात के पानी से और अधिक इस वॉटरफॉल की जो परत है वह चौड़ी हो जाती है और जब ऊंचाई से गिरती है तो और मनमोहक लगती है

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जलप्रपात में बरतने वाली सावधानियां(Precautions at Waterfalls)

जब आप किसी भी वॉटरफॉल्स जलप्रपात में अपने परिवार स्वयं यानी किसी के साथ जाते हैं तो सबसे बड़ी  बात होती है उस जलप्रपात में बरतने वाली सावधानी यदि आप हुंडरू जलप्रपात में पहुंच गए हैं तो सबसे पहले आप अपने परिवार के सदस्यों का ध्यान रखेंगे बच्चों को खासकर ऐसे स्थानों से दूर रखें जहां फिसलने है गड्ढे हैं जहां पानी ऊंचे से गिर रही है साथ ही ऐसे स्थानों से आपको दूरी बनाकर रखें जिससे किसी अप्रिय घटना होने की संभावना हो सके

यदि आप पिकनिक का प्लान कर रहे हैं तो आपको झरने से दूर जहां पानी का रफ़्तार  कम हो गड्ढे कम हो, चिकने पत्थर से दूर होना चाहिए क्योंकि आजकल के समय में अक्सर लोग फोटोग्राफी सेल्फी, के चक्कर में गलती हो जाती है और इस तरह की घटना का शिकार हो जाते हैं तो इसलिए सबसे पहले सावधानी बरतनी जरूरी है तभी आपकी घूमने की जो ख्वाहिश  सफल हो पाएगी इसलिए जरूरी है कि आप ऐसे जलप्रपात की जगह में जाएं लेकिन सावधानी जरूर करते हैं

हुंडरू जलप्रपात आप कैसे आ सकते हैं  how to reach hundru falls from ranchi

राजधानी रांची से 32 किलोमीटर का दूरी पर स्थित रांची पुलिया मार्ग पर स्थित हुंडरू फॉल  12 महीना स्वागत करती है क्योंकि यह स्वर्ण रेखा नदी पर स्थित है और ऊंचाई से गिरने के साथ-साथ या झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा वॉटरफॉल है इस वॉटरफॉल पर आने के लिए आपको राजधानी रांची से बाय बस स्वयं के व्यक्तिगत गाड़ी या फिर बाइक से आप आसानी से इस जगह पर आ सकते हैं

परिवहन के साधन (Modes of Transport)

  • बस से कैसे पहुचे -यदि अब झारखंड के अन्य हिस्से से आते हैं या फिर झारखंड के बाहर राज्य से आते हैं तो आपको सबसे पहले आईटीआई बस स्टैंड रांची या खादगढ़ा बस स्टैंड रांची में उतरना होगा उसके बाद वहां से आप बस के माध्यम से सीधे कुंदरु फूल के लिए जा सकते हैं आपको वहां से लगभग 80 रुपए के किराया लग जाता है
  • रेलगाड़ी से कैसे पहुचें – जब आप रेलगाड़ी से पंढरपुर के लिए आते हैं तो सबसे पहले आपको राजधानी रांची रेलवे स्टेशन में उतरना होता है राजधानी रेलवे स्टेशन से उतरकर आप वहां से ऑटो करके सीधे बस स्टैंड जा सकते हैं और फिर वहां से बस पड़कर होंड्रफों को जा सकते हैं और नहीं तो आप वहां से ऑटो को भी बुक कर सकते हैं या छोटी गाड़ी बुक करके जा सकते हैं वैसे लंबी दूरी है इसलिए ऑटो करना उचित नहीं है आप छोटा गाड़ी की बुक कर सकते हैं
  • व्यक्तिगत गाड़ी या बाइक से कैसे पहुचे -सबसे सुविधा एवं सबसे सुविधाजनक खुद की गाड़ी और बाइक मानी जाती है क्योंकि इसमें आप अपने मनमर्जी के हिसाब से जाते हैं और मनोरंजन करके आते हैं क्योंकि इसमें आप अपने समय के मुताबिक समय से जाते हैं और समय से आ जाते हैं इसमें किसी भी बंदिश नहीं होती है तो आप झारखंड के किसी भी हिस्से से हो पर्सनल गाड़ी या बाइक से वंडरफुल आसानी से जा सकते हैं
  • इस तरह आप झारखंड में अन्य और जलप्रपात को भी visit कर सकते हैं और अधिक बिस्तार से जानने के लिए झारखंड सरकार के आधिकारी वेबसाइट https://tourism.jharkhand.gov.in/ पर visit कर सकते हैं |

FAQ
1.हुंडरू जलप्रपात की ऊंचाई कितनी है ?

ANS-हुंडरू जलप्रपात hundru waterfall  की ऊंचाई लगभग 322 फीट ऊंची है

2.झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा वॉटरफॉल कौन सा है?

ANS-झारखंड का दूसरा सबसे बड़ा वॉटरफॉल हुंदरू वॉटरफॉल है जो कि रांची जिला में स्थित है

3.हुंडरू जलप्रपात कौन सी नदी पर स्थित है? hundru waterfall is located on which river

ANS-हुंडरू जलप्रपात स्वर्ण रेखा नदी पर स्थित है

4.हुंडरू जलप्रपात hundru waterfall  की विशेषता क्या है?

ANS-हुंडरू जलप्रपात की विशेषता यह है कि यह वॉटरफॉल 322 फीट ऊंचाई से गिरता है और यह भारत का 24 व सबसे बड़ा वॉटरफॉल है साथ ही अंग्रेज की जमाने में एक अंग्रेज जिसका नाम हुंदुर था जिसने हीरे की तलाश में इस नदी से खाई में गिर जाने की वजह से इस जगह का नाम जो है हुंदूर fail से हुंडरू फॉल हो गया

5.हुंडरू फॉल रांची से कितना दुरी पर है hundru waterfall distance

ANS-रांची से इसकी दुरी 45 किलोमीटर है |

 

Hirni falls || Hidden Place Hirni Watarfalls | हिरनी जलप्रपात

Hirni falls Jharkhand  || Hidden Place Hirni Watarfalls | हिरनी जलप्रपात

राजधानी रांची से खूंटी चाईबासा रोड में राष्ट्रीय राजमार्ग NH-20 में स्थित Hirni falls || Hidden Place Hirni Watarfalls | हिरनी जलप्रपात  है  जो चारों और छोटे बड़े पहाड़ों से घिरे होने के साथ पहाड़ों से गुजरते हुए पत्सुथरों के बीच से पानी गिरता है और हिरनी जलप्रपात का  निर्माण करता  है हिरनी फॉल hirni falls के पास में एक रेस्ट हाउस का भी निर्माण कराया गया है जहाँ लोग रुक भी सकते हैं

साथ ही  वहां पर पार्क का भी निर्माण कराया गया है प्रकृति के साथ-साथ आप पार्क का भी मजा ले सकते हैं यहां सैलानियों का आने के लिए एक बड़े रेस्ट हाउस की भी सुविधा की है जहां पर वह रात रुक सकते हैं यदि आप रोलर या ग्रामीण लाइफ को थोड़ा इंजॉय करना चाहते हैं तो वहां के स्थानीय लोग के द्वारा रुकने का भी व्यवस्था की गई है जो अपने हिसाब से वह लोग चार्ज लेते हैं साथ ही वहां का स्थानीय लोग छोटे-मोटे स्टोर दुकान लगाते हैं जिससे कि टूरिस्ट या पर्यटकों को जरूरी फूड सामान मिल सके इस तरह से हिरनी वॉटरफॉल्स के आसपास आपको कई सारी सुविधाएं मिल जाती है

Hirni falls Jharkhand  || Hidden Place Hirni Watarfalls | हिरनी जलप्रपात

hirni falls हिरनी जलप्रपात हिरनी झरना राजधानी रांची से 60 किलोमीटर का दूरी पर स्थित एक खूबसूरत से जलप्रपात हिरनी फॉल्स  hirni falls जो रांची खूंटी चाइबासा राष्ट्रीय राजमार्ग 20 पर स्थित है आजकल के डिजिटल समय में लोग सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसे गुमनाम जगह को भी उजागर कर दे रहे हैं जिसे लोग नहीं जानते थे

वैसे में हिरनी जलप्रपात  Hirni falls भी एक हिडन प्लेस है जिसे सोशल मीडिया जैसे फेसबुक इंस्टाग्राम यूट्यूब गूगल के माध्यम से लोग ऐसे जगह का वीडियो फोटो स्टोरी पब्लिश करते हैं और लोगों में एक जन की उत्साहिता बढ़ाते हैं वैसे में हिरनी जलप्रपात पीएफ हिडन प्लेस है जिसे लोग अब जाने लगे हैं और लोग बढ़-चढ़कर पिकनिक मनाने ऐसी जगह पर जाते हैं इस नए साल में लोग ऐसे वॉटरफॉल में जाना पसंद करते हैं

और एक यादगार पल कैप्चर करना चाहते हैं वैसे में यदि आप झारखंड के ऐसे बेहतरीन प्राकृतिक प्लेस वॉटर फॉल्स में जाना चाहते हैं तो आपके लिए हिरनी जलप्रपात भी एक बेस्ट ऑप्शन हो सकता है जहां आप अपने परिवार के साथ कुछ समय नए साल में व्यक्तित्व कर एक यादगार लम्हा इंजॉय कर सकते हैं हिरनी जलप्रपात hirni falls  के चारों तरफ छोटी बड़ी कई पहाड़ियां हैं जहां से रामगढ़ नदी होते हुए यह पानी चट्टानों से चीरते हुए नीचे गिरती है और हिरनी  जलप्रपात का निर्माण करती है

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पार्किंग की भी है सुविधा

जब पर्यटक स्थल की बात होती है तो वैसे में जब लोग दूरदराज से लोग आते हैं तो अपने साथ व्यक्तिगत गाड़ी बाइक बस जैसे बड़े गाड़ी लेकर आते हैं ऐसी स्थिति में सबसे बड़ी बात आती है पार्किंग की तो इस वॉटरफॉल में पर्यटकों के लिए पार्किंग की व्यवस्था है जिसमें से आप ₹20 खर्च कर उसे पार्किंग पर अपने गाड़ी को खड़ी कर सकते हैं जिसे जलप्रपात समिति के द्वारा संचालित किया जाता है और उसकी साफ सफाई जलप्रपात समिति के द्वारा किया जाता है

हिरनी  जलप्रपात Hirni falls  आने के रास्ते

यदि आप राजधानी रांची से आते हैं तो आपको खूंटी चाईबासा रोड से होते हुए आप सीधे हिरनी फॉल्स आ सकते हैं आप वेयक्तिगत गाड़ी बाइक या बस से Hirni  falls हिरनी वॉटर फॉल्स तक पहुंच सकते हैं साथ ही यदि आप रेल की मदद से आते हैं तो आपको रांची टाटा होते हुए चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन आना होगा वहां से आपको 45 किलोमीटर दूरी पर यह हिरनी वॉटरफॉल्स मिल जाएगा परंतु मेरा मानना है

कि यदि आप अपने व्यक्तिगत गाड़ी या फिर बस से आते हैं तो आपके लिए एक सम एडवेंचर एक अनुभव होगा क्योंकि यह एनएच 20 के रास्ते में ही पड़ता है तो इसलिए स्टेशन से दूर है और रोड से नजदीक है तो आप अपने व्यक्तिगत गाड़ी या फिर बाइक से रोड के माध्यम से आई और इस ब्यूटीफुल वॉटरफॉल का मजा लीजिए

हिरनी झरना Hirni falls के आसपास घूमने की जगह

  1. पंचघाघ झरना– पांच नदियों के संगम से बना एक खूबसूरत प्राकृतिक झरना जिसे हम लोग पांच का के नाम से जानते हैं राजधानी रांची से लगभग 50 किलोमीटर का दूरी पर स्थित चाईबासा रोड पर खूंटी जिले में स्थित पांच गांव झरना पर्यटकों को अपने पांच नदियों के नाम साथी एक पारिवारिक पिकनिक स्पॉट के रूप में अपनी और हर वर्ष या विकेट छुट्टी में आकर्षित करती रहती है और लोग यहां पर जाते रहते हैं नदी का निर्माण बने नामक प्रसिद्ध नदी के टूटने के कारण हुआ है यह एक ऐसा झरना है जहां पर पानी समतल है कोई ऊंचाई से पानी नहीं गिरता है
  2. इसलिए यहां पर खतरे की संभावना कम है फिर भी बच्चे बूढ़े पारिवारिक के साथ किसी भी जलप्रपात में जाते हैं तो सावधानी बरतना बहुत जरूरी होता है पानी की बहन शांत है क्योंकि पानी का जो लेयर है वह नीचे नीचे बहती है ऊपर से नहीं गिरती इस वजह से यह पानी का आवाज जो है ज्यादा शोर नहीं करती है इसलिए ऐसे स्थान स्कूली बच्चों को पर्यटन के लिए अच्छा है इसके साथ-साथ यदि आप खूंटी जिला के आसपास अन्य और पर्यटन स्थल देखना चाहते हैं तो उनमें से बिरसा मृग विहार आंगनवाड़ी शिव मंदिर जैसे अन्य पर्यटक स्थल है जहां आप लोग घूमने जा सकते हैं
  3.  पेरवाघाघ जलप्रपात।  रांची खूंटी सिमडेगा मार्ग पर तोरपा के मटका पंचायत पर स्थित एक सुंदर सी झरना जिसे बेरवा घाट कहा जाता है यह एक अच्छा वॉटरफॉल है जहां पर लोग पिकनिक मनाने जाते हैं पेरवा का अर्थ होता है कबूतर यदि शाब्दिक अर्थ देखा जाए तो पेरवा का  मतलब कबूतर और घाघ का मतलब घर तो “कबूतरों का घर” इस तरह से इस अर्थ का मतलब निकलता है
  4. रानी जलप्रपात  रानी जलप्रपात खूंटी तमर रोड पर स्थित जिसकी दूरी लगभग 20 किलोमीटर है धीमी प्रवास से बहने के कारण इस नदी में पिकनिक के लिए अच्छा माना जाता है यहां पर अपने परिवार के साथ छोटे बच्चों के साथ लोग जाते हैं और इंजॉय करके आते हैं
  • हिरनी फॉल का कुछ बेहतरीन फोटो

                                  

Baghmunda Waterfalls Jharkhand | best picnic spot

Baghmunda Waterfalls Jharkhand | best picnic spot

Baghmunda Waterfalls Jharkhand  : नए साल के आगमन के साथी पर्यटकों में एक नई ऊर्जा और नए संचार  देखने को मिलता है पर्यटक नई-नई जगह जाने और घूमने को अपनी योजना बनाते हैं गुमला जिला से लगभग 48 किलोमीटर की दूरी बाघमुंडा वॉटरफॉल दर्शकों को अपनी और हर साल इसी तरह आकर्षित करती है वैसे तो वीकेंड छुट्टी या अन्य ऐसे त्योहारों में पिकनिक के लिए इस जगह पर लोग जाया करते हैं परंतु नया साल आने वाला है

और नये  वर्ष में लोगों का ऐसे जलप्रपात में जाना भी बहुत ज्यादा  अनुमान है आपको बता दे की गुमला से महज 48  किलोमीटर की दूरी पर सिमडेगा रांची मुख्य मार्ग स्थित बाघमुंडा वॉटरफॉल अपने मनोरंजन दृश्य और प्रकृति सुंदर के लिए जानी जाती है काफी सुकून और खुशी देने वाली ऐसी जगह है जहां पर आप लोग जाना पसंद करते हैं ऊंचाई से गिरने के कारण यह जलप्रपात कल कल धाराओं से बहते हुए ऊंचे पहाड़ों से गिरती है और शांत वातावरण और की अनुभूति प्रदान  करती है  लोग अभी से ही बागमुंडा वॉटरफॉल में सैलानियों का आना-जाना भीड़ शुरू हो गया है

Baghmunda Waterfalls क्या है इस वॉटरफॉल की विशेषता

आपको बता दे की बाघमुंडा वॉटरफॉल  कोयल नदी पर स्थित है और यह सिमडेगा रांची मुख्य मार्ग पर  कोयल नदी में स्थित है और यह अलग-अलग ऊंचाई से एक जगह  तीन धाराओं से होकर गिरने के वाले संगम पर एक बाघ का  किसी आकार का धारण करती है जिस वजह से बाघमुंडा जलप्रपात  भी कह सकते हैं अगर बात करें कि यहां पर जाने का तो जब इसके आप मुख्य द्वार से अंदर के प्रवेश करते हैं तो वहीं पर एक बड़ा सा प्राचीन शिव मंदिर भी है जहां भी लोग जाना पसंद करते हैं और वहां दर्शन करते हैं

नव वर्ष पर लगता है बहुत बड़ा मेला Baghmunda Waterfalls

वैसे तो बाघमुंडा वॉटरफॉल पर लोग छुट्टियां पर आते हैं लेकिन नए वर्ष के आगमन से लोगों में काफी उत्साह रहता है और लोग भर भर कर इस जगह नए साल में आने के लिए उत्साहित रहते हैं आपको बता दे कि इस जगह पर नए वर्ष में एक बहुत बड़ा मेला लगता है जिसकी सुरक्षा की जिमेवारी के लिए स्थानीय पुलिस को सोपा जाता है गुमला के साथ-साथ सिमडेगा रांची खूंटी तोरपा,राउरकेला तरफ से काफी अधिक संख्या में पर्यटक इस स्थान पर नए वर्ष में घूमने फिरने के लिए आते हैं

कैसे पहुच सकते हैं बाघमुंडा जलप्रपात Baghmunda waterfall aane ke raste

जी हां दोस्तों यदि आप बाघमुंडा जलप्रपात आने की सोच रहे हैं तो आप राजधानी रांची से सिमडेगा मार्ग वाले रास्ते से बस से या पर्सनल व्यक्तिगत गाड़ी से भी आप सीधा बाघमुंडा वॉटरफॉल आ सकते हैं

इसी  बीच रास्ते में ही एक बमिबयारी गांव मिलेगी वहीं से कोयल नदी का दृश्य आपको देखने को मिलता है पास में हेमता टोली गांव के समीप में इसका फ्रंट द्वारा रखा गया है जिसके माध्यम से आप सीधे वॉटरफॉल तक पहुंच सकते हैं यदि बात करें गुमला से इसकी दूरी की तो लगभग 50 किलोमीटर और रांची से इसके दूरी की तो 100 किलोमीटर पड़ता है आप सीधे बस या अपने निजी वाहन के साथ इस जगह पर आसानी से पहुंच सकते हैं

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बाघमुंडा वॉटरफॉल Baghmunda Waterfalls पर रखें खास ध्यान

यदि आप किसी भी वॉटरफॉल पर जाते हैं तो सबसे पहले बात आती है अपने आप और अपने परिवार की सुरक्षा का जिम्मेवारी जी हां जब आप अपने परिवार के साथ ऐसे किसी वॉटरफॉल्स पर जाते हैं जिसमें बच्चे जवान बूढ़े शामिल हो सकते हैं वैसे में आपको सबसे बड़ी सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है क्योंकि जलप्रपात  एक ऐसे स्थान होता है जहां पर ऊंचे ऊंचे जगह से पानी गिरते हैं

और न जाने कितने समय से वहां पर पानी इकट्ठा होते हैं गड्ढा होते हैं पत्थर चिकनी होती है जगह अनजान होती है वैसे मैं यदि आपके साथ बच्चे  साथ गए हैं तो हो सकता है शरारत करते-करते इन गड्ढे पत्थर ऊंचा नीचा जैसे जगह पर जाएं और वैसे में अगर नजर हटी तो दुर्घटना घटी  इसलिए ऐसे में आप अपने परिवार के सुरक्षा का स्वयं    जिमेवार है इस लिए  आप अपने बच्चों का खास ख्याल रखें और इधर-उधर जाने ना दे जिस किसी भी अनहोनी होने से बचा जा सके

क्योंकि आप देखते होंगे कि नए साल में अक्सर ऐसा घटना हो जाता है और इसका जिम्मेदारी खुद पर्यटक होता है इसलिए  अपने बच्चों की जिम्मेदारी खुद देखनी होती है इसलिए यदि आप बाघमुंडा वॉटरफॉल्स या फिर झारखंड के कोई अन्य वॉटरफॉल्स में इस नए साल घूमने जा रहे हैं तो आप अपने परिवार का सुरक्षा खुद करें चलिए पांच ऐसे उपाय जिससे आप अपने  बच्चों को ख्याल रख सकते हैं

  1. बच्चों को अपने नजर से दूर जाने मत दे
  2. चटानो वाले जगह से दूर रखे
  3. गहरे पानी या फिसलन वाले जगह के आस पास पिकनिक न जाये
  4. प्राथिमक उपचार  साथ रखे
  5. यदि भीड़ भाड़ वाले जगह में गये हैं तो उसके हाथ  मोबाइल नंबर जरूर लिख दे

Bharat ke in Jagaho me nahi ja sakte | भारत के इन जगहों पर नही जा सकते

Bharat ke in Jagaho me nahi ja sakte | भारत के इन जगहों पर नही जा सकते

India भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में भारतीय को खुद के घर में घूमने का प्रतिबंध लगा हुआ है ये दोस्तों आज के इस लेख में आपको बताएंगे की Bharat ke in Jagaho me nahi ja sakte | भारत के इन जगहों पर नही जा सकते | मतलब साफ है की आप अपने ही देश में जहाँ पर भारतीयों को घूमने को प्रतिबंध लगा हुआ यदि यह भी भारत  में घूमने की योजना बना रहे  है

तो इस से पहले आपको जानना चाहिए कि वो कौन सा जगह है जहाँ पर आप अपने परिवार या कपल्स के साथ घूमने नहीं जा सकते तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि भारत की वो 10 कौन सी जगह है जहाँ पर भारतीयों को जाना सख्त माना

नार्थ  सेंटिनल आईलैंड bharat

जी हां दोस्तों भारत के अंडमान निकोबार द्वीप संघ में स्थित नॉर्थ सेंट्रल आयरलैंड भारत का एक ऐसा जगह है जहां पर भारत का कोई भी व्यक्ति वहां नहीं जा सकता यदि वह गलती से चला भी जाता है तो वहां पर मौजूद आदिवासी लोग उन्हें मार डालते हैं तब से bharat sarkar भारत सरकार ने उसे जगह को बन कर दिया और वहां पर भारतीयों को जाना मना कर दिया

पांडिचेरी का समुद्री बीच

भारत के पांडिचेरी में स्थित पांडिचेरी की समुद्री बीच पर भारतीयों को जाना सख्त मना है उसे जगह पर सिर्फ विदेशी पर्यटक की जाते हैं ऐसा इसलिए की वहा केवल विदेशी लोग ही जा सकते हैं क्योकि विदेशी लोग वैसे बीच में छोटे छोटे कपड़ों में रहते हैं और बिकनी में रहते हैं वैसे में हमारे भारतीय संभ्यता के संकृति पारिवारिक लोग वैसे  जगह के लिए comfortable नही है

Bharat ki फ्री कसोल कैफे Free kasol cafe

पर्यटन के लिए जाने वाले हिमाचल प्रदेश जो की खूबसूरती की चार-चार वाहन के हिमालय और वहां की प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को अपनी और हमेशा आकर्षित करती है परंतु हिमाचल प्रदेश में एक स्थान ऐसा भी है जहां पर भारतीयों को जाना माना है हिमाचल प्रदेश का एक टूरिस्ट प्लेस जिसे कुशल गांव टूरिस्ट का पहला पसंद माना जाता है

लेकिन आपको बता दें कि इसी गांव के पास में एक फ्री कंसोल कैफे के नाम से एक रेस्टोरेंट चलाया जाता है जो की एक इजरायली रेस्टोरेंट है इस रेस्टोरेंट पर कोई भी भारतीयों को जाना सख्त मना है इसका मतलब यह है कि यदि आप इंडियन टूरिस्ट हैं तो आप इस रेस्टोरेंट पर नहीं जा सकते हैं यह केवल अपने इजरायली टूरिस्ट को अपने रेस्टोरेंट पर एंट्री देते हैं

भारत के फॉर्नर्स only beach goa

भारत और विदेश के सबसे फेमस और पसंदीदा टूरिस्ट प्लेस में से गोवा का यह बीच विदेशी मेहमानों का सबसे प्रिय गोवा का बीच है लोग अक्सर गर्मियों में यहां पर छुट्टी बिताने के लिए जाया करते हैं परंतु क्या आपको पता है कि भारत के लोग को इस बीच पर जाने के लिए अनुमति नहीं है केवल विदेश के लोग ही इस बीच पर जा सकते हैं ऐसा इसलिए है क्योंकि विदेशी जो है

वह छोटे-छोटे कपड़े एवं बिकनी में बीच पर रहती है और इस वजह से कोई भारतीय उन गोरे को छेड़खानी ना करें इस वजह से बीच के मालिक को द्वारा इस तरह का नियम लागू किया हुआ है

तमिलनाडु के बडलैंड लॉज चेन्नई

bharat भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित चेन्नई शहर में एक ऐसा होटल भी है या एक ऐसा लॉज भी है जहां पर केवल विदेशी मेहमानों को ही आने का अनुमति है यदि आप भारतीय हैं तो आप वहां नहीं जा सकते हैं इसका पीछे का गाना यह है

कि जब पुराने समय में राजा महाराजाओं का जब यह महल था जिसे अब परिवर्तन करके होटल बना दिया है और इस होटल में ओन्ली फॉर फोरेंस एंट्री रखा गया है इस तरह से कोई भारतीय इस होटल पर नहीं जा सकता है

पांडिचेरी का फॉर्नर्स only beach

पांडिचेरी कप बोनस ऑन व्हिच भी गोवा के बीच की तर्क पर यहां नियम फॉलो करती है बीच के मालिक के अनुसार यहां भी केवल विदेशी पर्यटकों को ही अनुमति दिया जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि विदेशी जो है वह बाहर से आते हैं और वह बिकनी एवं छोटे-छोटे कपड़े में बीच पर रहते हैं इस वजह से किसी भारतीय की छेड़छाड़ या किसी प्रकार की कोई आव्हाद्र व्यवहार ना हो इस वजह से बच के मालिक द्वारा इस तरह का नियम लागू यहां भी कर रखा है

 

 

Ayodhya Ram Mandir | अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी पिछले 32 सालों से रामलाल की पूजा अर्चना करते आ रहे

Ayodhya Ram Mandir | अयोध्या राम मंदिर

Ayodhya Ram Mandir | अयोध्या राम मंदिर

Ayodhya Ram Mandir | अयोध्या राम मंदिर  भगवान रामलाला की जन्मभूमि और हिंदुओं का सबसे पवित्र स्थल अयोध्या Ayodhya Ram Mandir जहां पर राम मंदिर का उद्घाटन समारोह 22 जनवरी 2024 को होना तय है इसके लेकर उद्घाटन की सभी तैयारी अभी से ही शुरू की जा रही है रामायण के अनुसार भगवान श्री राम की जन्म इसी जगह हुआ था इसलिए इसे श्री राम जन्मभूमि कहते हैं वर्ष 2024 में जनवरी 22 को रामलाला का जन्मदिन मनाया जाएगा

जी हां इसी जगह एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है जो की 22 जनवरी को इसका शुभारंभ किया जाना है प्राचीनकाल का माने तो इसी जगह राम जी का मंदिर पहले हुआ करता था जिसे तोड़ बाबर के द्वारा तोड़ दिया गया था  और फिर काफी सालों के बाद यहां पर एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है

कहा यह भी जाता है कि भगवान श्री राम का जन्म काल 5115 ईसवी पूर्व हुआ था जो कि द्वापर कल युग में माना जाता है रामायण काल के अनुसार जो भी कहानी हम अपने पूर्वजों से सुनते हैं या टीवी सीरियल में देखते हैं इसी द्वापर युग की कहानी के रूप में हमें चलचित्र दिखाया जाता है आज के इस  लेख में हम बात करने वाले हैं अयोध्या नगरी के बारे में भगवान श्रीराम की जन्म भूमि और भव्य मंदिर बारे में

Ayodhya Nagar  | अयोध्या का इतिहास

अयोध्या का इतिहास रामायण में अयोध्या नगरी सरयू तटके किनारे बसे होने के साक्षात प्रमाण मिलते हैं अयोध्या Ayodhya को पहले उत्तरकोशिला नाम से जानते थे  इतिहासकारों का माने तो कई ऐसे प्रमाण मिले हैं जिसे जिससे अयोध्या  समय जो अयोध्या नगरी  समृद्ध होने के साथ-साथ विशाल थी बड़े-बड़े सड़क सड़क की बगीचे  महल आम के बगीचे और चौराहों का एक विशाल स्तंभ हुआ करता था हर व्यक्ति के घर संपन था रामराज्य हुआ करता था  यहां पर सुंदर नगरी और लंबी सड़के जैसे थी

राम मन्दिर का निर्माण विक्रमादित्य ने करवाया था

आज से एक सदी पूर्व अयोध्या के सम्राट विक्रमादित्य ने उज्जैन की चक्रवर्ती ने इस मंदिर का निर्माण कराया था करने का साक्षात प्रमाण मिलते हैं, उनके अनुसार कुछ चमत्कार दिखाई देने पर वहां के संत योगी ने सम्राट से से बनवाने का आग्रह किया और फिर  बाद में  सम्राट ने यहां पर एक  मंदिर कराया एवं श्री राम जन्मभूमि में श्री राम जी का एक भव्य मंदिर के रूप में निर्माण करवाया

प्राचीन काल में अयोध्या Ayodhya को किस नाम से जानते थे इसका पुराना नाम क्या था

प्राचीन काल का माने तो अयोध्या का प्राचीन नाम उत्तरकोशिला था जिसकी राजधानी अयोध्या थी रामायण के माने तो अयोध्या Ayodhya का प्रथम राजा पवन सूर्य के पुत्र और भगवान ब्रह्मा के वंशज ने की थी और इसके प्रथम शासक जो थे इक्शाकु थे जो वैवस्वत मनु के पुत्र थे

राम मंदिर का भूमि का क्षेत्रफल कितना है

लगभग 156 एकड़ में फैला राम मंदिर जन्मभूमि की ऊंचाई 236 फीट लगभग बताईए जाती है जो मंदिर की ऑफिशल वेबसाइट से पता चलता है और अधिक जानकारी के लिए  मुख्य मंदिर – श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से कर सकते हैं |

22 जनवरी 2024 को होगा  मर्यादापुर्सोतम श्रीराम  जी मंदिर का उद्घाटन

अयोध्या राम मंदिर की लगभग सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी है और रामलाला की भव्य मंदिर के लिए लोगों की उत्साहित और अधिक लालसा बढ़ गई इसी बीच में श्री राम जन्मभूमि के मंदिर के लिए पुजारी का भी चर्चा हो रही है इसी बीच ABP न्यूज वेब के में लेख के अनुसार मंदिर में रामलाला  की पूजा अर्चना करने के लिए लगभग 3000 आवेदकों में से 50 चयन हुआ है लेकिन बरसों से पूजा पाठ करते आ रहे हैं मंदिर के पुराने पुजारी जिनका नाम पंडित सत्येंद्र दास जी है उनका क्या कहना है

मंदिर के प्रमुख पुजारी सत्येंद्र दास राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी है और पिछले 32 सालों से रामलाल की पूजा अर्चना करते आ रहे है सत्येंद्र दासजी का चयन 1932 ईस्वी में बाबरी विद्व्हन्स  9 माह पहले से हुआ था उसकी उम्र लगभग 80 वर्ष हो चुकी है परंतु आज भी वह रामलाला पूजा अर्चना करते आ रहे हैं सत्येंद्र दास जी ने बताया कि मेरी रामलाला  की सेवा के कार्यकाल लगभग 3 दशक पूर्ण हो चुकी है और मैं आगे भी करता रहूंगा

 

Escape the Heat: 08 Breathtaking Hill Stations in India You Must Visit This year 2024

05 Top Hill Station India इन सर्दियों मजा लीजिये हिल स्टेशन का

भारत के 08 हिल स्टेशन के बारे में जानकारी

सर्दियों का मौसम आते ही सबके मन  में एक ख्याल रहता है की इन नए मौसम में कहाँ जाया जाये  वैसे में लोग टूर प्लान करते हैं आज इस लेख में Escape the Heat: 10 Breathtaking Hill Stations in India You Must Visit This year 2024   और  Top Hill Station India  के बारे में जानेंगे तो चलिए सर्दियों मजा लीजिये हिल स्टेशन का और घुमने फिरने का योजना बनाइये लोग  अक्सर पसंदीदा नयी जगह जाना पसंद करते हैं तो कुछ लोग हिल स्टेशन जाना पसंद करते हैं साल के अंतिम महीने में सब अपना प्लान कर लेते हैं की किस जगह अपने परिवार के साथ इस नए साल में जाना है

आज के इस लेख में आपलोगों को भारत के रोमांचित जगहों के बारे में बताने जा रहा हूँ आपको आज भारत के 10 Breathtaking Hill Stations in India  बेहतरीन हिल स्टेशन के बारे में बताने जा रहा हूँ

Escape the Heat: 08 Breathtaking Hill Stations in India You Must Visit This year 2024

दार्जिलिंग की हसीन वादियाँ Darjeeling tourist Places 2024

चाय बगान का देश और भारत का पूर्व का स्कौटलैंड कहे जाने वाले पश्चिम बंगाल राज्य की हिस्से में मौजूद दार्जिलिंग एक खुबसूरत टूरिस्ट प्लेस हैं जहाँ हरे भरे पेड़ पोधे एवं चारो तरफ चाय की बगान देखने को मिलता है खुबसूरत प्राकृतिक नजारा का द्रश्य यहाँ की मनमोहक सुन्दरता पर्यटकों को मन मोह लेता है इस हिल स्टेशन में आपको यहाँ पैराग्लाइडिंग,ट्रेकिंग, हाइकिंग जैसे एक्टिविटी का मजा ले सकते हैं यहाँ पर सबसे मजेदार आपको टॉय ट्रेन का सफ़र लगेगा जो विशेष कर आकर्षण का केंद्र होता है | दार्जिलिंग से जुडी और अधिक जानकारी के visit कीजिये https://darjeeling.gov.in/ जहाँ आप दार्जिलिंग के और अधिक जानकारी ले सकते हैं |

शिमला Shimla, Himachal Pradesh : best time to visit shimla manali for snowfall

यदि आप सर्दियों में घुमने का प्लान कर चुके हैं तो भारत की सबसे प्रसिद्ध हिल स्टेशन शिमला के बारे में आप ज़रूर सुने होंगे शिमला एक लोकप्रिय हिल स्टेशन हैं और यहाँ पर snowfall का मजा ले सकता है बर्फ़बारी में लोग शिमला के स्नो फॉल का मजा खूब लेते हैं साथ ही यहाँ कई स्थान हैं जहा आप साईट visit कर सकते हैं  जिसमे से चाडविक फॉल्स,कुलुमनाली जाखू मंदिर, लेक जैसे स्थान प्रसिद्ध हैं वैसे तो आप केवल यहाँ की खुबसूरत वादियों को देख के ही खुश हो जायेगे | उसके साथ ही आप यहां ट्रेकिंग, हाइकिंग और पैराग्लाइडिंग भी कर सकते हैं। शिमला में सबसे अच्छा समय दिसम्बर से फ़रवरी तक का होता है best season to visit shimla  तो आप इन सीजन में शिमला का शैर कर सकते हैं

उतराखंड की रानी खेत Rani khet uttarakhand

बात जब हिल स्टेशन की हो रही है तो उसमे उतराखंड की रानी खेत भी खुबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है इस जगह पर आप मंदिर झील एवं प्रसिद्ध स्थान साथ ही ट्रेकिंग हाइकिंग और पैराग्लाइडिंग भी कर सकते हैं।

  • रानी झील
  • गोल्फ ग्राउंड
  • भालू बांध
  • झुला मंदिर

पंचमढ़ी की सैर Panchmadhi Hill station 

खूबसूरत हिल स्टेशन में से एक मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में स्थित पंचमढ़ी एक खुबसूरत हिल स्टेशन है वैसे तो पर्यटक सालो भर आते रहते हैं परन्तु नई साल में लोग इस स्थान पर काफी संख्या में आते हैं खुबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य,जलप्रपात एवं वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है आइये जानते हैं कुछ और पर्यटन स्थल के बारे में

  • मधुमखी झरना
  • पंचमढ़ी हिल्स स्टेशन
  • हांड़ी खोह
  • पंचमढ़ी झील
  • पांच पांडव गुफावों

मसूरी की सैर – Mussoorie Tour

यदि पहाड़ों की रानी और भारत का स्विट्जरलैंड कहने वाले उतराखंड की धरती पर स्थित मसूरी अपने खुबसूरत पहाड़ हरी भरी घाटियाँ और आसपास के अनेक धार्मिक स्थलों की सैर के लिए प्रसिद्ध जगह है यदि आप ट्रेकिंग, हाइकिंग और पैराग्लाइडिंग जैसी एडवेंचर गतिविधियां के शौक रखते हैं तो आप मसूरी की सैर कर सकते हैं मसूरी में घुमने की कुछ बेहतरीन  जगह के नाम जिसे भी आप जान सकते हैं

  • मसूरी लेक
  • दलाई हिल्स
  • झिरीपानी फॉल
  • कंपनी गार्डन

Munnar, Kerala:

दक्षिण भारत  के पश्चिमी घाट में स्थित मुन्नार भारत के  खूबसूरत हिल स्टेशन  में  से एक है अपने प्राकृतिक  सौन्नेदर्य  और बड़े भू भाग में फैले चाय  के हरी-भरी बागन और वहां की  मनमोहक घाटियों और पहाड़ों में ढके बादल पर्हैयटकों को अपनी और खूब लुभाता है । मुनार एक ऐसा tourist places  है  जो एकदम शांत व्औ वातावरण और मनमोहक प्राकृतिक दृश्य काफी मन को सुकून देता हैं ऐसे में मुन्नार एक अच्छा खुबसुरत पर्यटन है घुमने के लिए उसके साथ मुन्नार में  एराविकुलम नेशनल पार्क की सैर कर सकते हैं,

Ooty, Tamil Nadu 

तमिलनाडु  भारत के उन चुनिन्दा स्थान में से एक है जहा भारत के लम्बे इतिहास मंदिरों, त्योहारों और कला के उत्सव के लिए  प्रसिद्ध है।  तमिल नाडू के ooty जिसे उधगमंडलम के नाम से भी जानते है | तमिलनाडु के प्रसिद्ध पहाड़ी इलाके जैसे निलगिरी पहाड़ जो की वहां की हिल स्टेशन है | प्रतिवर्ष  लाखों पर्यटक ooty घुमने के लिए आते है ,  यह अपने खूबसूरत बगीचों, सुंदर परिदृश्यों और नीलगिरी माउंटेन रेलवे, जो कि यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है, के लिए जाना जाता है। आगंतुक बॉटनिकल गार्डन का पता लगा सकते हैं, ऊटी झील में नाव की सवारी कर सकते हैं या आसपास की पहाड़ियों के लुभावने दृश्य का आनंद ले सकते हैं।  अगर बात करें ऊटी में घूमने की जगह  ooty me ghumne ki jagah एमराल्ड झील,ऊटी झील,हिरण पार्क,डोड्डाबेट्टा पीक,कलहट्टी झरने जैसे मुख्य जगह जहां आप जा सकते हैं  और अधिक OOTY TOURISTM  से जुडी जानकारी के लिए तमिलनाडु पर्यटन की आधिकरिक  वेबसाइट https://www.tamilnadutourism.tn.gov.in/  जा सकते हैं |

Gangtok, Sikkim

पूर्वी हिमालय में बसा गंगटोक सिक्किम की राजधानी और एक मनमोहक हिल स्टेशन है। भाआप यहाँ से तशी से व्रयू पॉइंट को भी देखने जा सकते हैं साथ ही त के बेहद सबसे उचे स्थान में स्थित एक ऐसा हिल स्टेशन जिसे पूर्वी भारत का हिमालय कहा जाता है जी हाँ बात कर रहे गंगटोक की राजधानी सिक्किम की जो एक खुबसूरत पर्यटन स्थल है गंगटोक आने पर वेदेशो की तरह फिल होता है यहाँ की पारंपरिक स्वादिस्ट वय्जन ह्स्त्शिप के सामान आपको इस हिल स्टेशन में मिल जाती है साथ ही सुरम्य त्सोमो झील के बारे में भी जान सकते हैं

इसे भी पढ़े –ओडिशा में घुमने की जगह  Odisha me Ghumne ki Jagah

इस तरह दोस्तों आज के इस लेख में आपलोगों को भारत के 05 हिल स्टेशन के बारे में बताने का प्रयास किया आशा करता हूँ की इस पोस्ट से आप लोगों को कुछ idea लगा हो की इस नए वर्ष आप हिल स्टेशन का चुनाव कर सकते हैं और अपने परिवार के साथ  घूम सकते हैं |

 

Muri Junction || Hindalco Plant मुरी क्यों प्रसिद्ध है

Muri Junction || Hindalco Plant मुरी क्यों प्रसिद्ध है

झारखंड  की राजधानी रांची से महज 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित muri Junction मुरी जंक्शन जो भारतीय रेलवे के दक्षिण पूर्व रेलवे का क्षेत्र है और या रांची डिवीजन पर आता है आज इस  लेख में हम मुरी जंक्शन  Muri Junction से लेकर मोरी क्यों प्रसिद्ध है और इस जगह हिंडालको प्लांट में किस चीज का निर्माण किया जाता है आज के इस लेख के  माध्यम से आज आपको अवगत  कराएँगे  तो बात करते हैं मुरी के बारे में

Muri (मुरी )

रांची पूर्व मार्ग पर स्थित सिल्ली के  नजदीक में मुरी एक रेलवे जंक्शन का नाम है और muri हिंडाल्को के लिए भी प्रसिद्ध है इस जगह हिंडालको कंपनी का प्लांट लगाया गया है और यहां पर अल्युमिनियम का उत्पादन किया जाता है जो भी बॉक्साइट लोहरदगा गुमला जिले से होकर आती है वह इस हिंडालको प्लांट में रिफाइंड किया जाता

है और उसे अल्मुनियम प्राप्त किया जाता है  मुरी एक यह औद्योगिक नगरी के क्षेत्र में आता है इसलिए यहाँ पर रोजगार की संभावनाए अधिक होती है muri से  तीनों रूट पर गाड़ी मिल जाती है यदि बात करें मुरी का तो भारत के उन रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है जिनमें से कोलकाता नई दिल्ली रेणुकूट धनबाद सूरत गुवाहाटी पटना कानपुर जम्मू तवी जैसे जंक्शन से जुड़े हुए हैं

Muri से स्वर्णरेखा नदी गुजरती है

किसी भी पावर प्लांट को स्थापित करने के लिए सबसे बड़ा जलाशय की जरूरत पड़ती है जिसमें से किसी बड़े नदी के ऊपर या तो दम बनाया जाता है या फिर झील बनाया जाता है उसे डैम के पानी से उसे प्लांट का पवन पानी का सप्लाई किया जाता है इसी तरह बात करें यदि muri की तो मुरी स्वर्णरेखा नदी के तट पर बसा हुआ है, जो की टाटानगर से होते हुए बंगाल को जाती है और चांडिल डैम का निर्माण करती है

Muri में Hindalco Plant se Aluminum उत्पादन होता है

मुरी शहर को फेमस होने की एक और मुख्य कारण है कि यह 70 सालों से यहां पर हिंडालको पावर प्लांट जिसमें की अल्युमिनियम का उत्पादन होता है जिस कारण इस जगह भारत के अन्य जगहों से जुड़ाव किया हुआ है और भारत के विभिन्न हिस्सों में एल्युमिनियम का सप्लाई किया जाता है इस तरह से मुरई में हिंडालको प्लांट की वजह से मुरी अपने आप में प्रसिद्ध है और यह औद्योगिक नगरी के क्षेत्र में गिनी जाती है

Muri Junction Jharkhand

मुरी जंक्शन से कई एक्सप्रेस ट्रेन एवं पैसंजर ट्रेन यहाँ से गुजरती है  और यहाँ पर लगभग सभी ट्रेनों का ठहराव होता  है  और यह तीन रुटो से जुड़ा हुआ है जैसे रांची-मुरी मार्ग ,मुरी टाटा howrha ,muri  पटना इस तरह देश के कई शहर के स्टेशनों से muri जंक्शन जुड़ा हुआ है जैसे कोलकाता नई दिल्ली रेणुकूट धनबाद सूरत गुवाहाटी पटना कानपुर जम्मू तवी जैसे शामिल है

ओडिशा में घुमने के जगह के नाम | Odisha Tourism Places 2023

ओडिशा Odisha में घुमने के जगह के नाम | Odisha Tourism Places

ओडिशा में घुमने के जगह के नाम |Odisha Tourism Places 2023

उड़ीसा पर्यटन स्थल: उड़ीसा भारत का एक सुंदर राज्य है जो अपने आकर्षक समुद्री तटों, सुंदर मंदिरों और सुंदर पर्यटन स्थलों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। उड़ीसा में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं जगन्नाथ पुरी मंदिर और कोणार्क का सूर्य मंदिर। ओडिशा धान की खेती, मनोरम स्थानों और ऐतिहासिक स्मारकों के लिए भी प्रसिद्ध है। उड़ीसा राज्य के नृत्य की तारीफ करने के लिए बहुत कम शब्द हैं। ओडिशा की कला, संस्कृति, उत्सव और संगीत अपनी अलग पहचान बनाते हैं। ओडिशा में बहुत से लोग खूबसूरत दृश्यों का आनंद लेने के लिए आते हैं। अगर आप उड़ीसा के बारे में अधिक जानना चाहते हैं

Odisha Tourist Place

मंगला जोड़ी: छिलका झील के पुत्री छोर पर स्थित इस गांव में हजारों सुंदर प्रवासी पक्षी रहते हैं। यह स्थान अंतरराष्ट्रीय पक्षी संरक्षण के लिए चुना गया है। यहाँ आप भी वोटिंग कर सकते हैं।

उदयगिरी और खंडगिरी की गुफाएं : भुवनेश्वर से चार किलोमीटर दूर हैं। उदयगिरी और खाता गिरी उपाय, जो जैन धर्म के सबसे पहले पांव में से एक है उदयगिरी का मतलब है सूर्योदय की पहाड़ियां और खाँदा गिरी टूटी हुई पहाड़ियाँ धर्म, कला और वास्तुकला में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं उदयगिरी में 18 और खाँदागिरी में 15 गुफाएं हैं; रानी गुफा सबसे महत्वपूर्ण है।

भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान : में प्यार उड़ीसा के सबसे अच्छे पशु हैं। यहाँ पूर्व में कनिका क्षेत्र के शासकों ने पशुओं को मार डाला था, और यहाँ ब्राह्मण और बेहतर रानी नदियां देश का दूसरा सबसे बड़ा डेल्टा क्षेत्र बनाती हैं। यहाँ रंग-बिरंगी प्रवासी पक्षी या समुद्री कछुए, शांत वातावरण और सुंदर हरियाली कुछ विशेषताएं हैं, लेकिन याद रखें कि यहाँ मगरमच्छ भी हैं।

भुवनेश्वर के ट्राइबल म्यूजियम : में आप यहाँ के आदिवासियों की जिंदगी को करीब से देख सकते हैं। इस म्यूजियम में गाइड की सेवा भी है, जो आपको आदिवासियों के रहन सहन के बारे में बताएगा. यहाँ पर ऑडियो और वीडियो शो भी होते हैं। यहाँ की अधिकांश सेवाएं मुफ्त हैं।

धौलीगिरी की पहाड़ियां: दया नदी के किनारे पर स्थित धौलीगिरी की पहाड़ियां एक महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थस्थल हैं. डोली की पहाड़ियां धान के खेतों से घिरी हैं और कलिंगा के युद्ध के लिए भी जानी जाती हैं, जिसने अशोका को विनम्र बना दिया था. आपको यहाँ एक शांत बुद्ध की प्रतिमा और एक प्राचीन शिव मंदिर देखना चाहिए।

सिम्पली पर राष्ट्रीय उद्यान, ओडिशा के मयूरभंज जिले में है. 90 से अधिक बंगाली शेर और 400 से अधिक हाथियों का घर है। यहाँ आप जंगली चौसिंगा और सांड भी देख सकते हैं। यूनेस्को ने इस उद्यान को अंतर्राष्ट्रीय बायोस्फीयर रिज़र्व घोषित किया है। आप इस उद्यान में बागी का बाल झड़ना भी देखेंगे।

चिलिका झील—मंगला जोड़ी के पास—पिकनिक मनाने के लिए एक अच्छा स्थान है। चिलिका झील दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी तटीय झील है. यहाँ आप राजनाथ सिंह किंगफिशर पेलिकन और डॉल्फिन के दृश्यों को देख सकते हैं, और शांत वातावरण आपको किसी भी देश में ले जाएगा।

नंदन कान्हा का चिड़ियाघर : भुवनेश्वर से 20 किलोमीटर दूर है और बच्चों और बड़ों के लिए मनोरंजन का एक अच्छा स्थान है। यहाँ आप सिर्फ सफेद शेर, मगरमच्छ, अजगर और बब्बर शेर देख सकते हैं।

क्या आप जानते हैं कि ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है? पुरी के मंदिर और भुवनेश्वर भी ओडिशा के अपने कई मंदिरों से बहुत प्रसिद्ध हैं। यहाँ के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में कोणार्क सन टेम्पल और भुवनेश्वर का लिंगराज मंदिर शामिल हैं, लेकिन जगन्नाथ मंदिर चार धामों में से एक है।

Puri Beach भारत में सबसे प्रसिद्ध समुद्री तटों में से एक है। इस तट को बंगाल खाड़ी की दहाड़ लगाती हुई लहरें और नरम रेत से अलग किया जा सकता है। यहाँ समुद्र में डुबकी लगाने वाले श्री सुदर्शन पटनायक की रेत पर आश्चर्यजनक कला का जादू देखने के लिए जगन्नाथपुरी जाने वाले पर्यटकों की भारी भीड़ आती है।

Odisha की सबसे best places| odisha paryatan sthal

ओडिशा राज्य की सबसे प्राचीन कला और मूर्तिकला कोणार्क उड़ीसा के सबसे प्राचीन मंदिर में से एक भारत के सात अजूबों में से कोणार्क सूर्य मंदिर अपने नाकाशी के लिए जानी जाती है और ये बहुत ही प्राचीन है साल भर यहाँ पर सैलानियों का भीड़ रहता है इसके अलावा पुरी के जगन्नाथ मंदिर पूरी के समुद्र के बीच यहाँ के आकर्षण का केंद्र है जो उड़ीसा की सबसे बेस्ट प्लेस में से एक मानी जाती है

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