Navratangarh Jharkhand : गुमला जिले के सिसई प्रखंड में स्थित navratangarh kila gumla | नवरतनगढ़ किला गुमला झारखंड के बारे में बात करेंगे पुरातात्विक एवं इतिहासकारों का माने तो यह नागवंशी राजा दुर्जन साल के कार्यकाल सन 1636 से 1640 के बीच में निर्माण किया गया था | नौ मंजिला महल का निर्माण कराया था | इतिहासकार का माने तो नागवंशी शासक बैरी साल ने अपनी राजधानी खुखरा गढ़ से स्थानांतरित कर नवरतन को नया राजधानी बनाया था नवरत्न गढ़ जो है पहले चारों और पहाड़ और पेड़ पौधे सेबड़े बड़े पत्थर से घिरा भव्य किला का निर्माण राजा दुर्जन शाल ने करवाया था |
राजा दुर्जन साल में लगभग लंबे समय तक navratangarh पर शासन किया लंबे समय तक राज्य का राजा होने के उपरांत उन्होंने नवरत्न गढ़ में 9 मंजिला इमारत का निर्माण कराया और इस किले का नाम नवरत्न गढ़ रखा गया वर्तमान में 9 रतनगढ़ में जब आप विजिट करने जाते हैं तो आपको आज भी नौरतनगढ़ किला navratangarh kila का खंडहर देखने को मिलता है वर्तमान में यह किला सरकार के हस्तक्षेप में हैं और सरकार के संरक्षण में है देखरेख किया जा रहा है आए दिन पर्यटकों का भीड़ लगा रहता है और लोग दूर-दूर से पुरातात्विक और इतिहास को देखने के लिए आते हैं
नवरतनगढ़ किले का इतिहास हिंदी में Navratangarh kile ka history in hindi
झारखंड के गुमला जिला में स्थित 45वें नागवंशी राजा दुर्जन शाल का कार्यकाल काफी लम्बे समय तक रहा था इतिहासकार के माने तो डोईसागढ़ नगर में सन 1571 में इस किले का निर्माण करवाया था जब आपने रतनगढ़ किला को देखने के लिए यहां आते हैं तो आपको चारों और पत्थरों से घिरा बीच में 09 मंजिला दिखाई देगा क्योंकि उस समय सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस किला का निर्माण कराया गया था
कैसे आ सकते हैं नवरत्न गढ़ किला को देखने के लिए
गुमला रांची मार्ग पर शीशे प्रखंड से 5 किलोमीटर की दूरी पर navratangarh kila gumla स्थित है यह गुमला से 35 किलोमीटर एवं शीशे बसिया रोड पर स्थित है चार और पहाड़ों के बीचो बीच इनमें जिला किले का निर्माण राजा दुर्जन साल ने करवाया था यह एक ऐतिहासिक धरोहर है जो धीरे-धीरे विलुप्त होने के कगार पर है परंतु सरकार की पहल से अब सरकार संरक्षण में है और इसे मरम्मत का कार्य किया जा रहा है
navratangarh fort history in hindi के बारे में क्या जानते हैं navratangarh gumla
झारखंड में वैसे तो राजा महाराजावों का किला कम देखने को मिलता है परन्तु जो भी किला झारखंड प्रदेश में है जैसे पलामू का किला ,रातूमहराज का किला ,रामगढ का किला,पद्मा का किला,नरायनपुर नवागढ़ का किला ,विश्रामपुर का किला,जैसे किलावों का नाम सबसे पहले आता है इसमें यदि बात करें पलामू का किला का तो इसका निर्माण काल 1766-1770 के लगभग चेरोवंशीय राजा गोपाल राय ने करवया था |
समय ब्यतीत होने के उपरांत इस किला का भी अस्तित्व जर्जर हो चूका है आज वर्तमान में खंडहर ही देखने को मिलेगा फिर भी पुरातात्विक एवं एतिहासिक होने की वजह से लोग इसे देखने आया करते हैं और यह पर्यटकों का मुख्य आकर्षण का केंद्र भी है इस किला को “पुराना और नया किला भी कहते हैं | साथ ही बेतला राष्ट्रीय उद्यान भी बगल में ही है जो भारत की टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है |
रातू महाराज का किला राजधानी रांची में रातू महाराज का महल रातू किला है । इसे लोग रातूगढ़ भी कहते हैं। इस देश के छोटे नागपुर पर शासन करने वाले नागवंशीय शासन के 61 वें महाराज प्रताप उदयनाथ शाहदेव ने कहा था। महाराजा फणिमुकुट राय नागवंश के पहले महाराजा थे।
छोटानागपुर के नागवंशीय शासक महाराज प्रताप उदयनाथ शाहदेव जिसने इस किले का निर्माण करवाया था वे 61 वे नागवंशी राजा थे रातू का किला को रातू गढ़ का किला भी कहते हैं और ये झारखंड की राजधानी रांची में ही है | और इसे लोग रातू महाराज का किला के नाम से जानते हैं |
नवरतनगढ़ किला झारखंड Navratangarh Gumla Jharkhand
FQA-
1.रांची से नवरतनगढ़ किला की दुरी कितना है ? (navratangarh fort distance from ranchi )
उतर रांची से नवरतनगढ़ किला की दुरी 71 किलोमीटर है |
2. झारखंड के नवरतनगढ़ के किला का क्या इतिहास है ?
उतर डोईसागढ़ नगर में सन 1571 में इस किले का निर्माण करवाया था नागवंशी शासक बैरी साल ने अपनी राजधानी खुखरा गढ़ से स्थानांतरित कर नवरतन को नया राजधानी बनाया था नवरत्न गढ़ जो है पहले चारों और पहाड़ और पेड़ पौधे सेबड़े बड़े पत्थर से घिरा भव्य किला का निर्माण राजा दुर्जन शाल