पलामू डाल्टनगंज शहर मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पुराना किला एवं नया किला झारखंड के ऐतिहासिक किलो में से एक पलामू का 400 साल पुराना ऐतिहासिक धरोहर है कहा जाता है की इस किले को अकबर ने कब्ज़ा करने की कोशिश की थी पर वो नाकाम रहा palamu four history
पलामू किला हिस्ट्री इन हिंदी palamu kila history in hindi
दक्षिण पठार में स्थित palamu kila ka rahasya | palamu kila history in hindi झारखंड राज्य अपने ऐतिहासिक स्थल एवं धरोहर के लिए जानी जाती झारखंड में कैसे पर्यटक स्थल है जहां पर लोग दूरदराज से इसके ऐतिहासिक हिस्ट्रिकल बातों को जानने के लिए आते हैं झारखंड के पलामू में स्थित लातेहार जिले में पलामू का किला के नाम से प्रसिद्ध किला लेकर ऐतिहासिक धरोहर है जिसे देखने के लिए लोग झारखंड के अन्य हिस्से एवं राज्य के बाहर से भी आते हैं एवं झारखंड अपने ऐतिहासिक गौरव के लिए जानी जाती है आज के इस लेख में आपको हम लातेहार जिला के पलामू का किला के बारे में बताएंगे
पलामू का किला का निर्माण किसने किया था Palamu kila daltongaj
लातेहार जिला मुख्यालय से सुंदर भारती क्षेत्र जंगलों के बीच में राजाओं के द्वारा निर्माण किया गया एक भव्य किला है था जो अब खंडहर के रूप में तब्दील हो गया है एक जो किला है वह मैदानी इलाका में है परंतु जो किला जंगल के बीचो-बीच है वह किला खंडहर में तब्दील हो चुका है कहा जाता है कि इस किला का निर्माण चेरो राजवंश के राजा गोपाल राय ने 1766 से 1770 के आसपास इसका निर्माण करवाया था
अपने प्राचीन गौरवशाली इतिहास के लिए भारत जानी जाती है ऐसे में भारत में कैसे ऐतिहासिक किले का निर्माण राजाओं के द्वारा किया गया था जिसके फल स्वरुप अनेक राज्यों में कैसे ऐतिहासिक किले हैं जो आज भी उनके ऐतिहासिक कहानी बयां करती हैं झारखंड राज्य में एक ऐसा किला है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह किला भारत के सबसे प्राचीन किलों में से एक है
और इसे पुराना किला भी कहा जाता है इसका निर्माण चेरो वंश के राजाओं ने किया था इस किले का निर्माण कुछ इस तरह से किया गया है जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से बनाया गया था जीरो वंश के राजाओं के द्वारा दो केले का निर्माण किया गया एक जो किला है वह मैदानी क्षेत्र में है और दूसरा किला पहाड़ी से सटे जंगल के बीच में किया गया है
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किले की भौगोलिक दृष्टिकोण
पलामू जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर का दूरी में स्थित दो खंडहर किले जिसको पुराना किला एवं नया किला के नाम से जानते हैं कहा जाता है कि पुराना किला जो चिरू राजवंश के निर्माण कल से पहले से यहां पर मौजूद था इसके लिए का निर्माण इस तरह किया गया था कि इसके तीन मुख्य द्वार थे एवं नए किले का निर्माण राजा मेदिनी राय के द्वारा किया गया था
पलामू किला का महत्व history of Palamu fort
लातेहार जिला में स्थित पलामू का किला झारखंड के ऐतिहासिक धरोहर में से एक है यदि आप इतिहास को पढ़ते हैं इतिहास को जानने की इच्छा रखते हैं तो आप ऐसे ऐतिहासिक चीजों से रूबरू हो सकते हैं जिसके लिए आप झारखंड के कई ऐसे किले हैं जहां आप जाकर विजिट कर सकते हैं और उसके ऐतिहासिक दृष्टिकोण को जान सकते हैं साथ ही
पलामू किला पहुंचने के रास्ते
पलामू की न पहुंचने के लिए आपको बस ट्रेन एवं हवाई जहाज व्यक्तिगत गाड़ी से आप इस जगह आ सकते हैं
रेलगाड़ी से कैसे आए _यदि आप रेलगाड़ी ट्रेन के माध्यम से इस जगह घूमने के लिए आ रहे हैं तो सबसे पहले आपको डालटनगंज रेलवे स्टेशन में उतरना होगा उसके बाद वहां से आप ऑटो बस टैक्सी कर सकते हैं
बस से कैसे आए यदि अब बस से आते हैं तो आपको राजधानी रांची के बस अड्डे पर उतरना होगा वहां से आपको कई सारे बसे मिल जाते हैं डायरेक्ट डाल्टनगंज के लिए डालटेनगंज आने के बाद आपको यहां से छोटी-छोटी गाड़ी मिल जाएगी
हवाई जहाज से कैसे आए
झारखंड में कई ऐसे रहस्य मई एतेहासिक धरोहर मोजूद हैं जिन्हें आप जान सकते है | पलामू किला की और अधिक जानकारी के लिए visit करे https://palamu.nic.in/