इन 05 मंदिरों में कोई भी पुरुष नही जा सकता है || 05 Prohibited from visiting temples

इन 05 मंदिरों में कोई भी पुरुष नही जा सकता है || 05 Prohibited from visiting temples

Hindu Temple in India :- हिंदू धर्म के अनुसार मंदिर हिंदुओं का एक धार्मिक स्थल होता है लेकीन कुछ मंदिरों में 05 Prohibited from visiting temples आंखिर क्यों इन मंदिरों में नही जा सकते पुरुष नही जा सकते आज के  इस लेख में चलिए जानते हैं मंदिर एक पवित्र स्थल होता है और आध्यात्मिक पूजा पाठ संग्रह के रूप में समझ में पंडितों के द्वारा किया जाता है अगर कहें तो भगवानों या देवी देवताओं के स्वरूप से जुड़ा होता है और जिनकी पूजा की जाती है आराधना की जाती हैWhy are men prohibited from visiting temples

मंदिर वह स्थान होता है जहां पर हिंदू धर्म का सबसे पवित्र स्थल के रूप में पूजा किया जाता है उसे स्थान में देवी मूर्ति प्रतिमा को समर्पित होता है जिसके अंतर्गत मंदिर की पुजारी या पुजारी उनके पूजा पाठ करते हैं

और हिंदू समाज के लोग मंदिर पर जाकर धार्मिक  पूजा पाठ करते हैं हेलो दोस्तों मेरा नाम सुजीत हो आज के इस लेख में आपको बताने वाले हैं कि भारत में ऐसे मंदिर है जहां पर पुरुषों को जाना वर्जित है, आज इसी विषय पर बात करते-करते आपको बताते हैं कि भारत में ऐसे पांच मंदिर है जहां पर कुछ कंडीशन में पुरुषों को वहां जाना वर्जित है तो चलिए इसलिए के माध्यम से जानते हैं कौन से वह मंदिर है जहां पर पुरुष नहीं जा सकते हैं

इन 05 मंदिरों में कोई भी पुरुष नही जा सकता है || 05 Prohibited from visiting temples

भारत के इन मंदिरों पर नही जा सकता है कोई भी पुरुष

  • कन्याकुमारी मंदिर
  • असम के कामख्या मंदिर
  • आट्टुकाल भगवती मंदिर
  • संतोषी माता मंदिर
  • ब्रह्मा मंदिर पुष्कर (राजस्थान )

कन्याकुमारी के देवी कुमारी अम्मन मंदिर | 05 Prohibited from visiting temples

भारत का दक्षिण में स्थित तमिलनाडु में ऐसा मंदिर है जहां पर पुरुष नहीं जा सकते मान्यता यह है कि माता पार्वती ने शिव जी को अपने पति के रूप में पाने  के लिए  तपस्या की थी और इस मंदिर में केवल महिलाएं ही जा सकती है तमिलनाडु राज्य के कन्याकुमारी में स्थित कुमारी अमन मंदिर जहां पर माता पार्वती ने शिव जी को पाने के लिए तपस्या किए थे इस मंदिर पर भगवती कन्या की पूजा की जाती है भारत का दक्षिण में स्थित तमिलनाडु में ऐसा मंदिर है

जहां पर पुरुष नहीं जा सकते मान्यता यह है कि माता पार्वती ने शिव जी को अपने पति के रूप में पानी के लिए और तपस्या की थी हमारी अमन मंदिर जो देवी कन्या को समर्पित है तमिल में इसे मांडेकड्यू मंदिर , भगवती अमन मंदिर या कन्याकुमारी के नाम से जानते हैं मान्यता यह है कि 51 शक्तिपीठों में से माता सती के रीड की हड्डी इसी स्थान पर गिरी थी जिस वजह से माता सती या कन्या के रूप में इस जगह का पूजा भी किया जाता है

और इस मंदिर temple  में केवल महिलाएं ही जा सकती है तमिलनाडु राज्य के कन्याकुमारी में स्थित कुमारी अमन मंदिर जहां पर माता पार्वती ने शिव जी को पाने के लिए तपस्या किए थे इस मंदिर पर भगवती कन्या की पूजा की जाती है

असम के कामख्या मंदिर

भारत के शक्ति रुपी शक्तिपीठ में से एक माता कामाख्या का मंदिर जो कि असम में है इस मंदिर पर पुरुष कुछ साल भर में निश्चित समय के लिए ही पुरुष वहां पर जा सकते है असम की राजधानी दिसपुर से 08 किलोमीटर में स्थित माँ कामख्या मंदिर है  क्या कारण है Why are men prohibited from visiting templesजो इस मंदिर पर भी बस कुछ निश्चित समय के लिए ही पुरुष मंदिर में आ सकते हैं |

आट्टुकाल भगवती मंदिर

भारतीय केरल में स्थित आट्टुकाल भगवती मंदिर जहां पर सिर्फ महिलाएं ही जा सकती है वर्ष 2017 में जब पोंगल की वक्त देवी की भोग लगाने की बात थी तब उसे समय महिलाओं में हिस्सा लिया था इस मंदिर में एक साथ लगभग 35 लाख महिलाएं आए थे जिससे उनका गिनीज बुक ऑल रिकॉर्ड में भी दर्ज था आपको बता दे कि इस मंदिर पर पुरुषों का आना वर्जित है इसमें केवल महिलाएं ही अंदर आ सकती है इस मंदिर पर विशेष रूप से माता भद्राकाली देवी की पूजा की जाती है ऐसा माना जाता है कि भद्रकाली माता पोंगल के दौरान इस दिन इस मंदिर पर निवास करती है

ब्रह्मा मंदिर पुष्कर

पुष्कर जहां पर ब्रह्मा मंदिर स्थित है कहा जाता है कि पूरे भारत में ब्रह्मा जी का मंदिर सिर्फ यहीं पर स्थित है इस मंदिर पर शादीशुदा व्यक्ति आ सकते हैं  परंतु पुरुष आंगन से ही हाथ जोड़कर प्रार्थना कर लेता है और उनकी पत्नी अंदर जा पाती है इसके पीछे कहानी यह है की माता सरस्वती के  एक श्राप की वजह से इस मंदिर पर कोई पुरुष अंदर प्रवेश नहीं कर सकता है अगर कोई वैवाहिक दंपति अन्दर जाता है तो उसके वैवाहिक जीवन में समस्या आ सकता है इसी वजह से मंदिर प्रांगन से ही पुरुष दर्शन कर लेते हैं  इस  मंदिर का निर्माण कल 14वीं शताब्दी में हुआ था और यह राजस्थान के पुष्कर में स्थित है

संतोषी माता मंदिर|05 Prohibited from visiting temples

राजस्थान के जोधपुर में माता संतोषी के मंदिर जहां पर पुरुषों को शुक्रवार के दिन जाना प्रतिबंध है बाकी दिनों में जा सकते हैं कहा जाता है की माता संतोषी शुक्रवार का दिन होता है इस वजह से उसे दिन महिलाएं जो है व्रत रखती है उपवास रखती है और उसे दिन महिलाएं केवल उसे मंदिर के अंदर प्रवेश कर सकते हैं पुरुष बाहर से ही दर्शन कर सकते हैं और इस वजह से शुक्रवार के दिन पुरुष को अंदर जाना वर्जित है

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1.क्या कोई ऐसा मंदिर है जहां पुरुषों का प्रवेश वर्जित है?  उतर -असम के कामख्या मंदिर जहाँ पुरुष नही जा सकते

2.देवी कन्याकुमारी मंदिर में पुरुषों की अनुमति क्यों नहीं है?

Puri me ghumne ki jagah 05 प्रसिद्ध पुरी में घुमने के जगह

Puri me ghumne ki jagah

भारत में सबसे प्रसिद्ध समुद्री तटों में से एक और साफ सुथरा  वाले  पूरी Odisha Tourist Place है यदि आप भी अपने परिवार या  व्यक्तिगत पूरी घुमने का योजना बना रहे हैं तो आज के इस लेख में दी गई पूरी में घुमने के जगह (Puri me ghumne ki jagah)  के बारे में जानेंगे  |  बंगाल खाड़ी से  लगती हुवे ओडिशा के पूरी तट  तक  एक परिवारक समुद्री पर्यटन बिच है जहाँ हर साल लाखों पर्यटक पूरी घुमने आते हैं । पुरी धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास के साथ साथ यह  एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थस्थल है, जहाँ हर साल लाखों पर्यटक आते  हैं। पुरी का जगन्नाथ  मंदिर   प्रमुख आकर्षण का केंद्र  है, और यह भगवान जगन्नाथ, बालभद्र, और सुभद्रा को समर्पित है

पूरी में घुमने 05 प्रसिद्ध  जगह Puri me ghumne ki jagah

  1. पूरी के जगन्नाथ  मंदिर
  2. पूरी के चिल्का झील
  3. पूरी के कोणार्क मंदिर
  4. पूरी के स्वर्ग द्वार बीच
  5. लोकनाथ मंदिर

पुरी के प्रमुख पर्यटन स्थल Puri me ghumne ki jagah

  • पूरी के जगन्नाथ  मंदिर : भारत के  ओडिशा राज्य में स्थित पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर विश्व के सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यहाँ का सबसे सुंदर मंदिर हिन्दू धर्म के तीन प्रमुख देवताओं, भगवान जगन्नाथ, भगवान बालभद्र और भगवान सुभद्रा को समर्पित है। भारतीय सांस्कृतिक धरोहर जगन्नाथ मंदिर का विशाल इतिहास और महत्व है। 12 सदी में जगन्नाथ मंदिर का निर्माण एक विशिष्ट शैली में हुआ था। मंदिर में तीन प्रमुख शिखर हैं: “रत्न-मुखी”, “स्वर्ण-मुखी” और “नील-मुखी”. इन चारों दिशाओं में सूर्य को एक ही समय में देखा जा सकता है।
  • पूरी के चिल्का झील  : चिल्का झील, जो ओडिशा राज्य में पुरी के पास है और Puri me ghumne ki jagah में यह भी एक प्रसिद्ध  पर्यटन हैं , एक प्राकृतिक खूबसूरती का रहस्य है। पुरी शहर के पास झील है, जो बायीकांणा खाड़ी के किनारे है। भारतीय सबलंबिन प्राणियों के लिए चिलका झील एक महत्वपूर्ण स्थान है, जिसका प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवन संरक्षित है। 1,100 वर्ग किलोमीटर की चिल्का झील भारत की सबसे बड़ी अंडमान सागरीय झील है। झील के पास मंगलजोड़ वन्यजीव अभयारण्य प्रसिद्ध है अपने प्रिय पक्षियों, जैसे पिंक फ्लैमिंगो, सेरी और क्रेन और डॉल्फिन्स के लिए। इसके अलावा, समुद्री झील में पाए जाने वाले इस्पात और चिंगाड़, जो मांसाहारी मछले हैं
  • पूरी के कोणार्क मंदिर :यदि आप पुरी आ चुके हैं तो  कोणार्क का प्रसिद्ध सूर्य मंदिर अवश्य देखें। पुरी से 35  किमी की दूरी पर है। टैक्सी या बस से आसानी से पहुंच सकते हैं। कोणार्क का सूर्य देव मंदिर सैंकड़ों वर्ष पुराना है। गंग वंश के राजा नरसिंह देव प्रथम ने मंदिर बनाया था। मंदिर बहुत लोकप्रिय है और यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में डाला है। सूर्य मंदिर को Black Pagoda भी कहते हैं। यह मंदिर बहुत से रहस्य छुपाए हुए है। कहा जाता है कि पहले मंदिर के शीर्ष पर एक बड़ा चुंबक लगा हुआ था। जिससे चुंबकीय क्षेत्र बन गया।
  • पूरी के स्वर्ग द्वार बीच : स्वर्गद्वार बीच, पुरी में समुद्र तट पर Puri me ghumne ki jagah में सबसे अच्छा स्थान है। इसमें आप ऊंट, पैराग्लाइडिंग और नौका विहार का मजा ले सकते हैं। इस दौरान आप खाना पीना, खरीददारी करना और घूमना भी कर सकते हैं। यह पूरी के पूर्वी तट पर स्थित है |
  • लोकनाथ मंदिर : पुरी में लोकनाथ मंदिर भी बहुत लोकप्रिय है, जिसे पूरे भारत से लोग देखने आते हैं। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिसे लोग बहुत श्रद्धा से देखते हैं। मंदिर को मानते हैं कि दर्शन करने से लोगों की बीमारियां और रोग दूर होते हैं। पौराणिक कहानियों में कहा जाता है कि भगवान राम ने कद्दू की मदद से इस मंदिर को बनाया था।

पूरी में घुमने के 10 Puri me ghumne ki jagah  जगह

प्राकृतिक सुंदरता वाले स्थानों से भरपूर है। ओडिशा में घूमने के लिए कुछ महत्वपूर्ण स्थान हैं: जिसमे से समुद्र के बीचों के बारे बात करते हैं

  • चंद्रभागा पूरी बीच :चंद्रभागा समुद्र तट को पूर्वी तट पर सबसे अच्छे बीच में से एक माना जाता है; यह एक प्राचीन, साफ समुद्र तट है जहाँ आप आराम से चल सकते हैं और सूर्योदय और सूर्यास्त का आनंद ले सकते हैं। पुरी से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस समुद्र तट पर लंबे पेड़ों और सुंदर सुनहरी रेत का लंबा विस्तार है, जहां आप बैठकर मौसम का आनंद ले सकते हैं और सुंदर वातावरण का आनंद ले सकते हैं।
  • अस्तरंगा पूरी बीच :पुरी से 60 किलोमीटर की दूरी पर और ओडिशा के कोणार्क से 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, अस्टारंगा बीच के किनारे काफी पेड़ पौधे हैं जिसमे में से चीड का पेड़ बहुत अधिक है लोग यहाँ पिकनिक मानाने आते हैं  यह पुरी के समुद्र तटों में से एक है, जहां सूर्यास्त के समय बादल का नजारा देखने लायक होता है |
  • गोल्डन बीच : पूरी के स्टेशन से 06 किलोमीटर  दूर स्थित गोल्डन बीच एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जो पूरी स्वर्ग द्वार बीच के नजदीक में ही है  आपको उट की सवारी करने का मौका मिल सकता है

    पूरी में घुमने का सबसे भीड़ वाला बीच : स्वर्गद्वार बीच Swargdwar Beach

    स्वर्गद्वार जगन्नाथ मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर, समुद्रतट पुरी में मुख्य मरीन ड्राइव के पास है। हिंदुओं के लिए स्थानीय भाषा में “स्वर्गद्वार”, जिसका स्थानीय अर्थ है “स्वर्गद्वार”, बहुत धार्मिक महत्व रखता है क्योंकि इस स्थान पर समुद्र में डुबकी लगाकर मरने पर स्वर्ग पहुंच सकते हैं। यहाँ भी स्वर्गद्वार श्मशान घाट है। दाह संस्कार करने के बाद, मृतक के रिश्तेदार समुद्र में डुबकी लगाकर स्वर्गद्वार के पास देवताओं से प्रार्थना करते हैं। हालाँकि, इस जगह का सबसे अच्छा पक्ष शांत समुद्र तट है, जो हर समय पर्यटकों से भरा रहता है। समुद्र

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Bharat ki khoj kab or kisne ki thi भारत की खोज कब और क्या थी

Bharat ki khoj kab or kisne ki thi

भारत की खोज कब और किसने की थी

इतिहास के अनुसार पुर्तगाल का एक नाविक 1497 में व्यपार  के उद्देश्य से भारत  की खोज में निकलता है  जिसका नाम  “वास्कोडिगामा “था आज के इस लेख में  1498 में वास्कोडिगामा ने भारत को कैसे खोजा Bharat ki khoj kab or kisne ki thi और वह कौन सा व्यापारी था जिसने भारत खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इस विषय पर चर्चा होते रहती हैऔर सभी को जानने को उत्सुक  होती है हेल्लो दोस्तों आज के इस लेख में आपलोगों को  भारत की खोज कैसे हुई थी BHARAT KA KHOJ KISNE KI थी, के बारे में बताने जा रहे हैं भारत एक सोने की चिड़िया वाला  देश है जहां पर अनेक खनिज संपदा भरे पड़े हैं पश्चिमी देशों को यह मत थीBHARAT KA KHOJ KISNE KI || भारत की खोज कैसे हुई थी

भारत की खोज कब और किसने की थी  |Discovery of Bharat

कि भारत नामक देश  है जो सोने की चिड़िया और वहां अनेक सोना चांदी हैं तो वे बस कहानी में सुनने को मिलता है दरसल उन्होंने भारत के बारे में कुछ पता नहीं था पश्चिम दिशा में दो देश थे पुर्तगाल और स्पेन भौगोलिक खोजो के बारे में सबसे बड़ा रूचि  था क्योंकि पुर्तगाल और स्पेन व्यापार के मामले में सबसे आगे थे और यह व्यापार करने के लिए अलग-अलग देश में जाया करते थे कि भारत की बात होती थी

उस समय भारत आज वाला  भारत नहीं थी बल्कि भारत  जिसमें अफगानिस्तान पाकिस्तान जिसे अनेक देश  शामिल थे जब पुर्तगाली को यह बात पता चला कि भारत नामक देश सोने की चिड़िया है और  वहां  बहुत अधिक सोने चांदी और खनिज सम्पदा भरा पड़ा है तो उनके अन्दर भारत की  खोज का उत्सुकता बढ़ गयी और वहां के एक नाविक को खोजने के लिए वहां के राजा द्वारा भेजा गया तो दोस्तों आज कि इस  आर्टिकल में हम लोग जानेंगे कि BHARAT KA KHOJ KISNE KI थी और कब की थी वह कौन सा व्यापारी था जो समुद्र के रास्ते पर दक्षिणी छोर केरल कालीकट बंदरगह  में आया था

1498 ME BHARAT KA KHOJ KISNE KI और वास्कोडिगामा ने भारत को कैसे खोजा ||  और वह कोंन था

इतिहास का माने  तो भारत का खोज किसने की1498 ME BHARAT KA KHOJ KISNE KI भारत का खोजने का श्रेय पुर्तगाल की एक नाविक जिसका नाम वास्कोडिगामा था जिसने भारत को खोज किया  परंतु इससे पहले भी भारत की खोज के लिए  सन 1492 ईस्वी में स्पेन का एक निवासी जिसका नाम कोलंबस था वह भारत की खोज में निकलता है परंतु वह रास्ता भटक कर  वह अमेरिका को खोज कर लेता हैं  1498 BHARAT KA KHOJ KISNE KI

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ठीक उसके 6 साल बाद भारत की खोज में पुर्तगाल का एक नाविक वास्कोडिगामा  1498 ईस्वी  में अफ्रीका महादीप के तटीय इलाके से होते हवे उत्मासा अंतदीप (Cape of Good Hope) से होते हवे  भारत के केरल  राज्य कालीकट बंदरगाह  में पहुंचकर भारत को खोज लेता है  वास्कोडिगामा एक व्यपारी था जो  समुद्र के रास्ते आने वाले पहले  पुर्तगाली व्यपारी बन जाता है जो एक व्यापार की उद्देश्य से भारत आया था जो मसाले के व्यपार करने  आया था लेकिन वास्कोडिगामा भारत को खोजने वाला पहला व्यक्ति नही था

जिसने भारत को खोज की बल्इकि इससे पहले अरब के आक्रमण कारी  भारत पर पहले से ही प्रवेश कर चुके थे  और अपना आधिपत्य स्थापित करना चाहते थे पश्चिम के देशो को यह पता था की भारत नाम का कोई देश है , लेकिन सवाल फिर ये आता है की जब पता था की भारत नाम का कोई देश है तो पहले इसे क्यों  नही खोजा गया तो आपको बता दे की  स्थल मार्ग के माध्यम से भारत तक आना इतना आसान नही था क्योकि स्थल मार्ग में अरब के देश बीच में आ रहे थे

जिससे आना नामुमकिन था इस वजह से वे देर से भारत की खोज में आये अब बात आती है की फिर इसे कैसे खोजने की  दिलचस्प बढ़ी  पुर्तगाली स्पेन दोनों ने खोजने के लिए अपना आदमी भेजा जिसमे पुर्तगाली नाविक जिसका नाम वास्कोडिगामा था उसने भारत का खोज किया जिसे Discovery of India भी कहा जाता है

BHARAT KI KHOJ KAB OR KYA THI:- वास्कोडिगामा भारत कब आया था

इतिहास का माने तो लोग गूगल में टाइप करते हैं 1498 ME BHARAT KA KHOJ KISNE KI इस संदर्भ में  जब वास्कोडिगामासमुद्र के रास्ते 8 जुलाई 1997 को पुर्तगाल से एक नाविक जिसका नाम वास्कोडिगामा जो भारत की खोज  में निकलता है वह अपने 160 -170 नवीकृत दल के साथ एक जहाज से वह भारत की खोज की तरफ बढ़ता है वह उसी रास्ते का इस्तेमाल करते आगे बढ़ता है जिस रास्ते से बर्थोलोमयीडियाज  अफ्रीका के तटीय इलाकों से होते हुए उतमासा अंतदीप तक आया था वास्कोडिगामा  भी उसी रास्ते से  होकर  अफ्भारीका महादीप के तटीय इलाके से होते हवे भारत  के दक्षिणी क्षेत्र केरल के कालीकट बंदरगाह पर पहुंचता है

भारत की खोज कब और क्या थी| bharat ka khoj kisne ki thi और वास्कोडिगामा भारत क्यों आया था

मुझे पता होना चाहिए कि पश्चिम विश्व से व्यापारी रहे और व्यापार के मामले में सबसे आगे रहे हैं जब पुर्तगाल लिस्ट में मासी को पता चला कि भारत नामक विदेश है जो सोने का चिड़िया है और बहुत ही खनिक संपदा से भारी कौन है बहुत सोने चांदी चौराहा था तो उन देशों को दिलचस्पी इस देश पर पड़े और देश के राजाओं ने यह निश्चय किया कि हर हालत में भारत की खोज करना जरूरी है तब पुर्तगाल के राजा ने एक नाविक जिसको वास्कोडिगामा कहते हैं

एक दल के साथ तैयार किया हो भारत की खोज में भेज दिया वास्कोडिगामा मसाला का व्यापार करने के लिए भारत आया था और यहां से जब जाने लगा तो अपने साथ काली मिर्च लेकर अपने जहाज से ले गया और उसे 60 गुना अधिक लाभ पर बेचा आप पुर्तगालियों का लालच और अधिक पड़ गया और भारत में आने का निश्चय किया और यहां पर आने के उपरांत उन्होंने फैक्ट्री लगाना शुरू किया और उन्होंने ने भारत में व्यपार करना सुरु किया जब बात आती है की सन 1498 BHARAT KA KHOJ KISNE KI

 

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1498 BHARAT KA KHOJ KISNE KI? वास्कोडिगामा ने भारत को खोजा

भारत की खोज की ईस्वी में हेई ?

भारत की खोज 1498 BHARAT KA KHOJ KISNE KI गयी |

वास्कोडिगामा कोन था और भारत कैसे आया था ? वास्कोडिगामा एक पुर्तगाली नाविक था जो अफ्रीका महादीप के रास्ते से भारत तक आया था

Maldives Ghumne ki Jagah | मालदीव घुमने का जगह | Couple Beach Maldives

Maldives Ghumne ki Jagah

Maldives Ghumne ki Jagah मालदीव घुमने का जगह | Couple Beach Maldives

नमस्कार मेरे दोस्तों आज के इस लेख में  “मालदीव में घुमने के जगह के Maldives me Ghumne ki Jagah” के बारे में बताने जा रहे  हैं यदि आप एक कप्पल हैं और Honeymoon का प्लान कर रहे हैं तो ये लेख आपके लिए है आपको पता होगा की मालदीव  दक्षिण एशिया का एक छोटा सा देश है और इसका राजधानी माले है आपको यह भी बता दें कि Maldives  जाने के लिए भारतीय को निशुल्क वीजा लगता है

और यहां पर एक महीने तक रुक सकते हैं और यदि आप एक महीने से ज्यादा रुकते हैं तो आपको इसके लिए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है मालदीव अपने खूबसूरत आइसलैंड और टूरिस्ट प्लेस के लिए प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है कई द्वीप है टापू है और यह हिन्द महासागर में अवस्थित है पर्यटन के दृष्टिकोण से यह एक महंगा पर्यटन है

यहां पर लोग कम आते हैं लेकिन बात करें मालदीव के पर्यटन स्थल के बारे में तो यहां कई  छोटे-छोटे आइसलैंड है जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है तो आज के इस आर्टिकल्स में आपको मालदीव के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते हैं

मालदीव कहां है Where is Maldives

दक्षिण एशिया की एक छोटी सी जगह या देश जो पर्यटन के लिहाज से बहुत ही खूबसूरत और महंगा है हिंद महासागर की गोद में स्थित छोटे-छोटे टापू में का एक खुबसूरत सा आइसलैंड है जहां सफेद रेतीला और नीला समुद्र जहां समुद्री जीव जंतु को नजदीकी आंखों से देख सकते हैं यहां पर कैसे रिजॉर्ट है जो स्टेफन को खूबसूरत बनाते हैं और यहां पर अमीर लोग अक्सर छुट्टियां बिताने जाते हैं कपल्स के लिए एक अच्छा honeymoon spot माना जाता है इसलिए हनीमून के लिए कपल्स इस जगह को सबसे अधिक आते हैं

 Maldives  Ghumne ki Jagah मालदीव के पर्यटन स्थल

Mafusi दीप मालदीव में न जाने कितने दीप हैं जिसमें घूमने फिरने के लिए 100 से 200 के आसपास स्थित है इन्हीं में से महफोसी दीप सबसे प्रसिद्ध में से एक है इस देश में पर्यटकों का का आना-जाना काफी अधिक रहता है इसलिए यह पर्यटकों का पसंदीदा दीप में से एक है

  • मालदीव नाइट फिशिंग

यदि आप मछली मारने के शौकीन हैं नाइट फेसिंग का आनंद ले सकते हैं यह एक मनोरंजन का एक ऐसा साधन है जहां पर मालदे में आपको देखने को मिलता है यह शाम के लगभग 5:30 बजे से शुरू होता है आपको एक लिमिट समय दिया जाता है जिसमें आपको एक नाव में फीस करने के लिए नाम दिया जाता है उसे समय के बाद आपसे वह नाम ले लिया जाता है तब तक आप उसे चुनाव के माध्यम से करने का शौक पूरा कर सकते हैं इस तरह मालदीव नाईट फिशिग  भी Maldives  Ghumne ki Jagah best जगह है |

  • वॉटर विला मालदीव

जी हां दोस्तों मालदा में स्थित वॉटर विला काफी खूबसूरत रिजॉर्ट टाइप का घर जैसन हुआ बनाया हुआ स्थान है जहां आपको निलेश समुद्र के ऊपर में छोटे-छोटे घर जैसे बनाया हुआ है इसमें आप अपना स्विमिंग पूल तेरा की जैसे एक्टिविटी कर सकते हैं यह मानव द्वारा कितनी तरीके से बनाया गया विला है जो काफी महंगा है यदि आपके पास हाई बजट है तो आप इस वॉटर विला का आनंद ले सकते हैं रोमांच  से भरपूर और समुद्र के ऊपर घर जैसा  बनाया हुआ यह वॉटर विला  आपको एक अलग  अनुभव देता है ये मालदीव में सबसे best Maldives  Ghumne ki Jagah है 

मालदीव में स्कूबा डाइविंग करती है सबको अपनी और आकर्षित

जी हां दोस्तों यदि आप मालदीप घूमने आए है और आपने स्कूबा डाइविंग नहीं किया तो आपने क्या किया मालदीव के सबसे प्रसिद्ध और फेमस में से एक स्कुबा डायविंग है जो भी मालदीप घूमने आता है एक बार स्कूबा ड्राइविंग जरूर करता है स्कूबा ड्राइविंग में आपको गोता लगाना होता है जिसमें आपको समुद्र के नीचे जीव जंतु समुद्री जीव जंतु देखने को मिलता है क्योंकि मालदीव का जो क्षेत्र बहुत साफ सुथरा है और नीला दिखाई देता है जिस वजह से यहां की आप साफ-साफ समुंद्री जीव जंतु को देख सकते है

Maldives Tour Package for couples मालदीव पैकेज फॉर कपल

Maldives टूरिस्ट प्लेस होने के बावजूद भी मालदीव कपल्स का फेवरेट रहा है कपल्स का सबसे चॉइस में नंबर वन कहे जाने वाले मालदीव टूर पैकेज फॉर कपल्स के लिए बात करें तो आप अपना टूर पैकेज भारत से ऑनलाइन बुक कर सकते हैं

इसके लिए आपको ऑलमोस्ट 50000 से ₹100000 तक का खर्च आ सकता है जिसमें आप 5 रात और 6 दिन व्यतीत कर सकते हैं हालांकि देखा गया है कि शादीशुदा न्यूली कपल्स का पहला पसंद मालदीव ही होता है क्योंकि मालदीव कपल्स के लिए सबसे बेस्ट टूरिस्ट प्लेस है ज्यादातर कपल्स सी मालदीव जाते हैं इस हिसाब से Maldive package for couple के लिए बेस्ट place है

मालदीव घुमने का जगह Maldives  Ghumne ki Jagah माफुशी द्वीप मालदीव | Best island Mafushi

मालदीव माफुशी द्वीप

कपल  मालदीव जरुर आना चाहते   है परन्तु मालदीव एक मंहगा टूरिज्म होने की वजह से बहुत से लोग इसे skip कर देते हैं  फिर भी यदि आप मालदीव आने का सोच रहे  हैं तो मालदीव में सबसे सस्ता एवं सबसे अच्छा द्वीप आपको माफुशी द्वीप में आना होगा | पर्यटको का सबसे मनपसंद द्वीप माफुशी  द्वीप है यंहा हर तरह के स्पॉट एक्टिविटी आपको देखने को मिल जाता है और आप अपने Budget को भी Maintain  कर सकते हैं इसलिए couples Maldives  Ghumne ki Jagah में सबसे ऊपर की लिस्ट में हम इसे देख सकते है 

Maldives Ghumne ki Jagah मालदीव के 07 प्रसिद्ध पर्यटन स्थल | MALDIVES KE FAMOUS TOURISE PLACES

  • माफुशी आइलैंड
  • मीरू आइलैंड
  • वाटर विला
  • स्कूबा डाइविंग
  • पैराडाइस आइलैंड रिसोर्ट
  • कुरुम्बा मालदीव
  • सन आइलैंड रिसोर्ट

मालदीव कैसे आ सकते हैं Maldives Ghumne ki Jagah

भारत से दो तरीके से मालदीव जा सकते हैं  पानी जहाज और हवाई जहाज  भारत के कई शहर से आप डायरेक्ट मालदीव के लिए हवाई जहाज से सीधे मालदीव आ सकते है आपको पता होगा की मालदीव के लिए कोई वीजा नही लगता है साथ ही आप पानी जहाज से आते हैं तो आपको कुछ दिन तो लग जाते हैं इसलिए ज्यादा तर लोग हवाई जहाज से आते हैं |

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beautiful Waterfall Near Ranchi Jharkhand | nearest waterfall in ranchi

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राज्य के प्राकृतिक सुन्दरता को निखारने में वॉटरफॉल सबसे प्रमुख भूमिका निभाता है हेल्लो  दोस्तों आज के इस लेख में Jharkahnd के रांची के आस पास में मौजूद nearest waterfall in ranchi,  beautiful Waterfall Near Ranchi Jharkhand | How many waterfall in Jharkhand वॉटरफॉल के बारे  बताएँगे | आपको पता है की  हर राज्य के पर्यटन में वंहा के वॉटरफॉल उस राज्य का सबसे खुबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में अपनी भूमिका निभाता है

की प्राकृतिक सुंदरता में से कई सुंदर झरने हैं, जो राज्य की खूबसूरती को और भी बढ़ाते हैं। झारखंड के कुछ प्रमुख झरनों के बारे में निम्नलिखित लेख में विस्तार से चर्चा की जाएगी:

        हुंडरू जलप्रपात (Hundru fall)

  1. हुंडरू झरना:  झारखंड की राजधानी रांची के पास हुंडरू झरना एक प्रमुख झरना है। यह सुबर्णरेखा नदी में स्थित लगभग  98 मीटर (322 फीट) की ऊंचाई से गिरता है। पिकनिक स्पॉट के रूप में यह लोकप्रिय है क्योंकि चारों ओर हरियाली है। हुन्डरु फॉल राजधानी रांची से लगभग 48 किलोमीटर दुरी पर स्थित है | हुन्डरु फॉल जाने के लिए आप बस, ऑटो या  बाइक का इस्तेमाल कर सकते हैं

         जोन्हा जलप्रपात (Jonha falls)

  1. जोन्हा झरना (गौतमधरा के नाम से भी जाना जाता है) :  झारखंड का एक और सुंदर झरना जोन्हा झरना है, जो रांची से लगभग चालीस किलोमीटर दूर है। यहाँ घने जंगलों से घिरा है, जो पर्यटकों को शांत करता है। झरना लगभग 43 मीटर या 141 फीट की ऊंचाई से गिरता है।

         दसम फॉल जलप्रपात (Dasam fall)

  1. दसम  झरना:  रांची से लगभग 74  किलोमीटर की दूरी पर दस्सम झरना है। यह कांची नदी से बनता है, जो होर्शू-शेप्ड झरने के लिए जाना जाता है। यह खूबसूरत झरना लगभग 44 मीटर (144 फीट) की ऊंचाई से गिरता है और इसके दृश्य सुंदर हैं।

         सीता फॉल जलप्रपात (Sita fall)

  1. सीता झरना (Sita Falls):  झारखंड के  सीता झरना है। रांची से 40 किलोमीटर यह राघू  नदी पर राघु पर स्थित है जो स्वर्णरेखा नदी की  एक उपनदी है  चारो ओर  जंगल से घिरा है।  और यह जलप्रपात जोन्हा  वॉटरफॉल के नजदीक में स्थित है साथ ही माता सीता का एक मंदिर भी इस वॉटरफॉल के पास स्थित है |

        पंचघाघ जलप्रपात ( Punch ghagh)

  1. पंचघाघ झरना:  पंचघाघ झरना खुंटी से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है। इसकी पांच धाराएँ एक झरना बनाने के लिए मिलती हैं। यह जलप्रपात पांच नदी का संगम है इसलिए इसे पंचघाघ जलप्रपात भी कहते है |

       लावापनी जलप्रपात (Lawapani fall)

6.लावापनी जलप्रपात : झारखंड के लोहरदगा जिले में पेशरार प्रखंड में स्थित लावापनी जलप्रपात अपने प्रकृति सौदर्य एवं कल कल करती झरना की आवाज के  लिए लावापनी जलप्रपात लोगो को अपनी और हमेशा आकर्षित करती है |

      हिरनी जलप्रपात

7.हिरनी फॉल जलप्रपात :रांची से लगभग 58  किलोमीटर की दुरी में स्थित हिरनी जलप्रपात अपने मनमोहक एवं पिकनिक स्पॉट के लिए प्रसिद्ध हैं और यंहा हर साल नए वर्ष में लोगो का बहुत अधिक भीड़ होता है चारो ओर जंगलो से घिरा हिरनी  जलप्रपात  सबको अपनी और आकर्षित करती है |

लोध फॉल (बुढा घाघ )  झरना (Lodh Waterfall):Highest Waterfall in Jharkhand झारखंड का सबसे ऊँचा जलप्रपात है |

झारखंड के रानी नेतरहाट के हरे-भरे परिदृश्य में बसा लोध झरना प्रकृति की अछूती सुंदरता का सबूत है। यह जलप्रपात Jharkhand के सबसे  ऊँचा है, जो सबको  अपनी ओर आकर्षित करता है  लोध फॉल्स (बुढा घाघ )लगभग 143 मीटर (469 फीट) की ऊंचाई के साथ झारखंड  के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है.  झारखंड के लातेहार जिले में स्थित लोध जलप्रपात एक प्राकृतिक आकर्षण है   बुढा घाघ नदी में स्थित यह नदी आगे जाकर सुगबांध जैसे पर्यटक स्थल का निर्माण करता है |

Waterfall in Jharkhand झारखंड के प्रमुख जलप्रपात

झारखंड राज्य में झरने एकमात्र प्राकृतिक सौंदर्य स्थल हैं। झारखंड में प्रसिद्ध सात nearest waterfall in ranchi जो प्रसिद्ध झरनों  में से एक है जिसका यहाँ उल्लेख है:
  1. हुंडरू  झरना: यह झारखंड की  रांचीसे  ऊँचाई लगभग 98 मीटर (322 फीट) है। यह सुबर्णरेखा नदी पर स्हैथित , जो खुले आसमान में बहती है।
  2. जोन्हा झरना: यह झारखंड की राजधानी रांची के पास में ही है और इसकी ऊँचाई लगभग 43 मीटर (141 फीट) है। यह घने जंगलों में एक प्राकृतिक के गोद में स्थित  स्थान है।
  3. दस्सम झरना: स्थान: झारखंड का तैमारा जंगलों  के मध्य एवं ऊंचाई : लगभग 44 मीटर (144 फीट) रांची से जमशेदपुर जाने वाले रास्ते में पड़ता है |
  4. सिता झरना: झारखंड के  सीता झरना है। रांची से 40 किलोमीटर यह राघू  नदी पर राघु पर स्थित है जो स्वर्णरेखा नदी की  एक उपनदी है  चारो ओर  जंगल से घिरा है।
  5. पंचघाघ वॉटरफॉल  Falls: यह खुंटी झारखंड में है और इसकी ऊँचाई लगभग 10 मीटर (33 फीट) है। यह शांतिपूर्ण वातावरण में पांच धाराओं का एकीकरण है।
  6. लावापनी जलप्रपात  Falls: झारखंड की खुंटी लगभग 55 मीटर (180 फीट) ऊँची है। जुंगल, झारखंड में, एक और प्राकृतिक सौंदर्य है।
  7. राज्रापा झरना: यह हजारीबाग, झारखंड में है, जिसकी ऊँचाई लगभग 10 मीटर (33 फीट) है। राजरप्पा मंदिर के पास है, जो धार्मिक है।

झारखंड के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाने वाले कुछ महत्वपूर्ण स्थानों में से कुछ ये झरने हैं,जो  झारखंड के प्रमुख जलप्रपात पर्यटकों को आकर्षित करता है । कृपया ध्यान दें कि मौसम और स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर इन झरनों की पहुँच और स्थितियाँ बदल सकती हैं, इसलिए यात्रा की योजना बनाते समय उन्हें देखें और स्थानीय नियमों और मार्गदर्शन का पालन करें।

इसे भी पढ़े (भारत के 10 जलप्रपात के नाम )

और जब आप नदी झरने या जलप्रपात में जाने से पहले उसके बारे में अच्छे जानकारी लेकर ही पर्यटन स्थल पर जाये जिससे की आपके यात्रा में किसी प्रकार का कोई दिक्कत न हो और आप एक रोमांचकारी यादगार पल का आनंद ले सके |

beautiful Waterfall Near Ranchi Jharkhand | How many water falls are there in Ranchi Jharkhand

झारखंड का सबसे ऊंचा झरना  लोध फॉल लातेहार झारखंड का सबसे ऊँचा झरना में एक है | झारखंड झरनों का राज्य है

Jharkahnd Tourism  के बारे में और अधिक जानकारी के लिए visit कीजिये  https://tourism.jharkhand.gov.in/और झारखंड के बारे में और बिस्तार से जाने

झारखंड का जलप्रपात सबसे ऊँचा कहाँ है

  • jharkahnd के लातेहार जिला में स्थित बुढा घाघ जलप्रपात झारखंड का सबसे ऊँचा जलप्रपात है जो लगभग 143 मीटर (469 फीट) की ऊंचाई के साथ झारखंड  के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है

Rajgir MeGhumne ki Jagah | बिहार का सबसे लोकप्रिय स्थल राजगीर पर्यटक स्थल

Rajgir Me Ghumne ki Jagah

Rajgir Me Ghumne ki Jagah | बिहार का सबसे लोकप्रिय स्थल राजगीर पर्यटक स्थल

हेल्लो दोस्तों आज इस लेख के माध्यम  से Rajgir Me Ghumne ki Jagah के बारे में बताने जा रहा हूँ  , राजगीर बिहार राज्य में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटन स्थान है। और यह नालंदा जिला में पड़ता है | यह स्थान ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक महत्व रखता है। इसलिए धार्मिक लोग राजगीर जाना पसंद करते हैं राजगीर  बौद्ध और जैन धर्मों के महात्मा बुद्ध और महावीर, जिन्होंने यहाँ अपने उपदेश दिए थे, के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

गृद्धकूट पर्वत, जिसे “प्रेच्छानकूट वन” भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म की शिक्षाओं का स्थान है। Rajgir Tourist Place of Bihar | राजगीर के प्रमुख पर्यटन स्थल बिहार के पर्यटन स्थल में से एक है और यहाँ प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरणीय शांति का आनंद लिया जा सकता है। बौद्धों के लिए भी विश्व शांति स्तूप महत्वपूर्ण है। राजगीर के आसपास पर्यटकों के लिए प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर उद्यान, तालाब और गुफाएं हैं। यह धार्मिक और पर्यटन स्थल है, जो भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ह

राजगीर : बौद्ध और जैन धर्म | राजगीर पर्यटक स्थल राजगीर में घुमने का जगह

Rajgir भारत के बिहार राज्य में एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यह स्थान प्राचीन भारतीय इतिहास से जुड़ा हुआ है और बौद्ध और जैन धर्मों के द्वितीय और चौथे तीर्थंकर के विशेष स्थान माना जाता है। राजगीर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण विवरण निम्नलिखित हैं:

1.ऐतिहासिक महत्व: राजगीर बहुत पुराना है। यह स्थान भगवान महावीर, महान जैन तीर्थंकर चाँद्रप्रभ और बौद्ध धर्म के गुरु गौतम बुद्ध के काल में बहुत महत्वपूर्ण था। भगवान बुद्ध का संग्रहालय भी इसका नाम है।

2.गृद्धकूट पर्वत: राजगीर के पास एक महत्वपूर्ण बौद्ध स्थान है, गृद्धकूट पर्वत। यहाँ भगवान बुद्ध ने अपनी उपदेश दी थी, जिसे “प्रेच्छानकूट वन” भी कहा जाता है।

3.जैन तीर्थंकर के स्थल: राजगीर में महान जैन तीर्थंकर चाँद्रप्रभ का जन्म हुआ था. यहाँ जैन पिलगाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंदिर है।

4.बौद्ध धर्म के संग्रहालय: राजगीर में बौद्ध धर्म के संग्रहालय में दर्शनीय आदिकार्य, चित्रकला, और प्राचीन रिशिकुलों की मूर्तियां हैं।

5.रोपेवे : राजगीर में स्थित यह प्रकृति की सैर का स्थान है, जहां आप रोपवे के साथ पहाड़ों पर्वतीय दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।

7.उद्यान और प्राकृतिक सौंदर्य: राजगीर के आसपास प्राकृतिक सौंदर्य से भरे उद्यान और कई ऐसे धार्मिक स्थल ,ऐतिहासिक जगहे  हैं, जो आपको शांति और स्थिरता का अनुभव कराते हैं राजगीर एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थान है जो भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को महत्वपूर्ण बनाता है। धर्म, ऐतिहासिक स्थान और प्राकृतिक

 राजगीर के प्रमुख पर्यटन स्थल|बिहार का सबसे एतेहासिक स्थल राजगीर पर्यटक स्थल

राजगीर पर्यटक स्थल Rajgir tourist spot के कई बड़े आकर्षण हैं, जिनमें से कुछ सबसे बड़े निम्नलिखित हैं:

  1. गृद्धकूट पर्वत (Gridhakut Peak): इस पर्वत पर महात्मा बुद्ध ने अपनी शिक्षाओं को दी थी, इसलिए यह महत्वपूर्ण है। यहाँ से आप रोपेवे इंडिया का आनंद ले सकते हैं और पर्वतीय क्षेत्र की शानदार दृश्यों का भी आनंद ले सकते हैं।
  2. विश्व शांति स्तूप (World Peace Pagoda): राजगीर में बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह स्तूप पर्यावरण की शांति का प्रतीक है, साथ ही हमारे सभी जीवों के लिए शांति की प्राप्ति का भी।
  3. नालंदा विश्वविद्यालय: राजगीर के पास स्थित नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय शिक्षा का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
  4. जैन मंदिर: राजगीर में चाँद्रप्रभ तीर्थंकर की उपासना के लिए कई जैन मंदिर हैं।
  5. वेणु वन (Venu Van): यह एक प्राकृतिक वन है, जो बौद्ध धर्म के गौतम बुद्ध के भाषणों का स्थान है।
  6. गृद्धकूट विहार (Gridhakut Vihar): यह बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण मोनास्टिक संग्रह है, जो बुद्ध के उपदेशों का मुख्य स्थान था।
  7. पिपपर्वा गुफाएं (Pippala Caves): ये गुफाएं बौद्ध धर्म के महात्मा महावीर के आवास के रूप में महत्वपूर्ण हैं।
  8. सप्तपर्णी गुफाएं (Saptaparni Caves): भगवान बुद्ध के बौद्ध धर्म के संग्रहालय के रूप में महत्वपूर्ण हैं, और आसपास के क्षेत्र पर्यावरणीय सौंदर्य के लिए जाना जाता है।

राजगीर एक ऐतिहासिक, धार्मिक स्थान है जो भारतीय संस्कृति और धर्म से जुड़ा हुआ है। और आज के इस लेख में आप Rajgir tourist places in hindi  के माध्ययम आपलोगों को राजगीर के बारे में रु बरु करा रहा हूँ  राजगीर में कई ऐसे ऐतिहासिक स्थल भी हैं जो पर्यटक को अपने और आकर्षण एवं  देखने के लिए प्रेरित करती है   राजगीर, बिहार में जंगल सफारी बहुत ही दिलचस्प है और आदिवासी संस्कृति से जुड़ा हुआ है। इस सफारी में आप प्राकृतिक सौंदर्य और अद्वितीय वन्यजीवों के करीबी दर्शन कर सकते हैं।

राजगीर में जंगल सफारी करते समय आपको निम्नलिखित प्रमुख बातें देखने को मिल सकती हैं:Rajgir tourist Places in Hindi

  1. राजगीर वाइल्डलाइफ सफारी : यह महत्वपूर्ण और सुरक्षित स्थान है जहां प्रमुख वन्यजीवों की देखभाल की जाती है। यहाँ आप टाइगर, हाथी, चीता, बाघ और अन्य वन्यजीवों के साथ जंगल में सफारी कर सकते हैं।
  2. झाड़ी दार पौधे  अभयारण्य: राजगीर वन्य जीव में आपको झाड़ी दार पेड़ पौधे ज्यादा देखेने को मिलेगा |
  3. सांकेतिक सफारी: आप वन्यजीवों के पास से गुजर सकते हैं और गाइड से वन्यजीवों के संरक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

राजगीर के जंगल सफारी का अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य आपकी यात्रा को यादगार बना सकता है। ताकि आपकी सुरक्षा सुनिश्चित हो, आपको सफारी के लिए प्राधिकृत गाइड के साथ जाना होगा।

(इसे भी पढ़े यदि आप बिहार की पर्यटन के बारे में जानना चाहते हैं ) Bhimbandh Wildlife Sanctuary

राजगीर टूरिस्ट प्लेस की सूची

1। राजगीर दृष्टिकोण: राजगीर में प्रमुख पर्यटन स्थलों की सूची 2। बौद्ध विश्वास: राजगीर में बौद्ध धर्म के प्रमुख स्थानों का अध्ययन ३। राजगीर की उत्पत्ति: इस स्थान की पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व की खोज 4। राजगीर वन सफारी: वनस्पति दर्शन 5। राजगीर का दौरा: 6. भारतीय पर्यटकों के लिए राजगीर की सैर धार्मिक यात्रा: राजगीर के धार्मिक स्थानों का चित्रीकरण सात। बिहार की यात्रा: बिहार राज्य के पर्यटन क्षेत्र 8।

भारत में जैन धर्म: jain तीर्थस्थलों का प्रदर्शन 9। बौद्ध धार्मिक स्थान: 10. बौद्ध संग्रहालयों और स्थानों का अध्ययन राजगीर जैन धर्मशाला: जैन धार्मिक कार्यों के प्रति श्रद्धा के लिए स्थल 11। बिहार का प्राकृतिक आकर्षण: राजगीर के प्राकृतिक स्थानों की चित्रकला 12 राजगीर सफारी मार्गदर्शिका: पूर्ण वन सफारी विवरण 13। राजगीर की महत्वपूर्ण घटनाएँ: स्थान पर हुई प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं का विवरण

राजगीर में घुमने की जगह Rajgir Me Ghumne ki Jagah जिसके नाम :-

जब भी राजगीर की पर्यटन  की बात होती है तो राजगीर में घुमने की जगह सोन भंडार ,राजगीर में घुमने के घोडा का कटोरा ,तापोधार्मा मंदिर,राजगीर का ऐतिहासिक स्थान बिमिबसार जेल,राजगीर का शीशा का ब्रिज ,राजगीर का जरासंध का अखाड़ा,राजगीर का नेचर सफारी ,राजगीर की प्रसिद्ध मंदिर नौलखा मंदिर ,राजगीर का पांडूपोखर जैसे यंहा के प्रमुख पर्यटन के जगह हैं

 

राजगीर में घुमने की जगह में Rajgir Me Ghumne ki Jagah राजगीर पर्यटक स्थल ग्लास ब्रिज | Rajgir tourist places glass bridge पर्यटकों का  आकर्षण का केंद्र बन चूका राजगीर का  ग्लास ब्रिज जिसे राजगीर के नेचर सफारी के जंगलों में बनया गया है यह ग्लास भारत का दूसरा ग्लास ब्रिज है जिसमे एक बार में लगभग 35से 40 व्यक्ति जा सकते हैं  और उचाई 200फिट , लम्बाई 85, और 06 फिट चौड़ा है

Kark Rekha in India कर्क रेखा भारत के इन राज्यों से होकर गुजरता है

Kark Rekha in India

Kark Rekha in India कर्क रेखा भारत के इन राज्यों से होकर गुजरता है

हेल्लो दोस्तों आज के इस लेख कर्क रेखा  Kark Rekha in India के बारे में बताने जा रहे हैं जो की भारत के आठ राज्यों से होकर गुजरती है  जिसे “काल्पनिक रेखा ” भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण भूगोलिक रेखा है जिसका प्रभाव भारत के मौसम और जलवायु पर होता है। यह रेखा भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग को दिखाती है, साथ ही चार ऋतुओं: वसंत, ग्रीष्म ऋतु, बारिश और शरद ऋतु। कर्क रेखा का अक्षांश लगभग 23.5 डिग्री उत्तर है और देश के उत्तरी और दक्षिणी हिमालयों के बीच की कल्पना रेखा को दिखाता है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उस स्थान को बताता है जहाँ सूर्य की किरणें सीधे नीचे

netarhat kark rekha

पड़ती हैं और कैसे यह जलवायु और मौसम पर प्रभाव डालता है। कर्क  रेखा भारत Kark Rekha in India के कई राज्यों से गुजरती है, जैसे गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, दिल्ली, पश्चिमी बंगाल और अन्य। कर्क रेखा इन राज्यों के जलवायु और मौसम पैटर्न पर प्रभाव डालती है। कर्क रेखा के नीचे पड़ने से उत्तरी भारत में वसंत ऋतु की शुरुआत होती है, जब तापमान बढ़ता है और फसलों की खेती होती है। यह रेखा ग्रीष्म ऋतु में गर्म होती है, जिससे उत्तरी भारत में अधिक तापमान और जलवायु

परिवर्तन होते हैं। वर्षा ऋतु में, कर्क रेखा के पास आने से अधिक बारिश होती है, और इस समय उत्तरी भारत में मॉनसून का आगमन होता है। यह रेखा शरद ऋतु में नीचे जाती है, जब तापमान फिर से कम होता है और ठंडा होता है, जिससे मौसम और जलवायु बदलते हैं। कर्क रेखा भारतीय भूगोल (Indian Geography)का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो जलवायु और मौसम को समझने में मदद करती है और खेती, वनस्पति और जीवन के अन्य हिस्सों पर भी प्रभाव डालता है।

कर्क रेखा भारत Kark Rekha in India के आठ राज्यों से गुजरती है। ये राज्यों के नाम हैं:

1.गुजरात 2. राजस्थान 3. मध्य प्रदेश 4. छत्तीसगढ़ 5. झारखंड 6. दिल्ली स्थित विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (NCT) 7. झारखंड 8. वेस्ट बंगाल कर्क रेखा भारत के माध्यम से गुजरने से मौसम और जलवायु पर प्रभाव पड़ता है, जो दिन और रात की लम्बाई, गर्मियों और शीतकाल के बीच की ऋतुओं के आगमन को बताता है। इसका अक्षांश लगभग 23.5 डिग्री उत्तर है, जो भूमि के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से को बताता है और मौसम और जलवायु के परिवर्तनों को समझने में मदद करता है।

कर्क रेखा झारखंड के कितने जिलों से होकर गुजरती है ?

झारखंड में कर्क रेखा पश्चिम से नेतरहाट से प्रवेश करती है और रांची के मानडर से ओरमांझी होते हुवे बंगाल में प्रवेश करती है झारखंड के 05 जिलों के 05 जिलों से होकर गुजरती है कर्क रेखा ……

  1. लातेहार
  2. गुमला
  3. लोहरदगा
  4. रांची
  5. रामगढ

इसे भी पढ़े : लोहरदगा में घुमने लायक पर्यटक स्थल 

Kark Rekha in India

भारत के बीचो बीच  से गुजरने से मौसम और जलवायु पर प्रभाव पड़ता है, जो दिन और रात की लम्बाई, गर्मियों और शीतकाल के बीच की ऋतुओं के आगमन को बताता है। इसका अक्षांश लगभग 23.5 डिग्री उत्तर है, जो भूमि के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से को बताता है और मौसम और जलवायु के परिवर्तनों को समझने में मदद करता है।

कर्क रेखा कितने जिलों से होकर गुजरती है jharkhand

जी हाँ दोस्तों झारखंड के पश्चिम में स्थित लातेहार जिला के प्रखंड महुवातांड में स्थित नेतरहाट के जंगलों से होकर गुजरता है कर्क रेखा झारखंड के गुमला,लातेहार,लोहरदगा,रांची,रामगढ जिलों से होकर गुजरता है |

FAQ-
कर्क रेखा किसे कहते हैं ?

दक्षिणी गोलार्थ में भी एक रेखा होती है जिसे मकर रेखा कहते हैं और मकर रेखा से कर्क रेखा की बीच की दुरी  उष्ण कटिबंधीय कहा जाता है जिसे कर्क रेखा कहते है

कर्क रेखा का मतलब क्या है?

पृथ्वी के पांच रेखावों में से एक जो मानचित्र पर परिलक्षित होती है | और यह पृथ्वी की उतरतं  अक्षांश रेखा है और यह दोपहर के समय सूर्य लम्बवत चमकता है

Jharkhand five famous temple || झारखंड के 05 प्रसिद्ध मंदिर

Jharkhand five famous temple

 Jharkhand five famous temple झारखंड के 05 प्रसिद्ध मंदिर

हिंदू धर्म के अनुसार मंदिर उनके भगवानों का घर होता  है आज इस लेख में झारखंड के 05 प्रसिद्ध मंदिर Jharkhand five famous temple के बारे में बात करने वाले हैं  भारत के झारखंड राज्य  में कई धार्मिक स्थल ऐसे हैं जहां हजार वर्ष पहले से मंदिर यहां पर स्थापित है वैसे तो सभी धर्म का अर्थ यही होता है कि सबका मालिक एक है यानी कि ईश्वर एक है परंतु मानने का जो रीति रिवाज है

jharkhand five famous temple

वह अनेक प्रकार से अलग-अलग है हिंदू रीति रिवाज के अनुसार हिंदू लोग अपने मंदिर पर स्थान में जाकर पूजा अर्चना करते हैं ठीक उसी तरह से मुस्लिम संप्रदाय अपने मस्जिद में नमाज पढ़ते हैं ईसाई लोग अपने चर्च में ईश्वर को प्रार्थना करते हैं अन्य इसी तरह से अपने धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार भगवान को याद करते हैं आज आपको इस लेख के माध्यम से बताने वाले हैं कि झारखंड के 05 प्रसिद्ध मंदिर के बारे में Jharkhand five famous temple  ऐसे मंदिर जो अति प्राचीन और अपने आप में प्रसिद्ध है

1. महामाया मंदिर, हापामूनी (गुमला)

झारखंड का सबसे अधिक प्राचीन एवं शक्ति पीठ मंदिर का रूपरेखा पुराने रूपरेखा की तक पर है आज भी आप मंदिर को देखेंगे तो कच्चा मकान पर ही विराजमान है,

महामाया मंदिर हपामुनी

राजधानी रांची से मार्च 105 किलोमीटर पश्चिम स्थित घाघरा नामक जगह से 3 किलोमीटर उत्तर पश्चिम महामाया मंदिर स्थित है इस मंदिर का निर्माण कल नागवंशी राजा गजघंट ने सन 1908 ईस्वी में करवाया था और इस जगह का नाम हापामुनी के नाम से जानते हैं इस मंदिर पर माता काली का मूर्ति है लोग दूर-दूर से महामाया मंदिर के दर्शन के लिए यहां पर आते हैं क्यों अपने मनोकामना पूर्ण करते हैं

2. छिन्नमस्तीके मंदिर, रजरप्पा (रामगढ़)

माता छिन्नमस्ती के मंदिर रजरप्पा रामगढ़ से लगभग 27 किलोमीटर दामोदर नदियों के संगम पर स्थित है यह एक शक्तिपीठ है और जो लोग सच्चे मन से इस स्थल पर  जाकर मन्नत मांगते हैं उनका मनोकामना अवश्य पूर्ण होता है ऐसा माना जाता है कि जो भी सच्चे मन से अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए आते हैं उनका मनोकामना आवश्यक पूर्ण होता है, इस मंदिर में माता काली का भव्य मूर्ति है जिसमें माता काली का अपने सर को हाथ में लिए हुए अभी खड़ी है इस मंदिर को देखने के लिए झारखंड पश्चिम बंगाल उड़ीसा बिहार जैसे दूधराज से लोग भी यहां पर आते हैं हम अपनी मानव मनोकामना पूर्ण करते हैं

इसे भी पढ़े (माता अंजनी ने इसी जगह जन्म दिए थे हनुमान को )

नोट: झारखंड के गुमला जिले के टोटो गाँव के समीप आंजन धाम प्रसिद्ध है हनुमान जी के जन्म स्थल के लिए झारखंड राज्य में अनेको ऐसे धार्मिक स्थल हैं जिन्हें आपको जानना चाहिए इसके लिए झारखंड पर्यटन की आधिकारिक वेबसाइट https://tourism.jharkhand.gov.in/   से आप jharkahnd के बारे में और अधिक जान सकते हैं |

3.  मां उग्रतारा मंदिर, चंदवा

झारखंड की लातेहार जिला में स्थित माता उग्रतारा मंदिर प्रखंड मुख्यालय से 10 किलोमीटर रांची क्षेत्र मार्ग पर यह हजारों वर्ष पुराना शक्तिपीठ मंदिर जहां लोग झारखंडमाँ उग्रतारा चंदवा ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य के अन्य जिलों से यहां पर दर्शन के लिए आते हैं एवं अपने मनोकामना पूर्ण करके जाते हैं, वैसे इस मंदिर को बोलचाल के भाषा में नगर के नाम से जानते हैं और यह नगर चंदवा के नाम से प्रसिद्ध है

4. देवडी  मंदिर, रांची

रांची जमशेदपुर मार्ग पर स्थित तमाड़ में स्थित देवी मंदिर में 16 भूजी देवी का मंदिर है भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रह चुके महेंद्र सिंह धोनी की पूजा करने केदेवडी मंदिर लिए यहीं पर आया करते थे कहते हैं कि सच्चे मन से यदि यहां पर मनोकामना मांगते हैं तो आपका मनोकामना पूरा हो जाता है इसी वजह से लोग दूर-दूर से जगह आते हैं और अपने श्रद्धा के अनुसार पूजा पाठ करते हैं।

5.मां भद्रकाली मंदिर, चतरा

माता भद्रकाली का मंदिर चतरा जिले के इटखोरी गांव में बादली गांव में स्थित है कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पाल काल में हुआ था जो लगभग पांचवी या 36वीं शताब्दी के आसपास स्थापित किया गया था जब आप इस मंदिर के प्रांगण में आते हैं तो आपको चारों ओर भगवान बुद्ध की मूर्तियां दिखाई देती है और साथ ही इसके चार दिवार के ऊपर लकड़ी का गहरा गड्ढा है जहां पानी रहता है

इसे पढ़े :- बिष्णु के अवतार भगवान परशुराम टांगीनाथ धाम डुमरी गुमला  

 

 

shimla and manali tourist palce | | Shimla Best Places of Himachal Pradesh

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उत्तर भारत में सबसे लोकप्रिय और सभी के मनपसंद  जगह कहे जाने वाले शिमला और मनाली (Shimla and Manali) में बेहतर पर्यटक स्थल कौन सा है इस संदर्भ मेरा कहना है की दोनों  हिमाचल प्रदेश के दो सबसे खूबसूरत जगह हैं इन जगहों पर हर साल लाखों पर्यटक प्रकृति की सुन्दरता को देखने के लिए आते हैं

और यह सबसे पसंदीदा जगह भी है ठंड के दिनों में यहां पर स्नोफॉल  snowfall का मजा लिया जाता है वैसे अगर बात करें कि Shimla और  Manali में बेहतर पर्यटक स्थल कौन सा है तो दोनों अपने-अपने जगह में अपने खास है, आपको बता दे की मनाली जो है वह प्रकृति सुंदर और खेल मनोरंजन के माध्यम से आप इस जगह पर जा सकते हैं आपको इस जगह पर कोई डिस्टर्बिग नहीं होगा क्योंकि यह दिन भर वाले इलाकों से दूर है manali

और कम भीड़भाड़  वाले इलाके होने की वजह से यहां पर cycle ride, Skating  जैसे आप मजा ले सकते हैं परंतु शिमला एक crowd भीड़भाड़  वाले इलाका है और यह हिमाचल प्रदेश की राजधानी है इस वजह से यहां पर भीड़ बहुत अधिक होता है,

मनाली में घूमने का सबसे अच्छा समय Best time to visit Manali

जी हां दोस्तों हिमाचल प्रदेश  Himachal Pradesh के मनाली में घूमने का सबसे अच्छा समय दिसंबर से मार्च तक माना जा सकता है हर साल लाखों की तादाद में सैलानियों अपने परिवार फैमिली के साथ इस जगह आते हैं और काफी अच्छा समय व्यतीत कर एक रोमांचित अनुभव के साथ यहां से जाते हैं तो इस blogs पोस्ट के माध्यम से आज आपको हम बताते हैं कि  मनाली में घूमने का सबसे अच्छा समय क्या होता ह

मनाली में बेहतर पर्यटक स्थल

मनाली में सबसे घुमने का सही समय फरवरी को  माना जाता है जी हां दोस्तों फरवरी के लास्ट महीने में जब आप मालानी घूमने जाते हैं तो आपको बर्फ़बारी  का आनंद देखने को मिलता है, मनाली में प्रकृति सुंदर और मनोरजक खेल के माध्यम से स्केटिंग करने का मौका मिलता है,

शिमला जाने के लिए सबसे बेहतर समय Best Time To Visit Shimla

शिमला {shimla} जाने के लिए सबसे बेहतर कौन सा महीना होता है इस संबंध में आपको मैं बताना चाहूंगा कि यदि आप हिमाचल प्रदेश घूमने जाना चाहते हैं तो उसमें से आप शिमला या मनाली को चूज कर सकते हैं, यदि आप खेल मनोरंजन और प्राकृतिक दृश्य देखना चाहते हैं तो आपको मालानी जाना चाहिए परंतु आपको थोड़ा सा रोमांटिक इतिहास संस्कृत आकर्षण जैसे जगह का रुचि रखते हैं तो आपको शिमला जाना चाहिए स्थिति में आप दो जगह को चुनाव कर सकते हैं और अपने समय को एक अनुभव प्रदान कर सकते हैं

क्या शिमला और मनाली एक ही है

जी हां दोस्तों इस क्वेश्चन से काफी कंफ्यूजन सामने आती है इस स्थिति में आपको बता दे कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला है और शिमला से मनाली की दूरी जो है 270 किलोमीटर है इसलिए शिमला और मनाली की दूरी जो है काफी दूर है इन दोनों में कोई ज्यादा आमना सामना नहीं है काफी दूर होने की वजह से इसमें जमीन आसमान का फर्क है,

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शिमला में बर्फबारी कब होता है  When does it snow in Shimla

जनवरी माह के खत्म होते ही फरवरी के आगमन से शिमला में स्नोफॉल या बराबरी का आनंद लिया जा सकता है उसे समय स्नोफॉल अपने चरण सीमा में होता है और यहां का खूबसूरती और चांद-कर लगा देता है हालांकि उसे समय ठंड बहुत अधिक होता है इसलिए जब भी इस समय यदि आप शिमला आते हैं तो अपने साथ ठंड का पूरे समाज साथ लेकर आए और अपने शानदार समय को शानदार बनाएं

शिमला और मनाली के प्राकृतिक आकर्षण का केंद

व्रत के छात्रों से उड़े हुए एवं उत्तर भारत के सबसे ज्यादा घूमे जाने वाला पर्यटक स्थल शिमला और मनाली है जी हां दोस्तों शिमला और मनाली में प्रकृति के कुछ ऐसे दृश्य हैं जिसे देखने के लिए लोग इस जगह आया करते हैं इसमे में से पैराग्लाइडिंग घाटी स्केटिंग, रोहतांग दर्रा व्यास कुंड जैसे यहां के प्रमुख जगह है

जहां लोग जय पसंद करते हैं आपको बता दें कि पहाड़ी क्षेत्र होने एवं इन जगहों पर चारों ओर चीड़ का वन आपको देखने को मिलता है चीड़ का वन से इन जगहों का सुंदरता में और अधिक चार चांद लग जाती है इसके साथ-साथ यहां पर धार्मिक स्थल भी हैं जैसे जाखू मंदिर, कुफरी, व्यास कुंड जैसे धार्मिक स्थल मौजूद है जहां पर लोग जाते हैं

एडवेंचर के लिए कौन सा बेहतर है मनाली या शिमला

मनाली या शिमला एक ऐसा जगह है जहां पर गर्मी की छुट्टियां हो क्या अन्य मौसम लोग यहां पर आना पसंद करते हैं क्योंकि यहां पर साहसिक खेलों के प्रशंसकों के लिए एक प्रश्न का जगह है इस जगह पर आपको ट्रैकिंग राफ्टिंग कैंपिंग और पर राइटिंग जैसे गतिविधियां आपको देखने को मिलता है खेल प्रेमियों के लिए सबसे अच्छा और सबसे सुरंग का टीका यात्रा कर सकते हैं इस जगह से आपको कुफरी इसकी रिजॉर्ट स्किन और स्नो बोर्डिंग के लिए एक लोकप्रिय स्थान के रूप में भी माना जाता है

कैसे आ सकते हैं शिमला और मनाली shimla or manali

यदि आप भारत के अन्य प्रदेशों से आ रहे हैं तो सबसे पहले आपको भारत की राजधानी नई दिल्ली में आना होगा वहां से आपको बस या ट्रेन या हवाई जहाज के माध्यम से आपको आना होगा यदि आप सड़क मार्ग से आते हैं तो आपको दिल्ली बस स्टैंड से आपको सीधे शिमला के लिए बस मिला जायेगा उसके बाद शिमला से छोटे-छोटे टुकड़ों में जहां भी आपको जाना है

टैक्सी या बस मिल जाएगी उसके उपरांत यदि आप हवाई मार्ग से आते हैं तो आपको कुल्लू मनाली हवाई अड्डा जो कि शहर से लगभग 45 से 50 किलोमीटर दूर है वहां आना होगा और यदि आप रेल मार्ग से आना चाहते हैं तो आपको चंडीगढ़ के रास्ते से होकर आना होगा |

कैंपिंग कर सकते हैं आप शिमला मनाली में

आजकल सोशल मीडिया वीडियो बनाने वाले या यूट्यूब पर को ज्यादातर कैंपिंग करते हैं और भारत के पर्यटक स्थल में जाकर कैंपिंग कर मजा लेते हैं आपको बता दे की शिमला में भी आप कैंपिंग कर अनु को एक्टिविटी कैप्चर कर अपने सोशल मीडिया फैंस को दिखा सकते हैं शिमला और मनाली में से बहुत सी जगह है जहां ऐसे अनेकों एक्टिविटी होती है जैसे रिवर राफ्टिंग स्क्रीन लंबी पैदल यात्रा कैंपिंग पर राइटिंग जैसे एक्टिविटी का आनंद ले और अपने दर्शकों को शेयर करें इस तरह से आप कैंपिंग कर अपना सोशल मीडिया फैंस के साथ अपने एक्सपीरियंस को शेयर कर सकते हैं

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मनाली में कपल्स को कब घूमने जाना चाहिए?

कपल्स को घूमने के लिए सबसे सही समय दिसंबर और जनवरी का होता है

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मनाली में बर्फ कब गिरता है

मनाली में फरवरी के लास्ट महीने से बर्फ का गिरना शुरू हो जाता है

मनाली में बर्फबारी देखने का सबसे अच्छा समय कब होता है

मनाली में बर्फबारी देखने का सबसे अच्छा समय दिसंबर से मार्च तक का होता है

टांगीनाथ मंदिर: रहस्यमयी शिवधाम जहां टंगी है इतिहास की तलवार

टांगीनाथ मंदिर: रहस्यमयी शिवधाम जहां टंगी है इतिहास की तलवार

Jharkhand राज्य के  गुमला जिला में स्थित टांगीनाथ धाम tanginath dham भगवान परशुराम के फारशा के लिए प्रसिद्ध है और यह धाम  डुमरी प्रखंड में स्थित हैं टांगीनाथ  मंदिर का रहस्य क्या है इस संबंध में भगवान परशुराम के बारे में Tanginath धाम में  जानने का उल्लेख मिलता है । परशुराम भगवान विष्णु के 6 वे अवतार माने जाते हैं इसलिए उनकी व्याख्या रामायण, महाभारत भगवत गीता पुराण जैसे धार्मिक ग्रंथ मिलता है झारखंड के गुमला जिला के डुमरी प्रखंड में स्थित Baba Tanginath Dham Gumla Jharkhand प्राचीन काल से मौजूद है और भगवन परशुराम के लिए यह धार्मिक स्थल प्रसिद्ध है |

टांगीनाथ मंदिर: रहस्यमयी शिवधाम जहां टंगी है इतिहास की तलवार
टांगीनाथ मंदिर: रहस्यमयी शिवधाम जहां टंगी है इतिहास की तलवार

टांगीनाथ मंदिर गुमला का कहानी  Tanginath Dham Story के बारे में 

गुमला जिला में डुमरी प्रखंड में स्थित  टांगीनाथ धाम भगवान  परशुराम से जुड़े आनको धार्मिक कथाएं यहां पर मौजूद है पौराणिक कथावों का माने तो भगवान परशुराम जो विष्णु के 06 अवतार थे और उनसे जुड़े  साक्ष्य यहाँ पर मिलते हैं आज भी कई  शिवलिंग यहाँ आपको दिखाई देते हैं  भिन्न-भिन्न कलाकृति और अत्यधिक प्राचीन काल से मौजूद यहां पर शिवलिंग के साथ-साथ अन्य देवी देवताओं का भी मूर्ति आपको देखने को मिलते हैं

जब आप टांगीनाथ धाम के प्रांगण में प्रवेश करते हैं आपको एक अलग सा आभास होता है भगवान परशुराम का फरसा आज भी इस टांगीनाथ के प्रांगण में गड़ा हुआ  टांगीनाथ धाम के चारों ओर पहाड़ी से घिरा हुआ है । भगवान परशुराम ऋषि और साधु होने के साथ-साथ वह एक युद्ध कौशल में महारत हासिल था जिनका प्रमुख हथियार जो था वह कुल्हाड़ी था जिसे स्थानीय भाषा में फरसा या परशु कहा जाता है

टांगीनाथ धाम कहाँ है?और इसका नाम कैसे पड़ा Tanginath Dham history in Hindi

झारखंड के गुमला जिला के डुमरी प्रखंड में स्थित बाबा टांगीनाथ धाम गुमला जिला मुख्यालय से 74 किलोमीटर में स्थित है, भगवान परशुराम के फरसे को स्थानीय भाषा में “टांगी “कहा जाता है और शिव मतलब शिव इसलिए मिलकर टांगीनाथ कहा जाता है

Tanginath Dham क्यों  प्रसिद्ध है  Tanginath dham kyon prasidh hai 

टांगीनाथ धाम का रहस्य के बारे में रहते हैं कि भगवान परशुराम का फरसा जो है हजारों वर्ष यहां पर गड़ा हुआ है और भगवान परशुराम की कहानी के लिए गुमला जिले के डुमरी प्रखंड में स्थित टांगी नाथ बाबा धाम प्रसिद्ध  है |

 टांगीनाथ धाम मंदिर  का रहस्य | Hidden gems in India for solo travelers

टांगीनाथ धाम का रहस्य के बारे में  हैं कि भगवान परशुराम का फरसा जो है हजारों वर्ष यहां पर गड़ा हुआ है परंतु आज तक इस फरसे पर जंग नहीं लगा है यह बहुत ही विचित्र बात है और कहा यह भी जाता है कि यहां पर लोहार संप्रदाय के लोग पूजा पाठ करने नहीं आते हैं क्योंकि इसके पीछे एक बहुत बड़ी कहानी है तुमको पता है कहानी

टांगीनाथ धाम पर लोहार जाति के लोग पूजा पाठ करने क्यों नहीं आते हैं

मान्यता यह है कि टांगीनाथ धाम पर प्राचीन काल में लोहार जाति के कुछ लोग इस फरशो को उखाड़ कर कुछ बनाने के लिए ले जाने का प्रयास कर रहे थे परंतु वह इस फरसे को उखाड़ नहीं पाए और कुछ समय बाद जो इस फरशो को उखाड़ने आए थे उनका मृत्यु आकस्मिक होने लगा जिससे लोग यह मानने लगे कि यह उनके कर्मों की सजा है यह भगवान के प्रांगण में जाकर फरसा को चुराने का पाप किया है उनका यह सजा है इसलिए लोगों का मान्यता यही है कि लोहार जाति इस जगह नहीं जाते है इसी डर से लोहार संप्रदाय के लोग टांगीनाथ धाम पर पूजा पाठ करने नहीं जाते है

टांगीनाथ धाम में शिव मंदिर का निर्माण tourist attractions near me

टांगीनाथ धाम पर झारखंड सरकार और पर्यटन विभाग मिलकर पुराने शिव मंदिर का नवीनीकरण कराया गया और उसे आकर्षक बनाकर भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया वर्तमान में टांगें न थाम के प्रांगण को व्यवस्थित कर सौंदर्यीकरण कर बहुत तरीके से सुव्यवस्थित कर दिया गया है प्रतिदिन लोगों का टांगीनाथ धाम पर आना जाना लगा रहता है खास कर शिव रात्रि के समय यहाँ मेला लगता है और बहुत अधिक भीड़  होता है

टांगीनाथ धाम कैसे पहुँचे (How To Reach Tanginath Dham)

  • हवाई जहाज से
  • बस से
  • ट्रेन से
  • व्यक्तिगत गाड़ी से
  • हवाई जहाज से  राजधानी रांची के बिरसा मुंडा एअरपोर्ट आना होगा उसके बाद आप अपने सुबिधा अनुसार बस,रिक्शा या व्यक्तिगत गाड़ी से गुमला होते डुमरी और फिर tanginath धाम आ सकते हैं
  • बस से आप रांची खाद्गढ़ा बस स्टेड एवं आई टी आई बस स्टेंड रांची के माध्यम से सीधे टांगी नाथ आ सकते हैं
  • टंगी नाथ धाम की कथा  टांगीनाथ धाम का रहस्य  टांगीनाथ धाम  टंगीनाथधाम निकटतम रेलवे स्टेशन, गुमला से टांगीनाथ की दूरी,  बाबा टांगीनाथ धाम की तस्वीरें, टांगीनाथ धाम कहा है डुमरी टांगीनाथ धाम गुमला टांगीनाथ मंदिर बाबा टांगीनाथ
  • गुमला जिले के और अधिक बिस्तृत जानाकरी के लिए आप गुमला के https://gumla.nic.in/tourist-place/tanginath/ को आप visit कर सकते हैं

गुमला के आंजन धाम में हर साल लगती है लाखों सर्धालू की भीड़ इसे भी पढ़े

संसंक्षेप :- इस लेख में आप पढ़े भगवान परशुराम की बारे में जो  विष्णु के 6 वे अवतार माने जाते  हैं गुमला के इस पावन स्थल में लोग इस पुरातातिव्क धरोहर को दूर दूर से देखने के लिए आते हैं इस लेख में भगवान परशुराम के बारे में बतलाया गया है |